हिन्दुस्तान का अस्तित्वा मिटाने
के लिए...इतिहासकार विंसेट स्मिथ ने साफ़ लिखा है की अकबर एक सबसे बड़ा
दुष्कर्मी, घ्रणित, पूर्व विचारित, निरकुश हत्याकांड करने वाला क्रूर शशक
था.....और आप और हम सब क्या पढ़ रहे है की अकबर महान था. क्या ये सब महानता
के लक्षण होते है???
*जून 1561- एटा जिले के (सकित परंगना) के 8 गांव की हिंदू जनता के विरुद्ध अकबर ने खुद एक आक्रमण का संचालन करा और
परोख नाम के गांव के मे १००० से ज़्यादा हिंदुओं को जिंदा जलवा दिया
था........क्या ये था अकबर महान?
*क्या अकबर ने हिंदू
राजकुमारियों से इज़्ज़त के साथ विवाह कर? नही एक से भी नही...जोधा बाई से
भी नही ....ये सभी बलात उठाई गयी थी या फिर उनके बाप भाई को हिरासत मे ले
कर दी गयी यातनाओ को बंद करने की एकमात्र शर्त पूरी करने का प्रतिफल
थी....चाहे वो राजा भारमल और उनके ३ राजकुमारों को यातना दे कर उनकी पुत्री
को हरम मे भेजने को मज़बूर करना हो ...इसके अनगिनत उदहारण है..सबूतों के
साथ..
* सबसे मनगढ़ंत किस्सा की अकबर ने दया करके सतीप्रथा पे रोक
लगा दी..जबकि इसके पीछे उसका मुख्य मकसद केवल यही था की उनके राजाओं को
मार कर राजकुलिन हिन्दू नारियों को अपने हरम में ठूंस दो....राजकुमार जैमल
की हत्या के पश्चात अपनी अस्मत बचाने को घोड़े पे सवार होकर सती होने जा
रही उसकी पत्नी को अकबर ने शमशान घाट जा रहे सम्बन्धियों को बीच रस्ते से
ही पकड़ कर उसके सारे सम्बन्धियों को कारागार में डाल के राजकुमारी को हरम
में ठूंस दिया था.....अगर वो दया वाला था तो ससम्मान उसके जिंदा
सम्बन्धियों को समर्पित कर देता और जाने देता.
*अकबर की प्रशंशा
के गीत गाने वाला अबुल फज़ल -आईने अकबरी , को अकबर के समय के सारे मुगलों
ने अकबर का एक नंबर का निर्लज्ज चापलूस बताया है
* जिसके खानदान
के सारे पुरावाज़ जैसे हुमायूँ , बाबर दुनिया के सबसे बड़े जल्लाद थे और
अकबर के बाद के जहागीर और औरंगजेब दुनिया के सबसे बड़े दरिन्दे थे तो ये
बीच में महानता की पैदाईश कैसे हो गयी जबकि इसके कुकर्मों के सारे साक्ष्य
आज भी उपस्थित है ..लेकिन हम भारतिय मजबूर क्योंकी हमसे सच से दूर रखा गया.
* अकबर के सभी धर्म के सम्मान करने का सबसे बड़ा सबूत----हिन्दुस्थान की
सभी नदियों के किनारे छोटे छोटे घाट बने है , जहाँ हिन्दू अपने पर्व पे
सरलता से स्नान और पूजा करते है लेकिन हिन्दू राजाओं द्वारा निर्मित
अलाहबाद के किले में जहाँ ये रहता था....गंगा यमुना सरस्वती का संगम ( जहाँ
कुम्भ का मेला सदियों से आज भी लगता आ रहा है) के किनारे के सारे घाट इस
पिशाच मुग़ल ने तोड़ डाले थे...आज भी वो सारे साक्ष्य वहा मोजूद है..
* अकबर के सभी धर्म के सम्मान करने का सबसे बड़ा सबूत---२८ फरवरी १५८० को
गोवा से एक पुर्तगाली मिशन इसके एक और निवास स्थान फतेहपुर पंहुचा जहाँ उन
लोगो ने इनको एक बाईबल भेंट करी जिसे इसने बिना हाथ लगाए ही वापस कर
दिया...( मोदी जी के मुल्ला टोपी न पहनने पे बवाल मचाने वाले सेकुलर कीड़े
इसकी इसी महानता के गुणगान करते है?)
* हमारे इतिहास में हम लोगो
को मुर्ख बनाने के लिए कहा जाता है की अकबर को देवी आती थी जबकि 1578 में
उसे पहली बार मिर्गी का दौरा पड़ा था क्योंकि उसके सभी दरबारी उससे बगावत
कर रहे थे जिससे उसकी मानसिक हालत ख़राब हो चुकी थी......
*४
आगस्त १५८२ को इस्लाम को अस्वीकार करने के कारण सूरत के २ ईसई युवकों को
अकबर ने अपने हाथों से क़त्ल किया था जबकि इसाईयों ने इन दोनों युवकों को
छोड़ने के लिए १००० सोने के सिक्को का सौदा किया था..लेकिन उसने क़त्ल को
ज्यादा सही समझा..
*अगस्त १५८२ में २० नवजात हिन्दू शिशुओं को
उनकी माताओं से छीन कर भाषा उत्पत्ति नामक एक गन्दा अमानवीय प्रयोग करने के
लिए एकांत और निर्जन स्थान पे भेज दिया जिसमे वो सभी अकाल मृत्यु के शिकार
हो गए..
*१५८७ में जनता का धन लूटने और अपने खिलाफ हो रहे
विरोधों को ख़तम करने के लिए अकबर ने एक आदेश पारित करा की जो भी उससे
मिलना चाहेगा उसको अपनी उम्र के बराबर मुद्रए उसको भेंट में देनी पड़ेगी.
* जिन्दगी भर अकबर की गुलामी करने वाले हिन्दू राजा टोडरमल ने अपने जीवन
के आखिरी समय में अपनी गलती मान कर उसके प्रेषित के लिए हरिद्वार में अपने
प्राण त्यागने की इच्छा जताई थी..
*औरतों का झूठा सम्मान करने
वाले अकबर ने सिर्फ राजपाट और अपनी हवास के लिए न जाने कितनी मुस्लिम औरतों
की अस्मत लुटी थी और हिन्दू औरतों को हरम में ठूंस दिया था..इसमें मुस्लिम
नारी चाँद बीबी का नाम भी है
औरतों का झूठा सम्मान करने वाले
अकबर ने सिर्फ राजपाट और अपनी हवस के लिए अपनी सगी बेटी आराम बेगम की पूरी
जिंदगी शादी नहीं की और अंत में उस की मौत अविवाहित ही जहागीर के शाशन काल
में हुयी...
*दिनभर इसकी चाटुकारिता करने वाले अबुल फज़ल की
चापलूसी की हरकतों से तंग आके अकबर के पुत्र सलीम ने ही उसको घात लगा के
ग्वालियर में हत्या कर दी थी....
*जीवन भर इससे युद्ध करने वाले
महान महाराणा प्रताप जी से अंत में इसने खुद ही हार मान ली थी और इसको हरा
कर हिन्दू राजाओं की अस्मत बचाने का श्रय हिन्दू राजाओं ने महाराणा प्रताप
के ही सर पे बंधा था..( इन्ही महारण को मुस्लिम तुष्टिकरण और हिन्दू खून के
प्यासे गाँधी ने कायर बताया था)...
इसी परंपरा को अकबर के पुत्र
जहागीर ने आगे बढ़ाया था की अकबर के बार बार निवेदन करने पे भी जीवन भर
जहागीर केवल ये बहाना करके .महराना प्रताप के पुत्र अमर सिंह से युद्ध करने
नहीं गया की उसके पास हथियारों और सैनिकों की कमी है..जबकि असलियत ये थी
की उसको अपने बाप का बुरा हश्र याद था.
किसी ने सही कहा है कि, "इतिहास बनाये नहीं जाते बल्कि इतिहास "'लिखे " जाते है, और वह भी अपने मुताबिक़....", ताकि आने वाली पीढ़ियों तक सच्चाई कभी न पहुँच सके |
kamal kaa lekh dhanyvad ese hi jagrukta late rahiye
ReplyDeletevande matram
बहुत अच्छी प्रस्तुति!
ReplyDeleteइस प्रविष्टी की चर्चा कल शनिवार के चर्चा मंच पर भी होगी!
सूचनार्थ!
हालांकि मैं कोई आकबर को पसंद या नपाण्ड करने वाली महिला नहीं हूँ। हाँ मगर तब भी इतना ज़रूर कहना चाहती हूँ की पता नहीं आप जो कह रहे हैं वो कहाँ तक सच है मगर मैंने आज तक जो कुछ भी पढ़ा उसको मध्य नज़र रखते हुए मुझे नहीं लगता की वो सारी बातें गलत हो सकती है। हाँ होसकता है कुछ एक बातें गलत हों भी मगर सभी कुछ गलत हो ऐसा मैं नहीं मानती बाकी तो अपना-अपना नज़रिया है। कृपया किसी बात को अन्यथा ना लें और यदि समय मिले आपको तो कभी आयेगा मेरी भी पोस्ट पर आपका स्वागत है।
ReplyDeleteपल्लवी जी नमस्कार आपकी बात भी ठीक है इसलिए मैंने अपने ब्लॉग के आखरी पेरे में लिखा था
Delete"किसी ने सही कहा है कि, "इतिहास बनाये नहीं जाते बल्कि इतिहास "'लिखे " जाते है, और वह भी अपने मुताबिक़....", ताकि आने वाली पीढ़ियों तक सच्चाई कभी न पहुँच सके|"
यही इस देश की तथाकथित सरकारों ने आज तक किया, इसलिए आपने तो सही पड़ा पर आपको जो पढाया गया वो इतिहास नहीं इतिहास बनया गया था|
हो सके तो इस ब्लॉग को भी पढियेगा....
http://agniveer.com/3209/akbar-great-hi/
शिक्षा के नाम पर मष्तिष्क में इतना कूढा इकठ्ठा हो जाय
ReplyDeleteके हटाये न हटे फिर क्या होना चाहिए इसका समाधान भी विज्ञ जन सोचें.
वर्तमान समय की शिक्षा प्रणाली और लोगों की कॉन्वेंट स्कूलों के प्रति
ललक इस प्रकार का भूसा भरने का काम ही करेगी
इतिहास गवाह है कि, अकबर को 'गाजी' की उपाधि से नवाजा गया था. इस्लामी कायदों के मुताबिक़ 'गाजी' वह होता है जो काफ़िरो (गैर-मुसलमानों) का खात्मा करे या उन्हें अल्लाह की खिदमत में लाये.
ReplyDeleteफिर भारत के मूर्ख लोग अकबर महान का राग अलापते हैं. क्योंकि हमें इतिहास ही गलत पढ़ाया गया है. जे एन यु के कम्युनिस्ट इतिहासकारों या रोमिला थापर जैसे लोगो द्वारा लिखा गया इतिहास पढ़ाने से ये नौबत आई है. दुःख की बात तो ये है कि आशुतोष गोवारीकर जैसे लोग अकबर पे फिल्म बनाते हैं, जिसे पैसा खर्च करके हिन्दू बड़े चाव से देखने जाते हैं. लेकिन आज तक महाराणा प्रताप या शिवाजी या रणजीत सिंह, गुरु गोविन्द सिंह पे बड़े बजट की फिल्म बनाने की हिम्मत किसी ने नहीं की.
इतिहास गवाह है कि, अकबर को 'गाजी' की उपाधि से नवाजा गया था. इस्लामी कायदों के मुताबिक़ 'गाजी' वह होता है जो काफ़िरो (गैर-मुसलमानों) का खात्मा करे या उन्हें अल्लाह की खिदमत में लाये.
ReplyDeleteफिर भारत के मूर्ख लोग अकबर महान का राग अलापते हैं. क्योंकि हमें इतिहास ही गलत पढ़ाया गया है. जे एन यु के कम्युनिस्ट इतिहासकारों या रोमिला थापर जैसे लोगो द्वारा लिखा गया इतिहास पढ़ाने से ये नौबत आई है. दुःख की बात तो ये है कि आशुतोष गोवारीकर जैसे लोग अकबर पे फिल्म बनाते हैं, जिसे पैसा खर्च करके हिन्दू बड़े चाव से देखने जाते हैं. लेकिन आज तक महाराणा प्रताप या शिवाजी या रणजीत सिंह, गुरु गोविन्द सिंह पे बड़े बजट की फिल्म बनाने की हिम्मत किसी ने नहीं की.