Thursday, November 24, 2011

राहुल गाँधी के घर पर देशभक्तों ने माँगी भीख

(धनंजय सिंह प्रकृतिवादी का फाइल चित्र )
 
हम युपी के भिखमंगे हैं ! राहुल गाँधी भीख दो !!
वोट मांगने वाले भिखमंगे ! युपी वालों को भीख दो !!

... ... ... यह नारा लगते हुए काँग्रेस महासचिव राहुल गाँधी के आवास पर कल शाम करीब 6.30 पर देशभक्त नौजवानो ने भीख मांगकर प्रदर्शन किया! अनशन कर रहे नौजवानों ने कहा कि हम युपी वाले हैं ! हमें भीख दो तभी यहाँ से जायेंगे ! जब सुरक्षा कर्मियों ने उन्हें रोकने की कोशिश की तो उन नौजवानों ने कहा कि भिखमंगों को भीख देने की औकात नहीं है और उत्तर प्रदेश वालों को भिखमंगा बोलता है ! उतरप्रदेश की गली-गली में काँग्रेस के लोग भीख मांगते फिर रहे हैं और यह भिखमंगों का राष्ट्रीय महासचिव छुप कर दिल्ली में क्यों बैठा है ?

जब इन्होने भीख लिए बिना जाने से इनकार कर दिया तो पुलिस इन्हें गिरफ्तार कर थाने ले गयी ! उतरप्रदेश की जनता का प्रतिनिधित्व कर रहे इन देशभक्त नौजवानों के नाम हैं :-
१. धनंजय सिंह प्रकृतिवादी
२. प्रबल प्रताप सिंह
३. मोहम्मद नौशाद एवम अन्य देश भक्त

इन सभी नौजवानों को इस महान उपलब्धि के लिए साधुवाद ! हार्दिक धन्यवाद !!

पहले भारतीये होने में शर्म आती थी अब युपी वाला होने में शर्म आती है ऐसे बबलू/अमूल बेबी को मौके पर चौका लगाकर औकात बताने वाले बहादुर नौजवानों का अभिनन्दन !

वन्दे मातरम

Wednesday, November 16, 2011

स्टिंग ऑपरेशन उन नेताओ का भी करो जो सरकारी खर्चे पर छुपकर अफजल गुरु को मिलने जाते है ।

अभी थोड़े दिवस पहले हमारे महान धर्म-निरपेक्ष राष्ट्र के स्वतन्त्र और तथाकथित निष्पक्ष मीडिया भूत-प्रेत चेनल इंडिया टीवी ने एक स्टिंग ऑपरेशन किया, देश के एक महत्वपूर्ण हिस्से को पाकिस्तान को दे देने की राष्ट्रीय वकालत करने वाले को सुप्रीम कोर्ट के उसी के चेम्बर में जाके कूटने वाले देशभक्तों, (जो  विदेशी चंदे का गुलाम भारतीय सेकुलर मीडिया के लिए देशद्रोही है)  के खिलाफ एक फर्जी  स्टिंग ऑपरेशन किया गया जिसमे उन्हें देश का दुश्मन साबित करने की पुरजोर कोशिश की गयी | हमारी फौज के तोपों के मुह बंद है लेकिन मीडिया के केमरे आग उगल रहे है, एक क्रांति आ गयी हे, तथाकथित धर्म-निरपेक्ष राष्ट्र मे ? वाकई मीडिया दुवारा किये जा रहे राष्ट्रहित एवं भगवा धार्मिक सुधार कार्य स्वागत योग्य है, कम से कम धार्मिक सुधार की कोशिश की, लेकिन जब हम इन स्टिंग ऑपरेशन से परे थोड़े शांत हो कर सोचते है तो यह पाते है की सभी सुधार कार्य ( स्टिंग ऑपरेशन ) सिर्फ एक धर्म विशेष और देश भक्तो के खिलाफ ही क्यो ? आईये आज हम एसे ही एक मीडिया समाज सुधारक का साक्षात्कार मुफ्त में लेते है | शायद आपको पसंद आये !


प्र स्टिंग ऑपरेशन हमेशा एक धर्म विशेष के लिए ही क्यो ?

ये अंदर की बात है ताकि नेताओ से शाबाशी मिले। आजकल मीडिया “कोंपीटीशन” कितना बढ़ गया हे ना ? मार्केट मे बने रहने के लिए रिस्क लेना पड़ता है बॉस ।


प्र कभी ऐसे भी स्टिंग ऑपरेशन करो जहा कौनसी फलाना अभिनेत्री कौनसे सेक्स रेकेट मे लिप्त है, या पहले थी ? जो कभी कभी टी वी पर सच्चाई की बाते भी करती है, फिर “डील″ के ऊपर “डील साइन” करती है, पहले हजारो मे ? अब लाखों मे ?


नहीं, ऐसा नहीं कर सकते है, क्योकि इससे हमारे अभिनेताओ से संबंध खराब होते है, ये तो सभी को पता है, बताने की क्या जरूरत। वेसे भी नाम और “केरियर” खराब होगा उनका । अभी पिछले दिनों एक नौकरनी ने इज्जतदार अभिनेता पर बलात्कार के आरोप लगाए थे । आखिर सबको सच्चाई पता चल गयी ना ? (सबको पता है नौकरानी शायद करोड़ पति हो गयी होगी )


प्र कभी ऐसे भी स्टिंग ऑपरेशन करो जहा कौनसी मॉडल पैसो के लिए किस हद तक जाती है?, कौनसे कौनसे नशे के रेकेटों से जुड़ी है? ढोंगी स्वयंवर रचाने वाली पवित्र और तथाकथित “नाबालिग कन्याओं” को भी आपके पवित्र सुधारक पर्दे पर लाओ ?


नहीं, क्योकि इनके बिना बढ़िया रेटिंग नहीं मिलती ना, हमे उनके कार्यक्रम तो दिखाने पड़ते हे ना, वेसे भी इंडिया मे एक वर्ग एसा भी है जो यह भी नहीं जानता है की भारत का राष्ट्रपति कौन है लेकीन उसे यह जरूर पता है की फलाना सुपर स्टार कहाँ रहता है और उसकी कौनसी फिल्म आ रही है और वे झोपड्पट्टी मे भी टीवी जरूर देखते है, भले ही एक समय का खाना नसीब न हो ? उनका भी तो ख़्याल रखना पड़ता है ना ? और फालतू समय मे विज्ञापन लाने के लिए गाना बजाना / सब दिखाना होता है ना ? वेसे आपको इनसे क्या दुश्मनी है ? वे तो अपना केरियर बनाती है ना ? और वेसे भी वे सभी सेकुलर है आपकी तरह । (भले ही समाज से, युवाओ को उससे नुकसान हो, वे बिगड़ें, उन्हे कुछ भी हासिल न हो, सिवाय बरबादी के )


प्र अच्छा, क्या आप जनता को बताएँगे की कितनी अभिनेत्रियाँ, “आइटम गर्ल″, सेक्स रेकेटों और प्रोस्टिक्यूशन मे पकड़ी गयी और पुलिस के इतिहास मे वे दर्ज हो गयी, लेकिन मूर्ख जनता को आपने बताया ही नहीं। क्या ये समाज सुधार और सूचना अधिकार का हिस्सा नहीं है ? हर आदमी थोड़े ही rti के ऑफिस मे जाएगा ?


क्या मुसीबत है बार बार एक जेसे ही सवाल….। नहीं, क्योकि इससे उनकी बदनामी होगी और भविष्य और “केरियर” पर खतरा पड़ेगा और हमारे “बिज़नस” पर बुरा असर पड़ेगा ।


प्र कभी ऐसे भी ऑपरेशन करो जहा पर विदेशी कम्पनियाँ भी अवेध ( सरकारी हिसाब से वेध ) कारोबार मे शामिल हो कर मिलावटी और वस्तुए बाजार मे खपाती हो ? और ऊपर से वे ब्रांड और विज्ञापन का महंगा चोला लगाते है ( ताकि शुद्ध लगे ), लेकिन दुसरें शुद्ध काम कर के भी उतना मुनाफा नहीं कमा पाते या पकड़े जाते है !


अरे पागल हो गए हो, विदेशी कंपनियो पर केसे लांछन लगा सकते हो, उनसे तो हमे आमदनी होती है, हम विज्ञापनो के लिए किसी भी हद तक जा सकते है चाहे सुबह के समय मे धार्मिक प्रवचन के साथ साथ कोंडम की विज्ञापन हो, या शाम को परिवार के साथ मे मिल कर खाने के समय पैड के विज्ञापन हो (भले ही वे कंपनियाँ विज्ञापन मे मिलावट करती हो )


प्र कभी ऐसा भी बताओ जनता को की ये हमारे देश भक्त क्रिकेटर, और अभिनेता जो बड़े उपदेश देते फिरते है, टिप्पणियाँ करते है, जिसमे से कितनों ने घर पर ए-के ४७ राइफलों को भी नजदीक से देखा हो, और किसी ने तो भारत मे प्रतिबंदित जानवर का शिकार कर के खाया हो । भले ही वे कोक, पेप्सी, फेंटा, मिरिंडा, स्प्राइट, कॉलगेट, पेप्सोडेंट, वोक्स वेगन, हुंडाई, लक्स, डेटोल, जॉन्सन एंड जॉन्सन, लेज, कुरकुरे, बूस्ट, एडीडास जेसे विदेशी ब्रँडो के विज्ञापन करते हे । भले ही भारत मे साल मे २५० से अधिक घरेलू इकाइया बंद हो जाती हो । रास्ते पर आ जाते है स्वदेशी । तब इनकी देश भक्ति कहाँ जाती है । क्या उनको पता नहीं है इस विचार के बारें मे, लेकिन ऐसे भी लोग है इस देश मे जो पूरी उम्र स्वदेश की सेवा मे लगा देते है बिना बीवी बच्चो के, ऐशों आराम के, लेकिन वे गुमनाम ही रहते है पूरी उम्र… क्यो ?


“वॉट नॉनसेन्स”, अरे क्या तुम भी रूढ़िवादी हो, सांप्रदायिक ? जब जनता विदेशी समान खरीद रही है तो भला इन्हे विज्ञापन से क्या परेशानी है ? भैया ये लोग स्टार है और हम लोग इनकी पेरो की जुतिया, समझे । ये लोग जो करे वो हमे मानना पड़ेगा । जो बोले वह करना पड़ेगा । अरे भैया ये स्वदेश-विदेश सिर्फ फिल्मों के नाम के रूप मे अच्छे लगते है, क्या होता है ये स्वदेशी पालन ? यहा दुनिया ग्लोबल हो रही है और ये पूरी उम्र स्वदेश से जी लगाए फिरते है, खाओ पियो ऐश करो ! खुद खाओ दूसरों को खिलाओ ! एक बात और, स्टार हमसे और हम स्टार से है, हमारे बिना स्टार-विस्टार कुछ नहीं होता है ।


प्र अरे लेकिन सरकारी लेब ने तो यह सिद्ध कर दिया हे की ये कोल्ड ड्रिंक जहर है फिर भी ये लोग प्रचार करते है और देश भक्त बनते है, अरे ये कोल्ड ड्रिंक पानी का कितना पीने के पानी का कितना दुरपयोग करती है, और ये सेलेब्रिटी लोग “पानी-बचाओ” विज्ञापन करते है, भाई ये बात तो हमे हजम नहीं हुई |


अरे भाई तुम्हें इनसे क्या एलर्जी हे ? प्रश्न पूछना हे की नहीं, तो ऐसे प्रश्न मत ना पूछो हमे । मेरे पास समय कम हे ।


प्र अच्छा आप ऐसा स्टिंग ऑपरेशन करो जहां पर लड़कियां ग्रुप बना कर रेव / सेक्स / नशा पार्टियां करती है और मोबाइल मे पॉर्न फिल्मे रखती / देखती है। इससे तो समाज का और माँ बाप का काफी भला होगा ।


छोड़िए ना, ये तो सभी करते है, ये तो आजकल आम है, ये तो काम ये महिला आयोग का और पुलिस का है, और ये जवानी मे नहीं करेंगे तो बुढ़ापे मे करेंगे ? क्या आपने कॉलेज मे ऐसा नहीं किया होगा भला ? हमें तो ऐसी खबर दो जहा पर शराबी महिलाओ / लड़कियों की हिन्दू ग्रुप पिटाई कर रहे है ( इससे सरकार मे हमारा रुतबा बढ़ेगा ), मासूम, बिचारे और औरतों को छेड़ते हुए मनचलो की जनता पिटाई कर रही है । मॉरल पुलिस बनने का अधिकार सिर्फ हमे दिया है सरकार ने, तभी तो आजकल कम से कम घोटाले उजागर हो रहे है, अब हमारा काम स्टिंग ऑपरेशन कर के रेटिंग कमाना हे तो केसे भी कर के किसी न किसी का तो स्टिंग करना पड़ेगा ना ? तो हमने किसी धर्म विशेष को ही चुना जो बहुत सॉफ्ट है, जिसमे सब सेकुलर और उदार होते है, किसी को कुछ नहीं कहते है, एसी खबरों को खबरे कहते है। और इनके स्ट्रिंग ऑपरेशन करने के विदेशो से करोडो मिलते है


प्र क्या आप कॉमनवेल्थ के घोटालो का स्टिंग ऑपरेशन करेंगे ?


नहीं, नहीं, ये बहुत “सेंसिटिव्ह मेटर” है, देश का नाम बदनाम होगा |


प्र कभी किसी मिशनरिज केन्द्रो का भी स्टिंग ऑपरेशन करो, पता करो ना की वहाँ पर क्या चल रहा है और हर साल मे कितने हिन्दू से ईसाई बनाए जा रहें है ? उनके आगे के क्या क्या उद्येश्य है ? आगे कितना टार्गेट है, रोज रेलगाड़ियो मे कितने मिशनरियों को भेजा जाता है लोगो को उपदेश देने के लिए ?


नहीं उन्होने तो हमे न. 1 बनाया है, क्योकि हम उनके खिलाफ हमेशा अच्छी खबरें देते है, क्या आपको पता नहीं है ईसाइयो पर हमले हुए थे तब हमने उनका कितना दिल जीता था ? यही कारण हे की आजकल अँग्रेजी चेनलों की संख्या बढ़ रही है ( धर्म प्रचार को लेकर ) वेसे भी ये भी कोई महत्वपूर्ण विषय नहीं है, आजकल धर्मांतरण तो आम है। सेकुलरिस्म का हिस्सा है, सिंह से शाह, जमनालाल से जोसफ, लल्लू से लॉ, बबलू से बौबी. इसमे कैसी बुराई है ? दुनिया ग्लोबल हो रही है भाई साहब । कहाँ हो आप ? और फिर चर्च हमे पैसा देना बंद कर देगा भाई और मैडम की नाराजगी अलग |


प्र कभी उन आतंकवादी स्थलो का भी स्टिंग ऑपरेशन कर लिया करो जहा पर हमलो की योजनाए बनती है, जहा पर हथियारो के झखीरे है, दंगे मे अचानक कहाँ से ए-के ४७ राइफलें निकल आती है ? कभी इंडियन मुजाहिद्दीन जेसे और भी नेटवर्क का भी पर्दा फ़ाश करो ।


ये काम तो सुरक्षा एजेंसियो का है हमारा नहीं ! और उनमे हमारा कोई “फाइदा” नहीं है, उल्टा नुकसान है…. !…?? ( कोई विज्ञापन नहीं देगा रेटिंग गिर जाएगी, हमारी ) साउदी अरब पैसा देना बंद कर देगा सो अलग |


प्र ऐसे स्थानो का भी स्टिंग करो जहा पर जर्मन बेकरी के जैसे न जाने कितने षड्यंत्र होते है, और कसाब जेसे पहले से ही हथियारो के ढेर छुपाते है, आने से पहले ? माफ करना मैं मालेगांव के आरोपियों का नाम लेना भूल गया, नहीं तो मुझे कट्टर कहेंगे आप, मैं भी सेकुलर हूँ । सलमान खान की कसम ! सेकुलर हूँ मैं !


हमने कहाँ ना, ये तो सब काम सुरक्षा एजेंसियो का है ? हमे उनसे खतरा मोल नहीं लेना, हमारे अस्तित्व का प्रश्न है ।


प्र तो, ऐसे जगह स्टिंग ऑपरेशन कर के दिखाओ जहा पर किसी धर्म विशेष के लोगो को ही अनुमति है जनता को बताओ की वहाँ ऐसा क्या हो रहा है की वह स्थान दूसरे धर्म के लोगो के लिए प्रतिबंधित है, हिन्दू धार्मिक स्थल ( माफ करना बाकी धर्म स्थान ) तो सेकुलरिस्म की जीती जागती मिसालें होते है


नहीं हम ऐसा नहीं कर सकते ये बहुत “सेंसिटिव्ह मेटर” है, इससे उनकी धार्मिक भावनाए आहात होती है, वेसे भी वे सताये हुये, निर्दोष है । ये हमारे “स्ट्रेटेजी” मे नहीं है, इससे सिर्फ नुकसान ही नुकसान है, कोई दर्शक इसे पसंद नहीं करेगा । ( एसे मामलो मे देश पूरा सेकुलर हो जाता है )


प्र कभी कश्मीर के अलगाव वादी नेताओ का स्टिंग ऑपरेशन करो जो सरकारी खर्चे पर चुपके चुपके अफजल गुरु जेसे देश-भक्तो से मिलने जाते है


हमें सरकार ने अनुमति नहीं दी, ये काम सरकार का है किसको कब सजा देनी है ! वेसे भी अभी तक अफजल का जुर्म साबित नहीं हुआ है ? है ना ? और बेचारा कसब को तो मंद वश किया गया था |


प्र उन अंधेरे स्कूलों मे जहा सिर्फ रात मे ही उजाला होता है, स्टिंग ऑपरेशन करो उन देश द्रोहीयों का जो मुंबई पर हमले के तुरंत बाद रिस्वत-खोर , फिक्सरों, पाकिस्तानी खिलाड़ियो को याद करते है, उनका स्टिंग ऑपरेशन करो की वे उनसे कब और कहाँ बाते करते है ?


क्या बात कर रहे हो, बात ही तो की हे उन्होने कौनसा हमला कर दिया है, वे तो बड़े स्टार है, हमारे चेनल पर बड़े बड़े विज्ञापन उनके ही तो आते है, और हमें वे सपोर्ट करते है वे, वे तो सेकुलर हे, कौनसे देश-द्रोही है । क्या आपको दिखता नहीं वे टेक्स भरते है सरकार को, करोड़ों का, हमारी कितनी आमदनी होती है उनसे । हमें उनसे संबंध खराब नहीं करने है । हम उनसे है और वे हमसे !
….बहुत हो गया अब मुझे जाना है ! दूसरे बड़े मीडिया “ग्रुप” मे इंटरव्यू है मेरा आज, देर हो रही है


प्र बस एक प्रश्न, “सिर्फ” एक प्रश्न । 

प्र आप के सुबह सुबह के कार्यक्रम मे आने वाले ज्योतिष विद्वानो, फेंग शुई, वास्तु शास्त्र वालों का भी स्टिंग कीजिये ना ? उनमे से कितनों के ऊपर लेनदारी, ठगी और जमीन से जुड़े केस चल रहे है ?


????…. नहीं वे साफ होते है, हम तो उन्हे चुनी हुई पत्तियाँ की तरह और खास चुने हुए बगानों से हम चुन चुन कर लाते है, आप बकवास कर रहे है…… !

“आपका बहुत बहुत धन्यवाद सेकुलर मीडिया भाई ! जो हमे अच्छी अच्छी धर्म निरपेक्षता की बातें बताई हमे आपने नए तरीके से सिखाया की कैसे मिल बाँट कर धर्म निरपेक्षता और देश भक्ति की अंधी चादर ओढ़ कर कितने ही “इलीगल″ और एक वर्ग का प्यार हासिल करने उनको खुशी देने के लिए, रेटिंग हासिल करने के लिए भले ही दूसरे सॉफ्ट वर्ग की भावनाओ को ठेस पहुंचाने वाले कार्य आसानी से किए जा सकते है ।
वेसे भी एक चेनल को न १ की रेटिंग के लिए कितने करोड़ दर्शको, टीआरपी की जरूरत पड़ती है ज्यादा से ज्यादा १०-१५ करोड़ बस, तब तो यह काम आसान है, हर किसी को यह व्यवसाय करना चाहिए, कोई खतरा नहीं, सिवाय नाम, शोहरत, ऐश, पैसे पाने के
http://www.shreshthbharat.in/2010/09/13/interview-of-corrupt-indian-media/

Monday, November 14, 2011

भूत प्रेत से निकलकर फर्जी स्ट्रिंग ओप्रेसन तक

एक कंपनी हैं। नोएडा में किराए की इमारत में चलती है। किराया और बिजली का बिल भरने को ले कर इमारत के मालिक से विवाद भी हो चुका है। मगर इस कंपनी ने अमेरिका की एक फंडिंग कंपनी को इतनी रंगीन तस्वीर पेश की कि, उसने एक करोड़ डॉलर से ज्यादा का निवेश इस कंपनी में कर दिया। कंपनी का नाम बताएं इसके पहले एक भूल सुधार। निवेश जिस कंपनी में हुआ है वह एक पति पत्नी द्वारा चलाई जा रही बगैर किसी बड़े ढांचे और पूंजी वाली कंपनी हैं और जुगल जोड़ी द्वारा चलाई जा रही ये कंपनी एक चर्चित टीवी चैनल की मालिक हैं और टीवी चैनल का नाम हैं -इंडिया टीवी। अमेरिका की इंटरनेशनल वेंचर फंड कॉम वेंचर्स की सहयोग कंपनी फ्यूज प्लस मीडिया ने रजत शर्मा और उनकी दूसरी पत्नी रितु धवन द्वारा चलाई जा रही इंडिपेंडेंट न्यूज सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड को करोड़ों डॉलर सौंप कर इंडिया टीवी में नहीं बल्कि इंडिपेंडेंट न्यूज सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड में भागीदारी खरीदी है। यह कंपनी किसी जमाने में कई चैनलों के लिए टीवी कार्यक्रम बनाती थी। 
 
यह कंपनी इंडिया टीवी भी चलाती है और उत्तराखंड में एक टीवी पत्रकारिता संस्थान भी। रजत शर्मा की इस बात के लिए तारीफ तो बनती ही है कि , दिल्ली के कश्मीरी गेट इलाके के एक छोटे से कमरे में पूरे परिवार के साथ रह कर जिंदगी शुरू करने वाले इस व्यक्ति ने अच्छा खासा टीवी साम्राज्य खड़ा कर दिया है। टीवी चैनल कई बार टीआरपी के शिखर पर भी पहुंच जाता है। यह बात अलग है कि अक्सर इस चैनल पर आपको यह बताया जाता है कि, आसमान का रंग नीला इसलिए है क्योंकि वैज्ञानिक प्रयोग किए जा रहे हैं औ जल्दी ही यह लाल हो सकता हैं,  या यह कि, बच कर रहिए, पृथ्वी दो साल में नष्ट होने वाली है, या यह कि एलियन  गाये का दूध पीते है या यह की एक निश्चित दिन ही सड़क दुर्घटनाएं ज्यादा क्यों होती है और कौन सा मंत्र पढ़ने से बचा जा सकता है, या यह कि राखी सावंत से ले कर अभिषेक बच्चन तक कौन से ताबीज पहनते हैं। भूत प्रेत नियमित चैनल पर आते जाते  हैं और इस चेनल का कल्याण करते है। एक निर्दोष बच्ची आरुषि तलवार की हत्या हुई तो चैनल ने बाकायदा एक घंटे तक दो मोबाइल फोन तोड़ कर देश को बताया कि, मोबाइल कैसे नष्ट किए जाते हैं। जैसे की मानो हत्यारे को बता रहा हो की भाई अगर मोबाइल नष्ट नहीं किये तो एसे नष्ट कर ले | यही नहीं देश और समाज को लाइव बलात्कार तक के दर्शन कराये, देश में प्रलय आ जाए मगर इंडिया टीवी पर आपको नाच गाना और भूत प्रेत ही दिखेंगे हां कभी कभी झूटी स्ट्रिंग ओप्रेसन भी आते रहेते है|

एक बार तो इंडिया टीवी ने एक समाज सेविका को आईएसआई का जासूस दिखा कर पेश कर दिया था और जब शिकायत हुई तो उसे नेशनल ब्रॉडकास्टर्स एसोसिएशन से निकाला गया। बाद में माफी मांगने पर फिर से शामिल किया गया और इस बार चैनल का प्रतिनिधत्व एक ऐसे सज्जन कर रहे हैं जिन्हें यू टयूब नामक वेबसाइट्स से चोरी कर के कहानियां बनाने के लिए गिनीज बुक में भेजा जा सकता हैं। अब हाल ये है की टीआरपी और विदेशी फंड के लालच में देशद्रोही के साथ से भी गुरेज नहीं. 

ऐसी कंपनी अगर विदेशी निवेश बटोर लाए तो इसे रजत शर्मा की उस प्रतिभा का कमाल कहना चाहिए जिसकी वजह से कम उम्र में ही वे एक बड़ी पत्रिका के संपादक बन गए थे और प्रेस इनफार्मेशन ब्यूरो की मान्यता के लिए ग्वालियर के एक अखबार के फर्जी अनुभव प्रमाण पत्र का इस्तेमाल किया था। जो फर्जी थे वे फर्जी ही रहेंगे। आखिर इंडिया टीवी फर्जी समाचारों का चैनल है और यहां जो बिकता है वहीं दिखता हैं। इंडिया टीवी में और किसने कितना कितना निवेश किया हैं यह तो पता नहीं लेकिन जिस ठाठ से यह चैनल चल रहा है उससे जाहिर है कि देने वाले बहुत है। इंडिया टीवी में हाल के दिनों में काफी बदलाव आए हैं और एक सबसे बड़ा बदलाव यह है कि रजत शर्मा ने किसी वैज्ञानिक चमत्कार का सहारा ले कर अपने टकले सिर पर बालों की खेती उगा ली है। पता नहीं वीरेंद्र सहवाग को उन्होंने उस डॉक्टर का पता बताया कि नहीं जिसने उनका हुलिया सुधार दिया है।

Thursday, November 3, 2011

अन्ना ने अनशन किया क्यों और तोडा क्यों ??

अन्ना ने कहा था कि जब तक जन लोकपाल पास नहीं हो जाता वे अनशन नहीं तोड़ेंगे। उसके बाद फिर से अन्ना ने पैंतरा बदला और कहा कि अनशन तोड़ रहे हैं लेकिन जन लोकपाल बिल पास होने तक वो धरना जारी रखेंगे।


उनके दोनों बयानों में "जनलोकपाल" शब्द का प्रयोग हुआ। लोकपाल तो वैसे भी सरकार ला ही रही थी मगर टीम अन्ना को सरकार के लोकपाल से समस्या थी इसलिए उन्होंने लोकपाल के लिए नहीं बल्कि जनलोकपाल के लिए अनशन किया। सरकार के लोकपाल और अन्ना के जनलोकपाल में मुख्य अंतर था तीन मुख्य बातों का 
  1. प्रधानमंत्री को जनलोकपाल के दायरे में लाया जाए 
  2. न्यायपालिका को जनलोकपाल के दायरे में लाया जाए 
  3. सांसद जनलोकपाल के दायरे में हो 


जिन तीन मांगो के नाम पर अन्ना सारे देश के लोगों को रोड पर ले आये बाद में अन्ना ने पैंतरा बदल कर ये तीनो मांगे तो गौण कर दी और नयी तीन मांगे पेश कर दी | ये तीनो मांगे थी :- 
  1. नागरिक संहिता 
  2. निचले स्तर के कर्मचारियों को लोकपाल के अधीन करना 
  3. राज्यों में लोकायुक्त कि स्थापना 


और जब उन्होंने अनशन तोडा तो यह कहा कि प्रधानमंत्री ने जनलोकपाल पास करने के आश्वाशन कि चिट्ठी भेजी है इसलिए मैं अनशन समाप्त कर रहा हूँ।


सभी देश वासी उनसी जन्लोकपाल के लिए सडको पर उतरे थे। और सभी ने सोचा कि अन्ना सच कह रहे हैं प्रधानमंत्री ने जन लोकपाल लाने के लिए आश्वासन दे दिया है अब जन लोकपाल आ जायेगा और देश खुशहाल होगा।


ये था वो धोखा जो अन्ना ने पुरे देश को दिया।


अन्ना ने पुरे देश को झूठ बोला कि, प्रधानमंत्री  ने जन लोकपाल के लिए आश्वासन दिया है, जबकी प्रधानमंत्री ने ऐसा कोई आश्वासन दिया ही नहीं था।ये दिखिए प्रधानमंत्री का वो पत्र जिसमे सिर्फ तीन मांगो के रेजोल्यूशन को पास किये जाने का उल्लेख है। इसमें अन्ना कि उन तीन मांगो का कहीं उल्लेख नहीं है जिस के लिए कि उन्हें अनशन पर बैठना पड़ा था | प्रधानमंत्री ने साफ़ साफ़ लिखा है कि वे सिर्फ बाद वाली तीन मांगो पर सहमत हुए हैं। तो फिर अन्ना ने पुरे देश से झूठ क्यों बोला कि सरकार शीतकालीन सत्र में जन लोकपाल लाने के लिए तैयार हो गयी है?











अब बताइये कौनसे लोकपाल का इंतज़ार कर रहा है देश ?
क्या अन्ना ने देश को झूठ नहीं बोला ?
क्या ये भी उनके राजनीति का हिस्सा है ?
क्या राजनीति से अपने आपको दूर बताने वाले अन्ना को राजनीति आती है ?




अब अन्ना का तीसरा पैंतरा देखिये 
प्यारे भारतीय सिर्फ इसी बात से खुश हो रहे हैं कि अन्ना कांग्रेस का विरोध कर रहे हैं . तो उनकी भी सूचना के लिए बता दूँ कि, एक तो अन्ना ने पहले ही कह दिया था कि, जन लोकपाल पास होने के बाद वो कांग्रेस के लिए काम करेंगे |और अब तो अन्ना ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखाकर वादा भी कर दिया है कि पांच राज्यों में होने वाले आगामी चुनावो में वे किसी पार्टी विशेष का विरोध नहीं करेंगे . यानी कि कांग्रेस का विरोध नहीं करेंगे 


ये दिखिए उनके पत्र का अंश 











तो क्या अन्ना ये मानते हैं कि उन्होंने हिसार में कांग्रेस का विरोध करके गलत किया था ?
तो क्या अन्ना अब कांग्रेस पार्टी में से सदाचारी लोगों को ढूंढकर उन्हें वोट देने कि अपील करेंगे ?


क्योंकि आपके अनुसार भाजपा तो एक सांप्रदायिक पार्टी है|
क्योंकि आपके अनुसार नरेन्द्र मोदी तो भट्ट पर अत्याचार करते हैं
क्योंकि आपके अनुसार अडवानी पदयात्रा कि जगह रथयात्रा करते हैं 
क्योंकि किरण बेदी कहती है कि मोदी को किसने हक दिया उपवास करने का 
क्योंकि संघ कांग्रेस के साथ साजिश करके आपको बदनाम करता है 


क्या देशवासियों को बिलकुल निरा ही समझ रखा है ??