वो
राजेश खन्ना की तरह अदाकार नहीं थे , ठुमके नहीं लगते थे , उनके सम्बन्ध
सब से मधुर थे , फ़िल्मी भांडों की तरह उनके सम्बन्ध किसी से जायज या किसी
से नाजायज नहीं थे ,
वो राष्ट्र भक्त थे , वो एक स्वयं सेवक थे
जिन्होंने कभी राष्ट्र भले के अतिरिक्त अपने लिए कुछ नहीं चाह , वो सुदर्शन
थे भगवन श्री कृष्ण के सुदर्शन चक्र की भाति भारत के सुदर्शन ,, वो एक
राष्ट्रवादी संगठन के पूर्व सरसंघसंचालक थे जिन्होंने
अप
ना पूरा जीवन अविवाहित रहकर राष्ट्र की सेवा में लगा दिया और बाद मृत्यु
के अपनी आँखे भी दान कर गए जिससे आज एक अंध व्यक्ति देख पाने में सक्षम है
,,, उन नेत्रों के अतिरिक्त परम पूजनीय सुदर्शन जी हमारे ह्रदय में सदैव
जीवित रहेगे |
हाँ वो कोई राजेश खन्ना जैसे अभिनेता नहीं थे
जिसके मरने पर २० दिन तक मिडिया श्रधांजलि देती रही ,,,, वो एक राष्ट्र
भक्त थे जिनको श्रधांजलि सिर्फ उन्होंने दी जिनको इस राष्ट्र से प्रेम है
,,, किसी के नाचने ,गाने, ठुमके लगाने से नहीं ||
अगर कोई फ़िल्मी भांड अपनी टी शर्ट उतार कर किसी के ऊपर फेक देता या फिर कोई क्रिकेटर अपना बैट नीलाम कर उसका पैसा दान में दे देता तो यह भांड बिकाऊ इलेक्ट्रोनिक मिडिया कई दिन तक इस खबर को विज्ञापनों के साथ आपको परोसता रहता किन्तु राष्ट्र का एक अनमोल रत्न , माँ भारती का एक सच्चा सपूत जो अपनी पूरी जिंदगी राष्ट्र और धर्म की सेवा बिना किसी लोभ के करता रहा जिसका जीवन एक खुली किताब की तरह पुरे भारत के सामने
राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के किसी स्वयंसेवक ने कभी अपना प्रचार नहीं किया ना ही संघ ने अपने किये कार्यों का प्रचार किया किन्तु आज मरणोपरांत सुदर्शन जी को सम्मान ना देना दिल को चोट पंहुचा रहा है ||
अगर कोई फ़िल्मी भांड अपनी टी शर्ट उतार कर किसी के ऊपर फेक देता या फिर कोई क्रिकेटर अपना बैट नीलाम कर उसका पैसा दान में दे देता तो यह भांड बिकाऊ इलेक्ट्रोनिक मिडिया कई दिन तक इस खबर को विज्ञापनों के साथ आपको परोसता रहता किन्तु राष्ट्र का एक अनमोल रत्न , माँ भारती का एक सच्चा सपूत जो अपनी पूरी जिंदगी राष्ट्र और धर्म की सेवा बिना किसी लोभ के करता रहा जिसका जीवन एक खुली किताब की तरह पुरे भारत के सामने
रहा
| वो माँ भारती का बेटा अपने नेत्र एक जरूरतमंद को दान करके गया इस बिकाऊ
मिडिया में उसकी कंही चर्चा नहीं है ,,,, अगर सुदर्शन जी के स्थान पर सचिन
होता ? सलमान होता ? आमिर या शाहरुख या कोई और प्रसिद्ध नाम होता तो भी
क्या मिडिया यह व्यवहार करती ?? ,,, जी नहीं पैसे के लिए खेलने वाले
क्रिकेटर और पैसों के लिए ठुमके लगाने वाले फ़िल्मी भांड या फिर वो नाम जो
कांग्रेस से आता उसके लिए यह मिडिया दिन रात अपनी श्रधांजलि देती और लोगो
को उनसे प्रेरणा लेने के लिए बोलती ,,, यही मिडिया राहुल के किसी गरीब के
खाने की खबर को दिन रात दिखाती है जो आज एक राष्ट्रभक्त के निधन और एक महान
नेत्रदान जैसे कार्य को कोई स्थान नहीं दे रही ||
राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के किसी स्वयंसेवक ने कभी अपना प्रचार नहीं किया ना ही संघ ने अपने किये कार्यों का प्रचार किया किन्तु आज मरणोपरांत सुदर्शन जी को सम्मान ना देना दिल को चोट पंहुचा रहा है ||
तेरा वैभव अमर रहे हे राष्ट्र पुत्र हे माँ भारती के लाल |
कोटि कोटि वंदन है , शत शत नमन है ||
(एक ही विकल्प "भारत")
सुदर्शन जी को शत शत नमन:
ReplyDeleteवो वापिस आयेंगे.... क्योंकि उनका कार्य अधूरा है.