Friday, December 9, 2011

अभियक्ति की स्वत्रन्त्रता पर सरकार के तानाशाही खिलाफ अनिशचितकालिन अनशन की इज़ाज़त रद्द और गिरफ्तार

(भगत सिंह क्रांति सेना के अध्यक्ष तजिंदर पाल सिंह बग्गा का फाइल चित्र)
देश की सरकार द्वारा जनता की आवाज को दबाने के लिए तुगलकी और तानाशाही फैसले किये जा रहे है. पहले से ही भ्रस्टाचार और  महंगाई से परेशान जनता पर इस तरह के नये नये फरमान सुनाना लगता है सरकार के लिए एक रोजाना कार्य बन गया है.लोगो के आवाज़ उठाने के तरीको और स्वतंत्रता की अभिव्यक्ति पर लगाम लगाने की सरकार द्वारा कोशिशे लगातार चल रही है. और लोग अगर उसका संवेधानिक तरीको से विरोध करते है तो उन्हें गिरफ्तार किया जाता है और उन पर मुकदमे दर्ज किये जाते है जो की भारतीय सविधान की मर्यादा को तार तार करने का प्रयास  है. और हम इसका खंडन,निंदा और कड़ी भर्त्सना करते है.

लगभग 3-4 दिन पहले मानव संसाधन मंत्री कपिल सिब्बल जी द्वारा सोशल नेटवर्किंग साइट्स फेसबुक और ट्विटर पर अंकुश लगाने का प्रयास करना इस तानाशाही रविये का एक नमूना है. और जनता में इस चीज का भारी रोष,आक्रोश और गुस्सा है.और इस आक्रोश को शातिपूर्वक प्रगट करने जब भगत सिंह क्रांति सेना के कार्यकर्त्ता  कपिल सिब्बल जी के घर गुलाब और गेट वेल सून के कार्ड लेकर गये तो उन्हें बलपूर्वक गिरफ्तार किया गया और उनके ऊपर मुकदमा दर्ज किया गया. शांतिपूर्वक विरोध करने के प्रयास को सरकार द्वारा इस प्रकार कुचलना लोकतंत्र की हत्या करने के सामान है और देश को आघोषित आपातकाल की याद दिला रहा है. भगत सिंह क्रांति सेना पर ही नहीं उसके अलावा श्री अन्ना हजारे जी और इंडिया अगेंस्ट करप्शन  के 100 से ज्यादा लोगो पर भी इसी प्रकार से तानाशाही तरीके से केस दर्ज किये गये है. अभीव्यक्ती की स्वतंत्रता को कुचलने की सरकार के इस प्रयास का भगत सिंह क्रांतिकारी सेना विरोध करने के लिए 9 दिसम्बर प्रात: 11 बजे से अनिशित्कालिन अनशन पर बैठ रहे थी. जिसकी कानूनन इज़ाज़त ली गयी थी पर बिना किसी पूर्व सूचना के सरकार के दबाब में इज़ाज़त रद्द कर दी गयी और भगत सिंह क्रांति सेना के कर्येकर्ताओ को गिरफ्तार किया गया . भगत सिंह क्रांति सेना की सरकार से मांगे है.


1- सरकार द्वारा लोगो के मोबाईल पर लगाये गये एसएमएस सीमा के प्रतिबन्ध को वापस लिया जाये.कोई आपने निजी मोबाईल से अपने किसी परिचित को एक संदेश भेजे यां एक हजार इसकी सीमा सरकार नही तय कर सकती.इस प्रकार का फैसला लोगो की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को कुचलना है.


2-सोशल नेटवर्किंग साइट्स फेसबुक और ट्विटर ब्लॉग उपभोग्तायो पर कपिल सिब्बल द्वारा अंकुश लगाने की मांग करना भी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को कुचलना है.हम मांग करते है कि सरकार कपिल सिब्बल के इस ब्यान को ख़ारिज करे और इस प्रकार के किसी भी फैसले को तुरंत वापिस ले


3- शांतिपूर्वक विरोध करने के प्रयास में इंडिया अगेंस्ट करप्शन  के 100 से ज्यादा लोगो पर जो मुकदमे दर्ज हुए है उन्हें वापिस लिया जाये.


4-कपिल सिब्बल के घर गुलाब का फूल और गेट वेल सून के कार्ड देने के आरोप में मेरे और जो भगत सिंह क्रांति सेना के बाकी लोगो पर मुकदमा दर्ज किया गया उन्हें वापिस लिया जाए.क्योंकि हमारा मानना है की हमने फूल देकर कोई कानून का उल्लंघन नही किया है और हमारे पर दर्ज किया गया मुकदमा केवल सरकार द्वारा जनता की आवाज़ को कुचलने का एक प्रयास है.

4 comments:

  1. इतना बुरा हाल तो अंग्रेजी राज में भी नहीं रहा होगा।

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  2. Keep the faith, my Internet friend. You are a first-class writer and deserve to be heard.

    From Computer Addict

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