Friday, December 21, 2012

मोमबतिया फूकने दरिंदो की दरिंदगी नहीं रुकेगी

23 वर्षीय दामिनी (परिवर्तित नाम )
द्वारका मोड़ जाने के लिए अपने एक मित्र के
साथ बस का इन्तेज़ार कर रही थी ,
तभी एक स्कूल बस उन्हें देखकर रूकती है और
बस का ड्राईवर राम सिंह उन्हें बुलाता है | बस में सभी शीशों पर काले परदे लगे हुए थे
तथा यह बस सामान्य ट्रांसपोर्ट के इस्तेमाल के
लिए नहीं थी पर जल्दी की वजह से
वो दोनों बस में चढ़ गए | बस में पांच और लोग मौजूद थे , बस में चढ़ने के
बाद दामिनी के मित्र के सर पे लोहे की रोड़
से वार किया गया और उसे चलती बस से बाहर
फेंक दिया गया | उसके बाद उन सब ने बारी बारी से उस मासूम
का बलात्कार किया और बस को दिल्ली एन
सी आर की पौश कॉलोनियों में घुमाते रहे| बुरी तरह से बलात्कार करने के बाद उनमे से एक
दरिंदे ने बेहद दर्दनाक तरीके से वही लोहे
की रोड़ दामिनी के गुप्त अंग में घोंप
दी जो पूरी योनी मार्ग को चीरती हुई पेट तक
जा घुसी और खून का गुबार फूट पड़ा | ये शैतान यहां भी नहीं रुके ,
इस अधमरी लहू लुहान हालत में इन नर
पिशाचों ने उसे चलती बस से बाहर फ़ेंक
दिया | खून से लथ पथ वो मासूम नग्न अवस्था में पूरे
एक घंटे तक सड़क पर पड़ी तडपती रही पर
किसी ने भी उठाने या ढंकने का प्रयास
नहीं किया ,
जब पुलिस आई तब भी किसी ने पुलिस
का भी सहयोग उसे उठाने में नहीं किया , क्यों कि न वो उनमे से किसी की बहन थी न
बेटी और आज वही लोग टीवी पर पोपकोर्न
खाते हुए खबरे देख देख कर आंसू बहा रहे हैं,
तो कोई मोमबत्ती हाथ में लेकर इवेनिंग वाक
पर निकल रहा है ............... ............... ............... ....
उस मासूम बच्ची की , छोटी आंत और बड़ी आंत पूरी तरह से नष्ट हो चुकी है,
तथा वो अब जीवन पर्यंत न कुछ खा सकती है
न शादी शुदा जीवन व्यतीत कर सकती है , न
कभी माँ बन सकती है|
दामिनी का ऑपरेशन करने वाले डॉक्टर
का कहना है "मैं बयां नहीं कर सकता इस बच्ची ने
क्या झेला है, बताते हुए मेरी जुबां काँप जायेगी " चलती बस में से फेंकने के कारण
उसकी पसलिया भी टूट चुकी है और वो अब
तक 5 बार कोमा में जा चुकी है , होश में आते
ही रोने लगती है और सिर्फ यहि बात
बोलती है ..... "मेरे साथ जो हुआ वो किसी को मत बताना, मैं
जीना चाहती हूँ "
अब उस को क्या पता न्यूज़
चैनेलों की टी आर पी उसी की
वजह से आसमान
छू रही है !!!!!!!!!!! ये क्यों हुआ , क्यों हो रहा है , क्यों बढ़ रहा ,
कौन जिम्मेदार है ,ये बहस जारी है, पर हकीकत यही है सच कोई स्वीकार नहीं
करेगा, न कोई सख्त कानून बनेगा. जैसे ही मामला ठंडा होगा मीडिया से न्यूज़
आउट होगी लोग मोमबती जलना भी छोड़ देंगे क्यूँकी मोब्बती फुकने का उद्श्ये
मुद्दे का हल नहीं बस इस इस्सू पर हमने कुछ किया यही आत्म संतुस्थी इससे
ज्यादा कुछ नहीं................
बलात्कारी पहले भी फायदे में थे और इस केस में भी फायदे में रहेंगे मौत की सजा मामूली है इस केस के अपराधीयो के साथ बिलकुल वही किया जाए जो उन्होंने उस लडकी के साथ किया...........और उसके बाद भी जिन्दा रहते है तो खोलते तेल में डालकर ताल दिया जाए और चील कोवो को खाने के लिए दे दिया जाए........