Friday, December 21, 2012

मोमबतिया फूकने दरिंदो की दरिंदगी नहीं रुकेगी

23 वर्षीय दामिनी (परिवर्तित नाम )
द्वारका मोड़ जाने के लिए अपने एक मित्र के
साथ बस का इन्तेज़ार कर रही थी ,
तभी एक स्कूल बस उन्हें देखकर रूकती है और
बस का ड्राईवर राम सिंह उन्हें बुलाता है | बस में सभी शीशों पर काले परदे लगे हुए थे
तथा यह बस सामान्य ट्रांसपोर्ट के इस्तेमाल के
लिए नहीं थी पर जल्दी की वजह से
वो दोनों बस में चढ़ गए | बस में पांच और लोग मौजूद थे , बस में चढ़ने के
बाद दामिनी के मित्र के सर पे लोहे की रोड़
से वार किया गया और उसे चलती बस से बाहर
फेंक दिया गया | उसके बाद उन सब ने बारी बारी से उस मासूम
का बलात्कार किया और बस को दिल्ली एन
सी आर की पौश कॉलोनियों में घुमाते रहे| बुरी तरह से बलात्कार करने के बाद उनमे से एक
दरिंदे ने बेहद दर्दनाक तरीके से वही लोहे
की रोड़ दामिनी के गुप्त अंग में घोंप
दी जो पूरी योनी मार्ग को चीरती हुई पेट तक
जा घुसी और खून का गुबार फूट पड़ा | ये शैतान यहां भी नहीं रुके ,
इस अधमरी लहू लुहान हालत में इन नर
पिशाचों ने उसे चलती बस से बाहर फ़ेंक
दिया | खून से लथ पथ वो मासूम नग्न अवस्था में पूरे
एक घंटे तक सड़क पर पड़ी तडपती रही पर
किसी ने भी उठाने या ढंकने का प्रयास
नहीं किया ,
जब पुलिस आई तब भी किसी ने पुलिस
का भी सहयोग उसे उठाने में नहीं किया , क्यों कि न वो उनमे से किसी की बहन थी न
बेटी और आज वही लोग टीवी पर पोपकोर्न
खाते हुए खबरे देख देख कर आंसू बहा रहे हैं,
तो कोई मोमबत्ती हाथ में लेकर इवेनिंग वाक
पर निकल रहा है ............... ............... ............... ....
उस मासूम बच्ची की , छोटी आंत और बड़ी आंत पूरी तरह से नष्ट हो चुकी है,
तथा वो अब जीवन पर्यंत न कुछ खा सकती है
न शादी शुदा जीवन व्यतीत कर सकती है , न
कभी माँ बन सकती है|
दामिनी का ऑपरेशन करने वाले डॉक्टर
का कहना है "मैं बयां नहीं कर सकता इस बच्ची ने
क्या झेला है, बताते हुए मेरी जुबां काँप जायेगी " चलती बस में से फेंकने के कारण
उसकी पसलिया भी टूट चुकी है और वो अब
तक 5 बार कोमा में जा चुकी है , होश में आते
ही रोने लगती है और सिर्फ यहि बात
बोलती है ..... "मेरे साथ जो हुआ वो किसी को मत बताना, मैं
जीना चाहती हूँ "
अब उस को क्या पता न्यूज़
चैनेलों की टी आर पी उसी की
वजह से आसमान
छू रही है !!!!!!!!!!! ये क्यों हुआ , क्यों हो रहा है , क्यों बढ़ रहा ,
कौन जिम्मेदार है ,ये बहस जारी है, पर हकीकत यही है सच कोई स्वीकार नहीं
करेगा, न कोई सख्त कानून बनेगा. जैसे ही मामला ठंडा होगा मीडिया से न्यूज़
आउट होगी लोग मोमबती जलना भी छोड़ देंगे क्यूँकी मोब्बती फुकने का उद्श्ये
मुद्दे का हल नहीं बस इस इस्सू पर हमने कुछ किया यही आत्म संतुस्थी इससे
ज्यादा कुछ नहीं................
बलात्कारी पहले भी फायदे में थे और इस केस में भी फायदे में रहेंगे मौत की सजा मामूली है इस केस के अपराधीयो के साथ बिलकुल वही किया जाए जो उन्होंने उस लडकी के साथ किया...........और उसके बाद भी जिन्दा रहते है तो खोलते तेल में डालकर ताल दिया जाए और चील कोवो को खाने के लिए दे दिया जाए........

Saturday, November 10, 2012

जानिए कौन है ये अनु टंडन ?



जानिए कौन है ये अनु टंडन ? इनके पति संदीप टंडन की रहस्यमय ढंग से स्विट्जरलैंड में मौत क्यों हुई ? सिर्फ बीएससी पास अनु को मुकेश अंबानी ने आठ हजार करोड़ की पूजी लगाकर एक सोफ्टवेयर कम्पनी मोटेक क्यों दे दिया ? आखिर लगातार घाटे के बावजूद भी मुकेश अंबानी इस कम्पनी को क्यों चलाते रहे ? संदीप टंडन जिस कम्पनी के छापा मारे उसकी कम्पनी के निदेशक कैसे बन गये ? फिर वो मुंबई के बजाय जयूरिख क्यों रहते थे ?

देश की जनता इन सवालों का जबाब गाँधी खानदान से चाहती है ..

१-आखिर अनु टंडन जिसने सिर्फ दो दिन पहले ही कांग्रेस ज्वाइन किया उसे राहुल गाँधी ने सांसद का टिकट क्यों दिया ? और अगर टिकट दिया तो उन्नाव में राहुल गाँधी ने अनु को जिताने के लिए एडी चोटी का जोर क्यों लगाया ?

२- रिलाएंस ग्रुप पर छापा मारने वाले संदीप टंडन के इशारे पर पूरी केंद्र सरकार और गाँधी परिवार क्यों उनके कदमो में गिर जाता था ? आखिर संदीप टंडन ने मुकेश अंबानी के ठिकानो और एचएसबीसी बैंक पर छापे के दौरान ऐसी कौन कौन से दस्तावेज बरामद किये जिससे गाँधी परिवार संदीप टंडन के इशारे पर नाचता रहा ?

३- आखिर संदीप टंडन की स्विट्जरलैंड के ज्यूरिख में हुई रहस्यमय मौत की जाँच क्यों नही हुई ? एक कांग्रेसी सांसद और उपर से राहुल गाँधी के कोर कमेटी का मेबर अनु टंडन के पति की रहस्यमय मौत पर केंद्र सरकार और कांग्रेस खामोश क्यों ?

४- आखिर संदीप टंडन साल में आठ महीने स्विट्जरलैंड में क्यों रहते थे ? उन्होंने वहा घर भी ले रखा था |जब वो रिलाइएन्स में निदेशक के पद पर थे तब वो अपने ऑफिस में रहने के बजाय स्वित्जेर्लैंड में क्यों रहते थे ?

५- छुट्टियाँ मनाने के बहाने बार बार राहुल गाँधी, राबर्ट बढेरा और खुद सोनिया गाँधी बार बार संदीप टंडन के पास ज़ियुरिख स्वीतजरलैंड क्यों जाते थे ?

६-स्विट्जरलैंड स्थित भारतीय दूतावास आनन फानन में संदीप टंडन के शव को भारत क्यों भेज दिया ? जब उनकी मौत प्राकृतिक नही थी तब उनके शव का पोस्टमार्टम क्यों नही किया गया ?

मित्रों, जब लोकसभा चुनावो में कांग्रेस ने उन्नाव से अनु टंडन को टिकट दिया तब यूपी कांग्रेस की अध्यछ और उन्नाव जिले के कांग्रेस अध्यछ तक को नही मालूम था की ये अनु टंडन कौन है ? राहुल गाँधी ने यूपी कांग्रेस के पदाधिकारियो से कहा की ये अनु टंडन हर हाल में जितनी चाहिए इसके लिए कुछ भी करना पड़े |

मित्रो, शाहरुख़ खान, सलमान खान से लेकर रवीना, कैटरिना आदि बालीयुड के सैकड़ो सितारे उन्नाव में अनु टंडन के प्रचार के लिए आये |

मित्रो, अनु टंडन के पति संदीप टंडन इंडियन रेवेन्यु सर्विस के अधिकारी थे .. ये उस टीम में शामिल थे जिस टीम ने रिलाएंस ग्रुप पर छापा मारा था .. फिर मजे की बात ये है की छापे के कुछ महीनों के बाद ही नाटकीय ढंग से ये सरकारी नौकरी छोडकर रिलाएंस इंडस्ट्रीज के बोर्ड में शामिल हो गये . जबकि ये गलत था |

और तो और इनकी पत्नी अनु टंडन जो सिर्फ बीएससी [बायो] पास थी और जिनके पास कोई अनुभव तक नही था ..उनको मुकेश अंबानी ने अपनी सोफ्टवेयर कम्पनी मोतेफ़ का सर्वेसर्वा बना दिया . आखिर क्यों ?

मित्रो, असल में संदीप टंडन ने छापे के दौरान कई ऐसे कागजात और सुबूत बरामद किये थे जिससे पता चलता था की गाँधी खानदान के कालेधन को मुकेश अंबानी सफेद कर रहे है | असल में अमेरिका और भारत सहित कई देशो में स्विस बैंको के खिलाफ गुस्सा फैला है और स्विस सरकार अमेरिका, जर्मनी सहित कई देशो से संधि कर चुकी है की वो अपने यहाँ जमा कालेधन का ब्यौरा देगी | इससे गाँधी खानदान ने अपने कालेधन को निकालकर मुकेश अंबानी को देकर उसे सफेद करने में जुट गया |

देश की कई एजेंसिओ को भनक लगी की मुकेश अंबानी हवाला में माध्यम से दुबई से कालाधन अपनी कम्पनी में कमिशन लेकर सफेद कर रहे है तो डीआरआई ने मुकेश अम्बानी के ठिकानो पर अचानक छापा मारा जिसका नेतृत्व संदीप टंडन कर रहे थे | फिर मुकेश अंबानी और गाँधी परिवार ने मुंहमांगी कीमत देकर संदीप टंडन को ही खरीद लिया |

मित्रो, सोचिये एक बड़ा सरकारी अधिकारी जिस कम्पनी पर छापा मारता है वो सिर्फ चंद महीने के बाद उसकी कम्पनी का निदेशक कैसे बन जाता है ?

केंद्र सरकार ने संदीप टंडन की वीआरएस की अर्जी तुरतं ही मंजूर कैसे कर ली ?

संदीप टंडन की रहस्मय मौत की खबर जिन जिन वेब साईट पर थी उन साइटों को केंद्र सरकार ने किसके आदेश से ब्लोक कर दिया ?

मित्रो, सोचिये जिस महिला को राजनीती का एक दिन का भी अनुभव न हो उसे राहुल गाँधी अपनी कोर ग्रुप की सबसे अहम सदस्य कैसे बना सकते है ? आखिर इसके पीछे क्या राज है ?

(जितेंदर प्रताप सिंह)

Monday, November 5, 2012

क्या सच में खौफ के साये में जी रहा है भारतीय मुसलमान..?



हर हिन्दू इस खबर को पड़े और शेयर करे और सोचे उसका भविष्य क्या होगा आने वाले समय में..?

खौफ के साये में जी रहा है भारतीय मुसलमान.........मोहम्मद अदीब, रामविलास पासवान, लालू प्रसाद यादव, सी पी आई नेता ए बी बर्धन, प्रकाश करात, डी राजा और अतुल अंजान

यह बहुत दुख की बात है कि आजादी के 65 साल बाद भी भारतीय मुसलमान भय के साए में जी रहे हैं.आए दिन मुसलमानों की गिरफ्तारी की वजह से यहां का मुसलमान हमेशा इस 
डर में रहता है कि पता नहीं कब किसे पुलिस उठाकर ले और किसी झूठे मामले में फंसा दे
. यह बातें राज्य सभा सांसद मोहम्मद अदीब ने पीपुल्स कैंपेन अगेंस्ट पॉलिटिक्स ऑफ टेरर के अंतर्गत एक कन्वेन्शन में कहीं। उन्होंने कहा कि बेकसूए मुस्लिम नौजवानों की रिहाई के लिए हम जो जंग लड़ रहे हैं बड़ी खुशी की बात है कि हमारी इस जंग में में केवल मुसलमान ही नहीं बल्कि हमारे लाखों कड़ोरों हिंदू भाई भी हमारे साथ हैं जो समझते हैं एक साजिश के तहत मुसलमानों को गिरफ्तार किया जा रहा है जो एक गलत बात है. उन्होंने कहा कि हमारी लड़ाई बहुत दूर तक जाएगी और न्याय मिलने तक यह जारी रहेगी।

अदीब ने कहा कि हम मुसलमान अपनी अलग दुनिया बसाना नहीं चाहते। हमारे देश का सिस्टम ही कुछ ऐसा है कि यहाँ हम सब हिन्दू मुस्लिम मिलकर ही रह सकते हैं और तरक़्क़ी कर सकते हैं। हम ऐसा करना भी चाहते हैं मगर हमें चैन से रहने क्यूँ नहीं दिया जाता। क्यूँ हमें शक कि निगाह से देखा जाता है और आतंकवाद के नाम पर हम पर ज़ुल्म किया जाता है।

नयी दिल्ली के मावलंकार हाल में आयोजित इस कन्वेन्शन को देश के कई बड़े नेताओं ने संबोधित किया। इस अवसर पर वैसे नौजवान भी मौजूद थे जिन्हें झूठे मुक़दमे में फंसाया गया और जो बाद में कई साल तक अपना कीमती जीवन जेल में गुजरने के बाद रिहा हुये। कन्वेन्शन में मुलायम सिंह यादव को भी आना था मगर वह क्यूँ नहीं आए इस पर लोगों में कानाफूसी होती रही।

इस अवसर पर लोकजनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष रमविलस पासवान ने कहा कि देश में बड़ी संख्या में ऐसे लोग हैं जो यह नहीं चाहते की इस देश का हिन्दू मुस्लिम मिलकर रहे। आर एस एस , वी एच पी, बजरंग दल, और ऐसे दूसरे संगठनों का नाम लेते हुये उनहों ने कहा कि यह सब विघटनकारी संगठन हैं जो देश की एकता के लिए खतरा पैदा करते रहते हैं। पासवान ने बाबरी मस्जिद की याद दिलाते हुये कहा कि जिन लोगों ने उसे यह कहकर तोड़ दिया कि यह बाबर ने बनाया था तो फिर ऐसे लोग लाल क़िला या ताजमहल को क्यूँ नहीं तोड़ देते उसे भी तो मुसलमान राजा ने ही बनाया था। पासवान ने इस्लाम धर्म कि प्रशंसा करते हुये कहा कि हमारे यहाँ तो छोटी जाति के लोगों को मंदिर नहीं जाने दिया जाता लेकिन इस्लाम में तो सब बराबर है। इस्लाम कि शिक्षा के अनुसार यहाँ कोई छोटा और बड़ा नहीं है। अल्लाह कि नज़र में सब बराबर है। आतंकवाद के संबंध में रमविलस पासवान ने कहा कि आजकल पूरे दुनिया में मुसलमानों के खिलाफ एक साजिश चल रही है। भारत के संबंध में उनहों ने कहा कि यहाँ सिमी पर तो पाबंदी लगा दी गयी मगर आर एसएस जैसे संगठनों पर पाबंदी क्यूँ नहीं लगती? रमविलस ने मुसलमानों से अपील की है कि, यदि आप पर ज़ुल्म हो रहा है आप के ख्लफ साजिश हो रही है तो सड़कों पर निकलिए । सड़कों पर निकले बिना आपकी समस्या का सामाधान नहीं हो सकता। दुनिया को और देश को अपनी ताकत का अहसास कराईए तभी आपको इंसाफ मिलेगा। उनहों ने कहा कि देश में जो संप्रदायिङ्क ताक़तें हैं हमें उनके खिलाफ मिलकर लड़ना होगा। इस कन्वेन्शन को एक अच्छी शुरूआत बताते हुये पासवान ने कहा कि इसे सिर्फ कन्वेन्शन तक ही न रखें बल्कि इसे एक मिशन के तौर पर लें और देश की सभी सेकुलर ताकतों को मिलकर इस बुराई के खिलाफ आवाज़ बुलंद करें तभी हमें इसमें सफलता मिलेगी।

राष्ट्रीय जनता दल के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने बड़े बड़े मौलना के मुंह एक तरह का तमाचा मारते हुये कहा कि इस देश में मुसलमानों के साथ सबसे बड़ी समस्या यह है यहाँ मुस्लिम संगठनों में एकता नहीं है। हर कोई अपनी अपनी चला रहा है। उनहों ने कहा कि हद तो यह है कि चाचा और भतीजा में एकता नहीं है। लालू ने कहा कि जब तक आप में एकता नहीं होगी अप अपने हक़ कि लड़ाई नहीं लड़ सकते। एक फ्लैटफार्म पर आए बिना आपको इस देश में इंसाफ नहीं मिल सकता। उनहों ने मुसलमानों से अपील की कि आप अपनी मांगों या समस्या को लेकर रामलीला में जमा हों और अपनी आवाज़ बुलंद करें। मुस्लिम नौजवानों की आए दिन होने वाली गिरफ्तारी पर उनहों ने कहा कि यह सब एक प्लानिंग के तहत हो रहा है। पोलिस की अपनी हिम्मत नहीं है कि वह मुस्लिम बच्चों को गिरफ्तार करे पोलिस को तो कोई और कंट्रोल कर रहा है। उस कंट्रोल टावर को कंट्रोल करने कि ज़रूरत है।

उत्तर प्रदेश में बनी नयी सरकार के संबंध में लालू ने कहा कि सबको पता है कि समाजवादी पार्टी सिर्फ और सिर्फ मुसलमानों के वोट की वजह से ही सरकार बना ने में सफल हुई। अगर मुसलमान हमेशा इसी एकता का परिचय दें तो उनके दिन बादल सकते हैं।

सी पी आई नेता ए बी बर्धन, प्रकाश करात, डी राजा और अतुल अंजान ने भी माना कि मुसलमनोन पर ज़ुल्म हो रहा है और इस ज़ुल्म को रोकने के लिए सेकुलर ताकतों को एकजुट होना होगा। इन सबने कहा की जिस प्रकार मूसलिम बच्चों को आए दिन गिरफ्तार कर के जेल में डाला जा रहा है वह एक सेकुलर देश के लिए चैलेंज है। अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष वजहत हाबिबुल्लाह ने कहा कि जो पोलिस वाले मुस्लिम नौजवान को बिना कसूर के उनकी ज़िंदगी खराब करते हैं उनके खिलाफ भी कारवाई होनी चाहिए। इस अवसर पर कुँवर दानिश आली और मनीषा सेठी ने अपनी बातें रखीं। मनीषा ने कई मिसाल देते हुये यह बताया कि किस प्रकार पोलिस मुस्लिम नौजवानों को झूठे मुक़दमे में फँसाती है और बाद में यह सब बरी तो हो जाते हैं मगर तब तक उनका जीवन बर्बाद हो चुका होता है। इस कनवेशन का संचालन नौजवान नेता अमीक जामेई ने किया। अमीक ने एलान किया कि इंसाफ मिलने तक सेकुलर ताकतों कि मदद से हमारी यह जंग जारी रहेगी।

Saturday, November 3, 2012

कल की रेली में सोनिया का भाषण लिखा होगा, जिसे वो यू पड़ेंगी ..........




भाडीयो(भाईयो) बहडीयो(बहनों)

मे आपके सावड़े आज इसलिये आई हूँ मुझ विधवा पर दिन पर दिन लालचंद(लालचन) लगाए जा रहे है......
एक विधवा के दो छोटे छोटे मासूम बच्चो पर भी लालचंद (लालचन) लगाए जा रहे है.....
मेंडे(मेरे) लिए कहा जाता है कि, मेने इस देस्ड़(देश) का पैसा अपने मायका(मायके) इतली भेजा, अखिद(आखिर) कौन सी औलत(औरत) अपडे(अपने) मायका का फ़िक्र नहीं करती हें...............मेंडे किया टो(तो) क्या गलट(गलत) किया.....आखिर मेरे देवल(देवर) मोड़ी(मोदी) जी को क्या हेक(हक) की वो मेरे इलाज पर सवाल उठाएंगे..........उन्होंने एक ओलत के इलाज पर सवाल उठाया हें इसलिए दुनिया की सभी ओलते मोड़ी(मोदी) जी को वाट(वोट) न डे(दे)...............


मेले दुसरे देवल दोक्टर(डॉक्टर) स्वामी जी मुझसे तबसे नाराज है जब मे एक पाकिस्तानी के लोंदन(लन्दन) रेस्तौरेंट(रेस्टोरेंट) में बार गर्ल और कभी कभी बार में डांस भी करती थी तब में उनकी जगह भोंदू खाजीव(राजीव) को ज्यादा भाव देती थी खाजीव(राजीव) भोंदू थे टो क्या हहा वो भारत के प्रधानमंत्री के बेटे थे और अपनी उसी दूर की सूझ भूज(भूज) के कारन आज तुम सब्द(सब) पर राज कर रही हूँ.........

बाब रावदेव(बाबा रामदेव)एक सन्यासी है उन्हें भजन और योग करना चाहिये ना की दन(धन) के पीछे पीछे भागना चाहीये चाहे वो दन काडा(काला) ही क्यों न हो...........क्या काडा दन आ जाने से लोग स्वस्थ हो जायेंगे? स्विस में अकाउंट हमारा है टो पेट में दर्द बाबा के क्यों होता है? क्या आपको दन चाहिये या रोटी दन चाहिये टो में सब की रोटी छीन लूंगी और सबको जेल में डालके दंड दूंगी अब बोडो(बोलो) क्या चाहिये.......? टो भीड़ से आवाज आयेगी......................

"रोटी खाने दे"

सोनिया आगे.... बाबा देख लो सबको रोटी कहानी है काडा पीड़ा दन नहीं चाहिये......अब आप केवल योग करो और मुझे भोग करने दो...............

मैं आप सब को बटाना(बताना) चाटी(चाहती) हूँ कि, अदर (अगर) आप ने मोड़ी जी, स्वमी जी और बाबा रावदेव को सपोल्त(सपोर्ट) किया टो में आप सब को छोड़कर अपडे मायका भाग जाउंगी और आप सब पे एक ओलत पर दहेज़ उत्पीडन का केस करूंगी......सबसे जेल में चक्की पिस्वाउन्गी..........

सद्कार (सरकार) मेरी है और मन मोहन मेरा रोबेर्ट ये आप जादते(जानते) हो .....
 

Thursday, November 1, 2012

भाग्यलक्ष्मी मंदिर पर मुल्लो का फिर हमला


कल यानी 31 अक्तूबर रात को हैदराबादके भाग्यलक्ष्मी मंदिर में कुछ मुल्लों ने हमला बोला और वहां मोजूद पुजारी को पीटा,तथा इसके बाद मंदिर में तोड़-फोड़ भी की |..........................

वहां मोजूद पुलिस वालो ने उन्हें रोका और उनमे से चार मुल्लो को गिरफ्तार किया ......................लेकिन साथ ही वहां मोजूद प्रेस से पुलिस ने कुछ भी ना खबर छापने या ना दिखाने की सख्त हिदायत दी है ................

सेकुलरो देख लो ....हम नहीं बल्कि हर बार ये लोग ही हमारे धर्म पर चोट करते है

सभी सेकुलरो से एक सवाल क्या मुसलमान कुरआन के विरुद्ध जा सकते है........?

अगर हां तो वो मुसलमान नहीं.............

और अगर ना तो जिस किताब में लिखा हो काफिरों को मारो तो वो हम काफ़िरो को छोड़ देंगे क्या...............?

Wednesday, October 10, 2012

भाजपा में कल के नायक आज के खलनायक



जो कल भाजपा के नायाक थे वो आज के खलनायक 


हम सब और देश भी चाहता है की अत्याचारी देशविरोधी कांग्रेस से छुटकारा मिले भाजपा की सरकार बने पर कुछ भाजपा के बड़े राष्ट्रीय नेता ही इसके आगे रोड़े अटका रहे है....................

या तो आज उम्र का तकाजा है या इन सब को अपनी अपनी कीमत मिल चुकी है ..........

कल के लोह पुरुष आज के मोम पुरुष क्यों..................?

कल की की तेज तरार नेत्री आज की गूंगी गुडिया क्यों.......?


किसी समय इस देश के लोगो को गर्व होता था की देश में भाजपा जैसा विपक्ष है, आज भी मुख्य विपक्षी पार्टी भाजपा है फिर क्यों विपक्ष देश से नदारद है..................?


लोकतंत्र में विपक्ष देश और आम आदमी की अवाज होता है भाजपा के शीर्ष नेतृत्व में बेठे इन लोगो ने आम आदमी की अवाज का गला क्यों घोटा.......................?


भाजपा को बचाने के लिए भाजपा में राष्ट्रीय नेतृत्व का परिवर्तन आज समय की मांग है और भाजपा के कार्यकर्ताओ से अपील है इस और अवश्य सोचे..........................


क्या विपक्ष की भूमिका सुब्रमनियम स्वमी और बाबा राम देव ही निभाए भाजपा का कोई फ़र्ज़ नहीं......?

२०१४ में भाजपा नहीं हरेगी, हारेगा देश, हारेगा हिंदुत्व, भाजपा की हार इस देश के लिए वो षती होगी जिसकी भरपाई ये देश सदियों तक नहीं कर पायेगा....................

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Wednesday, October 3, 2012

भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का विलय "कामराज कांग्रेस" में


क्या भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का विलय "कामराज कांग्रेस" जिसका चुनाव चिन्ह था चरखा उसमे हो गया है.......................................?

कुमारस्वामी कामराज जो के. कामराज के नाम से अधिक जाने जाते थे, का जन्म 15 जुलाई 1903 को तमिलनाडु के 'विरूधुनगर' में हुआ था। उनका मूल नाम 'कामाक्षी कुमारस्वामी नादेर' था, लेकिन बाद में वह के. कामराज के नाम से प्रसिद्ध हुए। कामराज के पिता व्यापारी थे, किंतु उनकी असमय मृत्यु ने उनके परिवार को परेशानी में डाल दिया। भारतीय राजनीति में वे 'किंग मेकर
' के रूप में जाने जाते थे। 'भारतीय स्वतंत्रता आन्दोलन' में भी उनकी सक्रिय भूमिका रही। भारत के प्रथम रसिया प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के वह अत्यधिक निकट रहे। 

15 साल की आयु में कामराज ने अपने गृह ज़िले में कांग्रेस पार्टी के लिए धन एकत्र करने का अभियान चलाकर राजनीति में प्रवेश किया। 1937 में उन्हें 'मद्रास विधानसभा' के लिए चुन लिया गया और 1952 के आम चुनाव में उन्होंने लोकसभा की सीट जीती। 1954 से 1963 तक वह मद्रास के मुख्यमंत्री रहे और 'कामराज योजना' के अंतर्गत उन्होंने पद त्याग दिया, जिसमें निचले स्तर पर 'कांग्रेस पार्टी के पुनर्गठन' के लिए अपने को समर्पित करने के लिए वरिष्ठ राष्ट्रीय एवं राज्य पदाधिकारियों के स्वैच्छिक त्यागपत्र का प्रावधान था। इसके तुरंत बाद ही उन्हें पार्टी का अध्यक्ष नियुक्त किया गया। उन्होंने 1964 में लाल बहादुर शास्त्री को और 1966 में इंदिरा गाँधी को प्रधानमंत्री बनाने में प्रमुख भूमिका निभाई। दोनों बार दक्षिणपंथी मोरारजी देसाई (जनता पार्टी) को हराया, किंतु 1967 में वह अपने गृहनगर में हार गए। इसके तुरंत बाद इंदिरा गाँधी उन्हें पार्टी के नेतृत्व से हटाने में सफल रहीं। 1969 में वह पुराने नेताओं के गुट के सदस्य रहे, जिसने इंदिरा गाँधी को सत्ता से हटाने का प्रयास किया, लेकिन पार्टी में विभाजन हो गया, जिसमें कामराज और उनके सहयोगी एक छोटे से विभाजित गुट के साथ अलग-थलग हो गए। 

तब इन्द्रा गाँधी उर्फ़ मेमुना बेगम के नेतृत्व वाली कांग्रेस को गाये और बछड़े का चुनाव चिन्ह मिला और कामराज के नेतृत्व वाली कांग्रेस को चरखा चुनाव चिन्ह मिला. वर्ष 1977 में आपातकाल समाप्त होने के बाद कांगेस की बदहाली शुरू हुई। इसी दौर में चुनाव आयोग ने गाय बछड़े के चिन्ह को जब्त कर लिया। रायबरेली में करारी हार के बाद सत्ता से बाहर हुई कांग्रेस के हालात देखकर पार्टी प्रमुख इन्दिरा गांधी काफी परेशान हो गयीं। परेशानी की हालत में श्रीमती गांधी तत्कालीन शंकराचार्य स्वामी चन्द्रशेखरेन्द्र सरस्वती का आशीर्वाद लेने पहुंची।

इंदिरा गांधी की बात सुनने के बाद पहले तो शंकराचार्य मौन हो गए लेकिन कुछ देर बाद उन्होंने अपना दाहिना हाथ उठाकर आर्शीवाद दिया तथा हाथ का पंजा पार्टी का चुनाव निशान बनाने को कहा। उस समय आंध्र प्रदेश समेत चार राज्यों का चुनाव होने वाले थे। श्रीमती गांधी ने उसी वक्त कांग्रेस आई की स्थापना की और आयोग को बताया कि अब पार्टी का चुनाव निशान पंजा होगा। शंकराचार्य के आर्शीवाद के बाद कांग्रेस पुनर्जीवित हो गयी तथा चार राज्यों के चुनाव में कांग्रेस की जोरदार जीत हुई। 

हाल ही में राहुल गाँधी ने "कामराज योजना" को कांग्रेस में फिर से लागु करने की योजना का प्रयास किया था पर उनको अब कांग्रेस में ये योजना लागु करने की सफलता नहीं मिली और आज गुजरात के राजकोट से "कामराज कांग्रेस" के चुनाव चिन्ह से अपनी चुनावी रेली की शुरुआत कर क्या यही समझा जाए की भारतीय राष्ट्रीय कांग्रस का विलय "कामराज कांग्रेस" में हो गया है.......