Tuesday, December 27, 2011

"अन्ना का अनशन"----एक सुपरहिट ड्रामे की श्रंखला

(मिलिए आतंकवादी यासीन मालिक और अन्ना जी से एक ही रजाई में )
मुख्य पात्र:-

कांग्रेसी "थिंक टेंक "एवं सोनिया मण्डली
दिग्विजय सिंह
अन्ना हजारे
बाबा रामदेव जी
भाई राजीव दीक्षित जी
विदेशी कंपनियों के भारतीय दलाल



इस नाटक की शुरुआत तब होती है जब स्वदेशी आन्दोलन के प्रखर प्रवक्ता राजीव दीक्षित जी भारत स्वाभिमान यात्रा के तहत गाँव गाँव जाकर लोगो को स्वदेशी और अपनी संस्कृति के बारे में लोगो को जागरूक कर रहे थे. विदेशी कंपनियों की लूट, कोल्ड ड्रिंक के रूप में ज़हर, पाश्चात्य दर्शन की और हमारा झुकाव और उसके दुष्परिणाम, हमारी आज़ादी का दुष्प्रचार जैसे कई विषयों पर उनके तर्कपूर्ण व्याख्यानों से विदेशी कंपनियों के दलाल और कांग्रेसी सरकार डर गयी थी
 
 
इसी यात्रा के सिलसिले में राजीव भाई एक बार रालेगन सिद्धि गए वाह उनकी मुलाकात श्री अन्ना हजारे जी से हुई राजीव भाई ने उनकी सामाजिक कार्यो में रूचि को देखकर उन्हें अपना मंच दिया और स्वामी रामदेव जी से मुलाकात करवाई, ३० नवम्बर २०१० को राजीव भाई की मौत (हत्या) हो गई |

उसके बाद स्वामी रामदेव जी महाराज ने भारत स्वाभिमान यात्रा करने का संकल्प लिया
हर तहसील जिले में जाकर वो अपना गला फाड़कर लोगो को समझाते की किस तरह ये कांग्रेस और विदेशी कंपनिया हमें लूट रही है लोग जागरूक होने लगे थे उन्हें पता चल गया था की इन कांग्रेस्सियो ने ५० सालो से देश को लूटकर स्विस बैंक में जमा कर रखा है |
 
बाबा योग के साथ साथ देशभक्ति की भी शिक्षा देने लगे थे ये कांग्रेसी सरकार को बर्दाश्त नहीं हो रहा था| इसी कारण से कभी बाबा का गुणगान करने वाली मीडिया और कांग्रेस ने बाबा की छवि ख़राब करने का प्रयास शुरू कर दिया था


 
दिनांक :- १४ नवम्बर २०१०

स्थान :- जंतर मंतर, दिल्ली


बाबा के मंच पर अरविन्द केजरीवाल, किरण बेदी, अन्ना हजारे, प्रसिद्ध वकील रामजेठमलानी जी और भ्रष्टाचार के सबसे बड़े दुश्मन डॉक्टर सुब्रमनिं स्वामी जी के साथ मौजूद काफी गणमान्य लोग कालेधन को वापस लाने की मुहीम में बाबा का साथ देने की अपील करते है तब कोई भी अन्ना और अरविन्द को पहचानता तक नहीं था बाबा उनका देश से परिचय करवाते है
 
दिनांक :- २७ फरबरी 2011

स्थान:- रामलीला मैदान, दिल्ली


बाबा के मंच पर मौजूद सभी लोग (with अन्ना) काला धन वापस लाने के लिए एक देशव्यापी आन्दोलन का आवाहन करते है| चूँकि बाबा की हर रैली किसी न किसी देशभक्त के जन्म दिवस या शहीद दिवस से सम्बंधित होती थी इसलिए २७ फरबरी (चन्द्र शेखर आज़ाद का शहीद दिवस) के बाद बाबा ने ४ जून(महाराणा प्रताप का जन्म दिवस) को काले धन को वापस लाने की मांग को लेकर आमरण अनशन करने की घोषणा की

२७ फरबरी के बाद शुरू हुआ षड़यंत्र=== 

कांग्रेस को बाबा को मिलता हुआ अपार जनसमर्थन देखकर डर लगने लगा था | उसे अपना असितत्व खतरे में दिखाई दिया तो उसने एक गेम प्लान किया--- बाबा और कालेधन की मांग को ब्रह्माण्ड में विलीन करवाने का षड्यंत्र रचा और उसी षड्यंत्र के तहेत कांग्रेस और अन्ना का मिलाजुला खेल शुरू हुआ |

दिनांक :- 5 अप्रैल 2011

स्थान :- जंतर मंतर


जनता के सामने एक नया हीरो अवतरित हुआ और एक नया मुद्दा, उस हीरो को अनशन पर बिठाया गया और इसका पूरा खर्चा उठाया कांग्रेसी सांसद नवीन जिंदल ने कांग्रेस के टुकडो पर पलने वाली मीडिया ने उसका खूब जोर शोर से प्रचार किया की वो एक ही दिन में जीरो से हीरो बन गया

दिनांक :- ४ जून 2011

स्थान :- रामलीला मैदान


२१ घंटे में ही कांग्रेसी साम्राज्य की नीव हिल गयी सरकार अपनी सभी साजिशो को असफल होता देखकर कांग्रेस ने ओरते बुजुर्ग और छोटे छोटे बच्चो पर लाठी चार्ज करवा दिया, जलियावाला बाग़ याद आ गया लोगो को बहिन राजबाला की हत्या भी की कांग्रेस ने, मीडिया ने बाबा के खिलाफ दुष्प्रचार करने में कोई कमी नहीं छोड़ी
  
इसी बीच ९ जून से १६ जून तक सोनिया और राहुल स्वीजरलैंड में अपना कला धन ठिकाने लगा आये बाद में जब स्विस बैंक के सीईओ ने ये रकम बताई तो वो ४०० लाख करोड से कम होकर २८० लाख करोड बची
अन्ना ने दिल्ली पुलिस की कायवाही के विरुद्ध एक दिन का सांकेतिक अनशन (ड्रामा) भी किया



दिनांक :-१६ अगस्त २०११

स्थान :- रामलीला मैदान


अन्ना का तीसरा अनशन शुरू अन्ना को ४ जून के EMOTION का फायदा मिला और लोग ड्रामा देखने जुटे इसी बीच सोनिया किसी गुप्त रोग का इलाज कराने अमेरिका चली गयी और सुनने में ये भी आया था की उन्होंने BLACK MONEY को GOLD में CONVERT कर लिया
अन्ना ने आन्दोलन के सफल बनाने केलिए सबका नाम लिया लेकिन बाबा और उस शहीद को भुला दिया जिसने आन्दोलन में अपनी जान दे दी क्योंकी वो बाबा रामदेव जी के भारत स्वाभिमान ट्रस्ट से जुड़ा था |

अन्ना ने ये कहकर अनशन तोड़ दिया की सरकार ने हमारी मागे मान ली सभी अंधभक्तो ने खूब एन्जॉय किया जबकी सचाई ये है कि, अन्ना और कांग्रेस दोनों ने मिलकर देश को उल्लू बनाया| पड़े रात को दिन कैसे कह दूं.....?
   

अग्निवेश ने अमरनाथ यात्रा को ढोंग कहा तो अन्ना शांत |

अग्निवेश ने कश्मीर के बिना भारत के नक़्शे के चित्र का अनावरण किया अन्ना फिर भी शांत |

अग्निवेश ने अन्ना को पागल हाथी कहा तो टीम से निकल दिया गया |

प्रशांत भूषण ने कश्मीर लोड़ने की बात कही और मेधा पाटेकर और संदीप पाण्डेय ने सेना के खिलाफ रैली निकाली | अन्ना जी मौन व्रत पर निकल पड़े,  क्यों?

कुमार विश्वास ने भगवन शिव और बाबा के खिलाफ अशोभनीय व्यंग किया "अकबर की तरह गए थे जोधा की तरह आये" यही बोला था न बाबा के लिए कुमार साहब ने | अन्ना जी मौन

संदीप पाण्डेय ने राष्ट्भाक्त संगटन आर एस एस की तुलना आतंकी संगठन से की, अन्ना जी मौन

किरण बेदी भ्रष्टाचार में लिप्त पायी जाती है और बाबा राम देव के लिए बोलती है "Baba Ramdev has a hidden agenda ."



११ दिसम्बर २०११ को भी एक अनशन ड्रामा किया गया और आज भी एक ड्रामा स्टार्ट होने वाला है|
ये अन्ना का जन लोकपाल बिल के लिए चौथा अनशन होगा लेकिन क्या हासिल हुआ पिछले तीन नाटको में

जहा से हमने चलना शुरू किया था वही खड़े है और अगर गहराई से सोचे तो और पीछे ही चले गए है अन्ना बार बार ड्रामा करके लोगो को उलझाये रखना चाहते है जबकी नारा होता है अबकी आर पार ये आर पार कब होगी शायद अन्ना भी नहीं जानते पर ड्रामा तो करना ही है क्योंकी गांधीवादी पार्टी यही चाहती है ताकि सबका ध्यान BLACK MONEY से हटाया जा सके
    
कुछ समय बाद कांग्रेस जन लोक पाल बिल पारित करा देगी .. इंतजार का फल मीठा होता है लोग अन्ना को भगवन की तरह पूजने लगेगे जो अन्ना कहेगे वही लोग करेगे चूंकि बिल कांग्रेस ने पारित करवाया इसलिए अन्ना कहेगे हम कांग्रेस सरकार के बहुत आभारी है और हमे सारे गिले शिकवे भूल जाना चाहिए चुकी अन्ना ये भी मानते है की भ्रष्टाचार में कांग्रेस के पास बेच्लोर डिग्री है तो बीजेपी के पास पीएचडी इसलिए अगर २०१४ के आम चुनावों में अन्ना कांग्रेस के पक्ष में वोटिंग करवाए तो कोई आश्चर्य नहीं होना चाहिए


जो सहमत है उनके लिए ये रियल स्टोरी है और जो असहमत है उनके लिए सिर्फ स्टोरी


4 comments: