आर के अग्रवाल नाम के एक विसिलब्लोअर ( घोटाला उजागरकर्ता ) ने बैंक सिस्टम व पब्लिक में नकली करेंसी नोटों की घुसपेठ करने वाले स्टेट बैंक कर्मचारी अभियुक्तों के विरुद्ध सुप्रीम कोर्ट में मुकदमे की प्रभावी पैरवी करने हेतु वकील श्री प्रशांत भूषण ( कथित PIL Filing Expert ) को नियुक्त किया था अभियुक्तों की याचिकाएं अलाहबाद उच्च न्यायालय में वर्ष 2008 में ख़ारिज हो चुकी थी जिसके विरुद्ध अभियुक्तों ने सुप्रीम कोर्ट में एस एल भी ( क्रिमिनल ) दाखिल कर राखी हैं , श्री प्रशांत भूषण ने प्रभावी पैरवी करने के बजाये अभियुक्तों को अवैध लाभ लाभी पहुचने हेतु व अपने ही Client को न्याय में देरी व न्याय से वंचित करने हेतु साजिश करते हुये अभियुक्तों से सांठ गाँठ कर ली तथा मुक़दमे की पैरवी अभियुक्तों के पक्ष में फिक्स (fix ) कर ली ! श्री भूषण के इस भ्रष्ट कदाचार आचरण की शिकायत पीड़ित Client ने संवेधानिक संस्था Bar Council of Delhi में याचिका संख्या – 57 /2011 , के द्वारा की है की याचिका में प्रशांत भूषण को किसी भी न्यायालय में Practice करने के का licence लाइसेंस निरस्त करने की प्रार्थना की गयी है !
BAR COUNCIL OF DELHI NOTICE COPY TO PRASHANT BHUSHAN …
agar koi galti karne ke bad sudhrne ka prayas kare to?????
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