tag:blogger.com,1999:blog-29995884236389199462024-03-19T22:15:17.861+05:30खरी-खरीकुछ लोग हमारे देश को नौंचे और हम लोग मौन रहें, क्या यह पाप नहीं हैं ?खरी-खरीhttp://www.blogger.com/profile/10269991841550505866noreply@blogger.comBlogger65125tag:blogger.com,1999:blog-2999588423638919946.post-35852837128139653172012-12-21T22:03:00.001+05:302012-12-21T22:03:19.047+05:30मोमबतिया फूकने दरिंदो की दरिंदगी नहीं रुकेगी <div dir="ltr" style="text-align: left;" trbidi="on">
<span class="userContent">23 वर्षीय दामिनी (परिवर्तित नाम )<br /> द्वारका मोड़ जाने के लिए अपने एक मित्र के<br /> साथ बस का इन्तेज़ार कर रही थी ,<br /> तभी एक स्कूल बस उन्हें देखकर रूकती है और<br /> बस का ड्राईवर राम सिंह उन्हें बुलाता है | बस में सभी शीशों पर काले परदे लगे हुए थे<br /> तथा यह बस सामान्य ट्रांसपोर्ट के इस्तेमाल के<br /> लिए नहीं थी पर जल्दी की वजह से<br /> वो दोनों बस में चढ़ गए | बस में पांच और लोग मौजूद थे , बस में चढ़ने के<br /> बाद<span class="text_exposed_show"> दामिनी के मित्र के सर पे लोहे की रोड़<br /> से वार किया गया और उसे चलती बस से बाहर<br /> फेंक दिया गया | उसके बाद उन सब ने बारी बारी से उस मासूम<br /> का बलात्कार किया और बस को दिल्ली एन<br /> सी आर की पौश कॉलोनियों में घुमाते रहे| बुरी तरह से बलात्कार करने के बाद उनमे से एक<br /> दरिंदे ने बेहद दर्दनाक तरीके से वही लोहे<br /> की रोड़ दामिनी के गुप्त अंग में घोंप<br /> दी जो पूरी योनी मार्ग को चीरती हुई पेट तक<br /> जा घुसी और खून का गुबार फूट पड़ा | ये शैतान यहां भी नहीं रुके ,<br /> इस अधमरी लहू लुहान हालत में इन नर<br /> पिशाचों ने उसे चलती बस से बाहर फ़ेंक<br /> दिया | खून से लथ पथ वो मासूम नग्न अवस्था में पूरे<br /> एक घंटे तक सड़क पर पड़ी तडपती रही पर<br /> किसी ने भी उठाने या ढंकने का प्रयास<br /> नहीं किया ,<br /> जब पुलिस आई तब भी किसी ने पुलिस<br /> का भी सहयोग उसे उठाने में नहीं किया , क्यों कि न वो उनमे से किसी की बहन थी न<br /> बेटी और आज वही लोग टीवी पर पोपकोर्न<br /> खाते हुए खबरे देख देख कर आंसू बहा रहे हैं,<br /> तो कोई मोमबत्ती हाथ में लेकर इवेनिंग वाक<br /> पर निकल रहा है ............... ............... ............... ....<br /> उस मासूम बच्ची की , छोटी आंत और बड़ी आंत पूरी तरह से नष्ट हो चुकी है,<br /> तथा वो अब जीवन पर्यंत न कुछ खा सकती है<br /> न शादी शुदा जीवन व्यतीत कर सकती है , न<br /> कभी माँ बन सकती है|<br /> दामिनी का ऑपरेशन करने वाले डॉक्टर<br /> का कहना है "मैं बयां नहीं कर सकता इस बच्ची ने<br /> क्या झेला है, बताते हुए मेरी जुबां काँप जायेगी " चलती बस में से फेंकने के कारण<br /> उसकी पसलिया भी टूट चुकी है और वो अब<br /> तक 5 बार कोमा में जा चुकी है , होश में आते<br /> ही रोने लगती है और सिर्फ यहि बात<br /> बोलती है ..... "मेरे साथ जो हुआ वो किसी को मत बताना, मैं<br /> जीना चाहती हूँ "<br /> अब उस को क्या पता न्यूज़<br /> चैनेलों की टी आर पी उसी की<br /> वजह से आसमान<br /> छू रही है !!!!!!!!!!! ये क्यों हुआ , क्यों हो रहा है , क्यों बढ़ रहा ,<br /> कौन जिम्मेदार है ,ये बहस जारी है, पर हकीकत यही है सच कोई स्वीकार नहीं <br /> करेगा, न कोई सख्त कानून बनेगा. जैसे ही मामला ठंडा होगा मीडिया से न्यूज़ <br /> आउट होगी लोग मोमबती जलना भी छोड़ देंगे क्यूँकी मोब्बती फुकने का उद्श्ये <br /> मुद्दे का हल नहीं बस इस इस्सू पर हमने कुछ किया यही आत्म संतुस्थी इससे <br /> ज्यादा कुछ नहीं................<br />
बलात्कारी पहले भी फायदे में थे और इस केस में भी फायदे में रहेंगे मौत की
सजा मामूली है इस केस के अपराधीयो के साथ बिलकुल वही किया जाए जो उन्होंने
उस लडकी के साथ किया...........और उसके बाद भी जिन्दा रहते है तो खोलते
तेल में डालकर ताल दिया जाए और चील कोवो को खाने के लिए दे दिया
जाए........</span></span></div>
खरी-खरीhttp://www.blogger.com/profile/10269991841550505866noreply@blogger.com2tag:blogger.com,1999:blog-2999588423638919946.post-41035715107413648122012-11-10T15:41:00.001+05:302012-11-10T15:41:24.477+05:30जानिए कौन है ये अनु टंडन ?<div dir="ltr" style="text-align: left;" trbidi="on">
<br />
<div class="separator" style="clear: both; text-align: center;">
<a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEjFWvSOvgDLeYlVrdd3aqj09RBqXNtEN8Hq2cmSZ05izA1npdjnys7vUbn59cATGFaSisMMGJ3AwNrJwaRlMak_98otkuxvynl78311AEmC0a3D_lx5NFf6cFIPqHFM70iQ-idr4Fyk4do/s1600/anu+tandaon.jpg" imageanchor="1" style="margin-left: 1em; margin-right: 1em;"><img border="0" height="299" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEjFWvSOvgDLeYlVrdd3aqj09RBqXNtEN8Hq2cmSZ05izA1npdjnys7vUbn59cATGFaSisMMGJ3AwNrJwaRlMak_98otkuxvynl78311AEmC0a3D_lx5NFf6cFIPqHFM70iQ-idr4Fyk4do/s400/anu+tandaon.jpg" width="400" /></a></div>
<div style="text-align: justify;">
<b><span style="color: blue; font-size: large;"><br /></span></b></div>
<div style="text-align: justify;">
<b><span style="color: blue; font-size: large;">जानिए कौन है ये अनु टंडन ? इनके पति संदीप टंडन
की रहस्यमय ढंग से स्विट्जरलैंड में मौत क्यों हुई ? सिर्फ बीएससी पास अनु
को मुकेश अंबानी ने आठ हजार करोड़ की पूजी लगाकर एक सोफ्टवेयर कम्पनी
मोटेक क्यों दे दिया ? आखिर लगातार घाटे के बावजूद भी मुकेश अंबानी इस
कम्पनी को क्यों चलाते रहे ? संदीप टंडन जिस कम्पनी के छापा मारे उसकी
कम्पनी के निदेशक कैसे बन गये ? फिर वो मुंबई के बजाय जयूरिख क्यों रहते थे
?</span></b></div>
<span class="userContent"><div style="text-align: justify;">
<span style="color: blue; font-size: large; font-weight: bold;"><br /></span></div>
<b><div style="text-align: justify;">
<b><span style="color: blue; font-size: large;">देश की जनता इन सवालों का जबाब गाँधी खानदान से चाहती है ..</span></b></div>
<span style="color: blue; font-size: large;"><div class="text_exposed_show">
<div style="text-align: justify;">
<br /></div>
<div style="text-align: justify;">
<b><span style="color: blue; font-size: large;"><div class="text_exposed_show" style="display: inline !important;">
१-आखिर अनु टंडन जिसने सिर्फ दो दिन पहले ही कांग्रेस ज्वाइन किया उसे
राहुल गाँधी ने सांसद का टिकट क्यों दिया ? और अगर टिकट दिया तो उन्नाव में
राहुल गाँधी ने अनु को जिताने के लिए एडी चोटी का जोर क्यों लगाया ?</div>
</span></b></div>
<div style="text-align: justify;">
<br /></div>
<div style="text-align: justify;">
<b><span style="color: blue; font-size: large;"><div class="text_exposed_show" style="display: inline !important;">
२- रिलाएंस ग्रुप पर छापा मारने वाले संदीप टंडन के इशारे पर पूरी केंद्र
सरकार और गाँधी परिवार क्यों उनके कदमो में गिर जाता था ? आखिर संदीप टंडन
ने मुकेश अंबानी के ठिकानो और एचएसबीसी बैंक पर छापे के दौरान ऐसी कौन कौन
से दस्तावेज बरामद किये जिससे गाँधी परिवार संदीप टंडन के इशारे पर नाचता
रहा ?</div>
</span></b></div>
<div style="text-align: justify;">
<br /></div>
<div style="text-align: justify;">
<b><span style="color: blue; font-size: large;"><div class="text_exposed_show" style="display: inline !important;">
३- आखिर संदीप टंडन की स्विट्जरलैंड के ज्यूरिख में हुई
रहस्यमय मौत की जाँच क्यों नही हुई ? एक कांग्रेसी सांसद और उपर से राहुल
गाँधी के कोर कमेटी का मेबर अनु टंडन के पति की रहस्यमय मौत पर केंद्र
सरकार और कांग्रेस खामोश क्यों ?</div>
</span></b></div>
<div style="text-align: justify;">
<br /></div>
<div style="text-align: justify;">
<b><span style="color: blue; font-size: large;"><div class="text_exposed_show" style="display: inline !important;">
४- आखिर संदीप टंडन साल में आठ
महीने स्विट्जरलैंड में क्यों रहते थे ? उन्होंने वहा घर भी ले रखा था |जब
वो रिलाइएन्स में निदेशक के पद पर थे तब वो अपने ऑफिस में रहने के बजाय
स्वित्जेर्लैंड में क्यों रहते थे ?</div>
</span></b></div>
<div style="text-align: justify;">
<br /></div>
<div style="text-align: justify;">
<b><span style="color: blue; font-size: large;"><div class="text_exposed_show" style="display: inline !important;">
५- छुट्टियाँ मनाने के बहाने
बार बार राहुल गाँधी, राबर्ट बढेरा और खुद सोनिया गाँधी बार बार संदीप टंडन
के पास ज़ियुरिख स्वीतजरलैंड क्यों जाते थे ?</div>
</span></b></div>
<div style="text-align: justify;">
<br /></div>
<div style="text-align: justify;">
<b><span style="color: blue; font-size: large;"><div class="text_exposed_show" style="display: inline !important;">
६-स्विट्जरलैंड
स्थित भारतीय दूतावास आनन फानन में संदीप टंडन के शव को भारत क्यों भेज
दिया ? जब उनकी मौत प्राकृतिक नही थी तब उनके शव का पोस्टमार्टम क्यों नही
किया गया ?</div>
</span></b></div>
<div style="text-align: justify;">
<br /></div>
<div style="text-align: justify;">
<b><span style="color: blue; font-size: large;"><div class="text_exposed_show" style="display: inline !important;">
मित्रों, जब लोकसभा चुनावो में कांग्रेस ने उन्नाव से
अनु टंडन को टिकट दिया तब यूपी कांग्रेस की अध्यछ और उन्नाव जिले के
कांग्रेस अध्यछ तक को नही मालूम था की ये अनु टंडन कौन है ? राहुल गाँधी ने
यूपी कांग्रेस के पदाधिकारियो से कहा की ये अनु टंडन हर हाल में जितनी
चाहिए इसके लिए कुछ भी करना पड़े |</div>
</span></b></div>
<div style="text-align: justify;">
<br /></div>
<div style="text-align: justify;">
<b><span style="color: blue; font-size: large;"><div class="text_exposed_show" style="display: inline !important;">
मित्रो, शाहरुख़ खान, सलमान खान से लेकर रवीना, कैटरिना आदि बालीयुड के सैकड़ो सितारे उन्नाव में अनु टंडन के प्रचार के लिए आये |</div>
</span></b></div>
<div style="text-align: justify;">
<br /></div>
<div style="text-align: justify;">
<b><span style="color: blue; font-size: large;"><div class="text_exposed_show" style="display: inline !important;">
मित्रो, अनु टंडन के पति संदीप टंडन इंडियन रेवेन्यु सर्विस के अधिकारी थे
.. ये उस टीम में शामिल थे जिस टीम ने रिलाएंस ग्रुप पर छापा मारा था ..
फिर मजे की बात ये है की छापे के कुछ महीनों के बाद ही नाटकीय ढंग से ये
सरकारी नौकरी छोडकर रिलाएंस इंडस्ट्रीज के बोर्ड में शामिल हो गये . जबकि
ये गलत था |</div>
</span></b></div>
<div style="text-align: justify;">
<br /></div>
<div style="text-align: justify;">
<b><span style="color: blue; font-size: large;"><div class="text_exposed_show" style="display: inline !important;">
और तो और इनकी पत्नी अनु टंडन जो सिर्फ बीएससी [बायो]
पास थी और जिनके पास कोई अनुभव तक नही था ..उनको मुकेश अंबानी ने अपनी
सोफ्टवेयर कम्पनी मोतेफ़ का सर्वेसर्वा बना दिया . आखिर क्यों ?</div>
</span></b></div>
<div style="text-align: justify;">
<br /></div>
<div style="text-align: justify;">
<b><span style="color: blue; font-size: large;"><div class="text_exposed_show" style="display: inline !important;">
मित्रो, असल में संदीप टंडन ने छापे के दौरान कई ऐसे कागजात और सुबूत बरामद
किये थे जिससे पता चलता था की गाँधी खानदान के कालेधन को मुकेश अंबानी
सफेद कर रहे है | असल में अमेरिका और भारत सहित कई देशो में स्विस बैंको के
खिलाफ गुस्सा फैला है और स्विस सरकार अमेरिका, जर्मनी सहित कई देशो से
संधि कर चुकी है की वो अपने यहाँ जमा कालेधन का ब्यौरा देगी | इससे गाँधी
खानदान ने अपने कालेधन को निकालकर मुकेश अंबानी को देकर उसे सफेद करने में
जुट गया |</div>
</span></b></div>
<div style="text-align: justify;">
<br /></div>
<div style="text-align: justify;">
<b><span style="color: blue; font-size: large;"><div class="text_exposed_show" style="display: inline !important;">
देश की कई एजेंसिओ को भनक लगी की मुकेश अंबानी हवाला
में माध्यम से दुबई से कालाधन अपनी कम्पनी में कमिशन लेकर सफेद कर रहे है
तो डीआरआई ने मुकेश अम्बानी के ठिकानो पर अचानक छापा मारा जिसका नेतृत्व
संदीप टंडन कर रहे थे | फिर मुकेश अंबानी और गाँधी परिवार ने मुंहमांगी
कीमत देकर संदीप टंडन को ही खरीद लिया |</div>
</span></b></div>
<div style="text-align: justify;">
<br /></div>
<div style="text-align: justify;">
<b><span style="color: blue; font-size: large;"><div class="text_exposed_show" style="display: inline !important;">
मित्रो, सोचिये एक बड़ा
सरकारी अधिकारी जिस कम्पनी पर छापा मारता है वो सिर्फ चंद महीने के बाद
उसकी कम्पनी का निदेशक कैसे बन जाता है ?</div>
</span></b></div>
<div style="text-align: justify;">
<br /></div>
<div style="text-align: justify;">
<b><span style="color: blue; font-size: large;"><div class="text_exposed_show" style="display: inline !important;">
केंद्र सरकार ने संदीप टंडन की वीआरएस की अर्जी तुरतं ही मंजूर कैसे कर ली ?</div>
</span></b></div>
<div style="text-align: justify;">
<br /></div>
<div style="text-align: justify;">
<b><span style="color: blue; font-size: large;"><div class="text_exposed_show" style="display: inline !important;">
संदीप टंडन की रहस्मय मौत की खबर जिन जिन वेब साईट पर थी उन साइटों को केंद्र सरकार ने किसके आदेश से ब्लोक कर दिया ?</div>
</span></b></div>
<div style="text-align: justify;">
<br /></div>
<div style="text-align: justify;">
<b><span style="color: blue; font-size: large;"><div class="text_exposed_show" style="display: inline !important;">
मित्रो, सोचिये जिस महिला को राजनीती का एक दिन का भी अनुभव न हो उसे
राहुल गाँधी अपनी कोर ग्रुप की सबसे अहम सदस्य कैसे बना सकते है ? आखिर
इसके पीछे क्या राज है ?</div>
</span></b></div>
<div style="text-align: justify;">
<br /></div>
<div style="text-align: justify;">
<b><span style="color: blue; font-size: large;"><div class="text_exposed_show" style="display: inline !important;">
(जितेंदर प्रताप सिंह)</div>
</span></b></div>
</div>
</span></b></span></div>
खरी-खरीhttp://www.blogger.com/profile/10269991841550505866noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-2999588423638919946.post-80849243943115728832012-11-05T22:01:00.002+05:302012-11-06T12:35:59.137+05:30क्या सच में खौफ के साये में जी रहा है भारतीय मुसलमान..?<div dir="ltr" style="text-align: left;" trbidi="on">
<br />
<div class="separator" style="clear: both; text-align: center;">
<a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEgfHhuZJAdo2-qnxGXegfdbHz5pgjPGRsqrU5BjNJE8oeTVAffnMeKGicIINR3lc1mt9f2oD1gHZUXdSxiGS8Q68XJaolqu-6zxhVBIylDObwqH-OSgjf7zIWra6Mx1Xmyk57xd0MOPWwA/s1600/%E0%A4%96%E0%A5%8B%E0%A4%AB+%E0%A4%95%E0%A4%BE+%E0%A4%B8%E0%A4%BE%E0%A4%AF%E0%A4%BE.jpg" imageanchor="1" style="margin-left: 1em; margin-right: 1em;"><img border="0" height="480" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEgfHhuZJAdo2-qnxGXegfdbHz5pgjPGRsqrU5BjNJE8oeTVAffnMeKGicIINR3lc1mt9f2oD1gHZUXdSxiGS8Q68XJaolqu-6zxhVBIylDObwqH-OSgjf7zIWra6Mx1Xmyk57xd0MOPWwA/s640/%E0%A4%96%E0%A5%8B%E0%A4%AB+%E0%A4%95%E0%A4%BE+%E0%A4%B8%E0%A4%BE%E0%A4%AF%E0%A4%BE.jpg" width="640" /></a></div>
<div style="text-align: justify;">
<b><span style="color: blue; font-size: large;"><br /></span></b></div>
<div style="text-align: justify;">
<b><span style="color: blue; font-size: large;">हर हिन्दू इस खबर को पड़े और शेयर करे और सोचे उसका भविष्य क्या होगा आने वाले समय में..?</span></b></div>
<span class="userContent"><b><span style="color: blue; font-size: large;"><div style="text-align: justify;">
<br /></div>
<div style="text-align: justify;">
खौफ के साये में जी रहा है भारतीय मुसलमान.........मोहम्मद अदीब, रामविलास
पासवान, लालू प्रसाद यादव, सी पी आई नेता ए बी बर्धन, प्रकाश करात, डी
राजा और अतुल अंजान</div>
<div style="text-align: justify;">
<br /></div>
<div style="text-align: justify;">
यह बहुत दुख की बात है कि आजादी के 65 साल बाद
भी भारतीय मुसलमान भय के साए में जी रहे हैं.आए दिन मुसलमानों की
गिरफ्तारी की वजह से यहां का मुसलमान हमेशा इस <b style="text-align: left;"><span style="color: blue; font-size: large;"><div style="display: inline !important; text-align: justify;">
डर में रहता है कि पता नहीं कब किसे पुलिस उठाकर ले और किसी झूठे मामले में फंसा दे</div>
</span></b><b style="text-align: left;"><span style="color: blue; font-size: large;"><div class="text_exposed_show" style="display: inline !important;">
<div style="display: inline !important; text-align: justify;">
.
यह बातें राज्य सभा सांसद मोहम्मद अदीब ने पीपुल्स कैंपेन अगेंस्ट
पॉलिटिक्स ऑफ टेरर के अंतर्गत एक कन्वेन्शन में कहीं। उन्होंने कहा कि
बेकसूए मुस्लिम नौजवानों की रिहाई के लिए हम जो जंग लड़ रहे हैं बड़ी खुशी
की बात है कि हमारी इस जंग में में केवल मुसलमान ही नहीं बल्कि हमारे लाखों
कड़ोरों हिंदू भाई भी हमारे साथ हैं जो समझते हैं एक साजिश के तहत
मुसलमानों को गिरफ्तार किया जा रहा है जो एक गलत बात है. उन्होंने कहा कि
हमारी लड़ाई बहुत दूर तक जाएगी और न्याय मिलने तक यह जारी रहेगी।</div>
</div>
</span></b></div>
<div class="text_exposed_show">
<div style="text-align: justify;">
<br /></div>
<div style="text-align: justify;">
अदीब ने कहा कि हम मुसलमान अपनी अलग दुनिया बसाना नहीं चाहते। हमारे देश का
सिस्टम ही कुछ ऐसा है कि यहाँ हम सब हिन्दू मुस्लिम मिलकर ही रह सकते हैं
और तरक़्क़ी कर सकते हैं। हम ऐसा करना भी चाहते हैं मगर हमें चैन से रहने
क्यूँ नहीं दिया जाता। क्यूँ हमें शक कि निगाह से देखा जाता है और आतंकवाद
के नाम पर हम पर ज़ुल्म किया जाता है।</div>
<div style="text-align: justify;">
<br /></div>
<div style="text-align: justify;">
नयी दिल्ली के मावलंकार हाल
में आयोजित इस कन्वेन्शन को देश के कई बड़े नेताओं ने संबोधित किया। इस अवसर
पर वैसे नौजवान भी मौजूद थे जिन्हें झूठे मुक़दमे में फंसाया गया और जो बाद
में कई साल तक अपना कीमती जीवन जेल में गुजरने के बाद रिहा हुये।
कन्वेन्शन में मुलायम सिंह यादव को भी आना था मगर वह क्यूँ नहीं आए इस पर
लोगों में कानाफूसी होती रही।</div>
<div style="text-align: justify;">
<br /></div>
<div style="text-align: justify;">
इस अवसर पर लोकजनशक्ति पार्टी के
अध्यक्ष रमविलस पासवान ने कहा कि देश में बड़ी संख्या में ऐसे लोग हैं जो यह
नहीं चाहते की इस देश का हिन्दू मुस्लिम मिलकर रहे। आर एस एस , वी एच पी,
बजरंग दल, और ऐसे दूसरे संगठनों का नाम लेते हुये उनहों ने कहा कि यह सब
विघटनकारी संगठन हैं जो देश की एकता के लिए खतरा पैदा करते रहते हैं।
पासवान ने बाबरी मस्जिद की याद दिलाते हुये कहा कि जिन लोगों ने उसे यह
कहकर तोड़ दिया कि यह बाबर ने बनाया था तो फिर ऐसे लोग लाल क़िला या ताजमहल
को क्यूँ नहीं तोड़ देते उसे भी तो मुसलमान राजा ने ही बनाया था। पासवान ने
इस्लाम धर्म कि प्रशंसा करते हुये कहा कि हमारे यहाँ तो छोटी जाति के लोगों
को मंदिर नहीं जाने दिया जाता लेकिन इस्लाम में तो सब बराबर है। इस्लाम कि
शिक्षा के अनुसार यहाँ कोई छोटा और बड़ा नहीं है। अल्लाह कि नज़र में सब
बराबर है। आतंकवाद के संबंध में रमविलस पासवान ने कहा कि आजकल पूरे दुनिया
में मुसलमानों के खिलाफ एक साजिश चल रही है। भारत के संबंध में उनहों ने
कहा कि यहाँ सिमी पर तो पाबंदी लगा दी गयी मगर आर एसएस जैसे संगठनों पर
पाबंदी क्यूँ नहीं लगती? रमविलस ने मुसलमानों से अपील की है कि, यदि आप पर
ज़ुल्म हो रहा है आप के ख्लफ साजिश हो रही है तो सड़कों पर निकलिए । सड़कों पर
निकले बिना आपकी समस्या का सामाधान नहीं हो सकता। दुनिया को और देश को
अपनी ताकत का अहसास कराईए तभी आपको इंसाफ मिलेगा। उनहों ने कहा कि देश में
जो संप्रदायिङ्क ताक़तें हैं हमें उनके खिलाफ मिलकर लड़ना होगा। इस कन्वेन्शन
को एक अच्छी शुरूआत बताते हुये पासवान ने कहा कि इसे सिर्फ कन्वेन्शन तक
ही न रखें बल्कि इसे एक मिशन के तौर पर लें और देश की सभी सेकुलर ताकतों को
मिलकर इस बुराई के खिलाफ आवाज़ बुलंद करें तभी हमें इसमें सफलता मिलेगी।</div>
<div style="text-align: justify;">
<br /></div>
<div style="text-align: justify;">
राष्ट्रीय जनता दल के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने बड़े बड़े मौलना के मुंह
एक तरह का तमाचा मारते हुये कहा कि इस देश में मुसलमानों के साथ सबसे बड़ी
समस्या यह है यहाँ मुस्लिम संगठनों में एकता नहीं है। हर कोई अपनी अपनी चला
रहा है। उनहों ने कहा कि हद तो यह है कि चाचा और भतीजा में एकता नहीं है।
लालू ने कहा कि जब तक आप में एकता नहीं होगी अप अपने हक़ कि लड़ाई नहीं लड़
सकते। एक फ्लैटफार्म पर आए बिना आपको इस देश में इंसाफ नहीं मिल सकता।
उनहों ने मुसलमानों से अपील की कि आप अपनी मांगों या समस्या को लेकर
रामलीला में जमा हों और अपनी आवाज़ बुलंद करें। मुस्लिम नौजवानों की आए दिन
होने वाली गिरफ्तारी पर उनहों ने कहा कि यह सब एक प्लानिंग के तहत हो रहा
है। पोलिस की अपनी हिम्मत नहीं है कि वह मुस्लिम बच्चों को गिरफ्तार करे
पोलिस को तो कोई और कंट्रोल कर रहा है। उस कंट्रोल टावर को कंट्रोल करने कि
ज़रूरत है।</div>
<div style="text-align: justify;">
<br /></div>
<div style="text-align: justify;">
उत्तर प्रदेश में बनी नयी सरकार के संबंध में लालू ने
कहा कि सबको पता है कि समाजवादी पार्टी सिर्फ और सिर्फ मुसलमानों के वोट की
वजह से ही सरकार बना ने में सफल हुई। अगर मुसलमान हमेशा इसी एकता का परिचय
दें तो उनके दिन बादल सकते हैं।</div>
<div style="text-align: justify;">
<br /></div>
<div style="text-align: justify;">
सी पी आई नेता ए बी बर्धन,
प्रकाश करात, डी राजा और अतुल अंजान ने भी माना कि मुसलमनोन पर ज़ुल्म हो
रहा है और इस ज़ुल्म को रोकने के लिए सेकुलर ताकतों को एकजुट होना होगा। इन
सबने कहा की जिस प्रकार मूसलिम बच्चों को आए दिन गिरफ्तार कर के जेल में
डाला जा रहा है वह एक सेकुलर देश के लिए चैलेंज है। अल्पसंख्यक आयोग के
अध्यक्ष वजहत हाबिबुल्लाह ने कहा कि जो पोलिस वाले मुस्लिम नौजवान को बिना
कसूर के उनकी ज़िंदगी खराब करते हैं उनके खिलाफ भी कारवाई होनी चाहिए। इस
अवसर पर कुँवर दानिश आली और मनीषा सेठी ने अपनी बातें रखीं। मनीषा ने कई
मिसाल देते हुये यह बताया कि किस प्रकार पोलिस मुस्लिम नौजवानों को झूठे
मुक़दमे में फँसाती है और बाद में यह सब बरी तो हो जाते हैं मगर तब तक उनका
जीवन बर्बाद हो चुका होता है। इस कनवेशन का संचालन नौजवान नेता अमीक जामेई
ने किया। अमीक ने एलान किया कि इंसाफ मिलने तक सेकुलर ताकतों कि मदद से
हमारी यह जंग जारी रहेगी।</div>
</div>
</span></b></span></div>
खरी-खरीhttp://www.blogger.com/profile/10269991841550505866noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-2999588423638919946.post-64925824691774811722012-11-03T15:55:00.000+05:302012-11-03T15:55:00.678+05:30कल की रेली में सोनिया का भाषण लिखा होगा, जिसे वो यू पड़ेंगी ..........<div dir="ltr" style="text-align: left;" trbidi="on">
<br />
<br />
<div class="separator" style="clear: both; text-align: center;">
<a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhtH6qN6DVoChXIWRQ9qSo_YVTrPXj_jQuMLTxWg4OaPUi3FImqLpa400Rbr3nZvrN3MYOEvJGkbzsJileGYa0JPEeRfGk7nhDccRRYp-ZD4GTKgIv9HYztjvIZMkzgmevgRjXO7KHe0uA/s1600/155284_454198647952243_1471603152_n.jpg" imageanchor="1" style="margin-left: 1em; margin-right: 1em;"><img border="0" height="426" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhtH6qN6DVoChXIWRQ9qSo_YVTrPXj_jQuMLTxWg4OaPUi3FImqLpa400Rbr3nZvrN3MYOEvJGkbzsJileGYa0JPEeRfGk7nhDccRRYp-ZD4GTKgIv9HYztjvIZMkzgmevgRjXO7KHe0uA/s640/155284_454198647952243_1471603152_n.jpg" width="640" /></a></div>
<div style="text-align: justify;">
<strong><span class="userContent" data-mce-style="font-size: 17px;"><span style="font-size: large;"><br /></span></span></strong></div>
<div style="text-align: justify;">
<strong><span class="userContent" data-mce-style="font-size: 17px;"><span style="color: blue; font-size: large;">भाडीयो(भाईयो) बहडीयो(बहनों)</span></span></strong></div>
<strong><span style="color: blue;"><div style="text-align: justify;">
<span style="font-size: large;"><br /></span></div>
<span class="userContent" data-mce-style="font-size: 17px;"><div style="text-align: justify;">
<strong><span class="userContent" data-mce-style="font-size: 17px;"><span style="font-size: large;">मे आपके सावड़े आज इसलिये आई हूँ मुझ विधवा पर दिन पर दिन लालचंद(लालचन) लगाए जा रहे है......</span></span></strong><strong style="text-align: left;"><span class="userContent" data-mce-style="font-size: 17px;"><span style="font-size: large;"><div style="display: inline !important; text-align: justify;">
<strong><span class="userContent" data-mce-style="font-size: 17px;"><span style="font-size: large;">एक विधवा के दो छोटे छोटे मासूम बच्चो पर भी लालचंद (लालचन) लगाए जा रहे है.....</span></span></strong><strong style="text-align: left;"><span class="userContent" data-mce-style="font-size: 17px;"><span style="font-size: large;"><div style="display: inline !important; text-align: justify;">
<strong><span class="userContent" data-mce-style="font-size: 17px;"><span style="font-size: large;">मेंडे(मेरे)
लिए कहा जाता है कि, मेने इस देस्ड़(देश) का पैसा अपने मायका(मायके) इतली
भेजा, अखिद(आखिर) कौन सी औलत(औरत) अपडे(अपने) मायका का फ़िक्र नहीं</span></span></strong><strong><span data-mce-style="font-size: 17px;"> करती हें...............मेंडे किया टो(तो) क्या गलट(गलत) किया.....आखिर
मेरे देवल(देवर) मोड़ी(मोदी) जी को क्या हेक(हक) की वो मेरे इलाज पर सवाल
उठाएंगे..........उन्होंने एक ओलत के इलाज पर सवाल उठाया हें इसलिए दुनिया
की सभी ओलते मोड़ी(मोदी) जी को वाट(वोट) न डे(दे)...............</span></strong></div>
</span></span></strong></div>
</span></span></strong></div>
</span></span></strong><br />
<div class="text_exposed_show">
<span style="color: blue; font-size: large;"><div style="text-align: justify;">
<br /></div>
<strong><div style="text-align: justify;">
<strong><span data-mce-style="font-size: 17px;">मेले दुसरे देवल दोक्टर(डॉक्टर) स्वामी जी मुझसे तबसे नाराज है जब मे एक
पाकिस्तानी के लोंदन(लन्दन) रेस्तौरेंट(रेस्टोरेंट) में बार गर्ल और कभी
कभी बार में डांस भी करती थी तब में उनकी जगह भोंदू खाजीव(राजीव) को ज्यादा
भाव देती थी खाजीव(राजीव) भोंदू थे टो क्या हहा वो भारत के प्रधानमंत्री
के बेटे थे और अपनी उसी दूर की सूझ भूज(भूज) के कारन आज तुम सब्द(सब) पर
राज कर रही हूँ.........</span></strong></div>
</strong> <div style="text-align: justify;">
<br /></div>
<strong><div style="text-align: justify;">
<strong><span data-mce-style="font-size: 17px;">बाब रावदेव(बाबा रामदेव)एक सन्यासी है उन्हें भजन और योग करना चाहिये ना
की दन(धन) के पीछे पीछे भागना चाहीये चाहे वो दन काडा(काला) ही क्यों न
हो...........क्या काडा दन आ जाने से लोग स्वस्थ हो जायेंगे? स्विस में
अकाउंट हमारा है टो पेट में दर्द बाबा के क्यों होता है? क्या आपको दन
चाहिये या रोटी दन चाहिये टो में सब की रोटी छीन लूंगी और सबको जेल में
डालके दंड दूंगी अब बोडो(बोलो) क्या चाहिये.......? टो भीड़ से आवाज
आयेगी......................</span></strong></div>
</strong> <div style="text-align: justify;">
<br /></div>
<strong><div style="text-align: justify;">
<strong><span data-mce-style="font-size: 17px;">"रोटी खाने दे"</span></strong></div>
</strong> <div style="text-align: justify;">
<br /></div>
<strong><div style="text-align: justify;">
<strong><span data-mce-style="font-size: 17px;">सोनिया आगे.... बाबा देख लो सबको रोटी कहानी है काडा पीड़ा दन नहीं
चाहिये......अब आप केवल योग करो और मुझे भोग करने दो...............</span></strong></div>
</strong> <div style="text-align: justify;">
<br /></div>
<strong><div style="text-align: justify;">
<strong><span data-mce-style="font-size: 17px;">मैं आप सब को बटाना(बताना) चाटी(चाहती) हूँ कि, अदर (अगर) आप ने मोड़ी जी,
स्वमी जी और बाबा रावदेव को सपोल्त(सपोर्ट) किया टो में आप सब को छोड़कर
अपडे मायका भाग जाउंगी और आप सब पे एक ओलत पर दहेज़ उत्पीडन का केस
करूंगी......सबसे जेल में चक्की पिस्वाउन्गी..........</span></strong></div>
</strong> <div style="text-align: justify;">
<br /></div>
<strong><div style="text-align: justify;">
<strong><span data-mce-style="font-size: 17px;">सद्कार (सरकार) मेरी है और मन मोहन मेरा रोबेर्ट ये आप जादते(जानते) हो .....</span></strong></div>
</strong></span></div>
<div class="text_exposed_show" style="text-align: justify;">
<strong><span data-mce-style="font-size: 17px;"><span style="color: blue; font-size: large;"> </span></span></strong></div>
</div>
खरी-खरीhttp://www.blogger.com/profile/10269991841550505866noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-2999588423638919946.post-14339847560795822932012-11-01T17:12:00.003+05:302012-11-01T17:12:50.637+05:30भाग्यलक्ष्मी मंदिर पर मुल्लो का फिर हमला <div dir="ltr" style="text-align: left;" trbidi="on">
<br />
<div class="separator" style="clear: both; text-align: center;">
<a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhyfPf7ABoJ4pPdadSIo-1q-HxSReoGNuyFrIgqOkV0WM8vVwHfGjK4epYYAR0ESP3R5tAZfqeF7d8Fw4WEH-sb2GConOoX4OrIjKjNaxKe8CZWRT2TiXg2tjxVTHhRZ1c1FGAZ3g7qxhs/s1600/536265_429389923777207_483046723_n.jpg" imageanchor="1" style="margin-left: 1em; margin-right: 1em;"><img border="0" height="494" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhyfPf7ABoJ4pPdadSIo-1q-HxSReoGNuyFrIgqOkV0WM8vVwHfGjK4epYYAR0ESP3R5tAZfqeF7d8Fw4WEH-sb2GConOoX4OrIjKjNaxKe8CZWRT2TiXg2tjxVTHhRZ1c1FGAZ3g7qxhs/s640/536265_429389923777207_483046723_n.jpg" width="640" /></a></div>
<span class="fbPhotosPhotoCaption" id="fbPhotoSnowliftCaption"><b><span style="color: blue; font-size: large;">कल
यानी 31 अक्तूबर रात को हैदराबादके भाग्यलक्ष्मी मंदिर में कुछ मुल्लों ने
हमला बोला और वहां मोजूद पुजारी को पीटा,तथा इसके बाद मंदिर में तोड़-फोड़
भी की |..........................</span></b></span><br />
<span class="fbPhotosPhotoCaption"><b><span style="color: blue; font-size: large;"><br /></span></b></span>
<b><span style="color: blue; font-size: large;"><span class="fbPhotosPhotoCaption" id="fbPhotoSnowliftCaption">वहां मोजूद पुलिस वालो ने उन्हें रोका और उनमे से चार मुल्लो को गिरफ्तार किया ......................</span><span class="fbPhotosPhotoCaption" id="fbPhotoSnowliftCaption">लेकिन साथ ही वहां मोजूद प्रेस से पुलिस ने कुछ भी ना खबर छापने या ना दिखाने की सख्त हिदायत दी है ................ </span></span></b><br />
<span class="fbPhotosPhotoCaption"><b><span style="color: blue; font-size: large;"><br /></span></b></span>
<b><span style="color: blue; font-size: large;"><span class="fbPhotosPhotoCaption" id="fbPhotoSnowliftCaption">सेकुलरो देख लो ....हम नहीं बल्कि हर बार ये लोग ही हमारे धर्म पर चोट करते है</span><span class="fbPhotoTagList" id="fbPhotoSnowliftTagList"> —</span></span></b><br />
<br />
<span class="fbPhotoTagList"><b><span style="color: blue; font-size: large;">सभी सेकुलरो से एक सवाल क्या मुसलमान कुरआन के विरुद्ध जा सकते है........?</span></b></span><br />
<span class="fbPhotoTagList"><b><span style="color: blue; font-size: large;"><br /></span></b></span>
<span class="fbPhotoTagList"><b><span style="color: blue; font-size: large;">अगर हां तो वो मुसलमान नहीं.............</span></b></span><br />
<span class="fbPhotoTagList"><b><span style="color: blue; font-size: large;"><br /></span></b></span>
<span class="fbPhotoTagList"><b><span style="color: blue; font-size: large;">और अगर ना तो जिस किताब में लिखा हो काफिरों को मारो तो वो हम काफ़िरो को छोड़ देंगे क्या...............?</span></b></span><br />
</div>
खरी-खरीhttp://www.blogger.com/profile/10269991841550505866noreply@blogger.com2tag:blogger.com,1999:blog-2999588423638919946.post-87990976531843311742012-10-10T12:45:00.001+05:302012-10-10T12:49:48.851+05:30भाजपा में कल के नायक आज के खलनायक <div dir="ltr" style="text-align: left;" trbidi="on">
<span class="userContent"></span><br />
<div class="text_exposed_root text_exposed" id="id_50751c8f417360c12971176">
<div class="separator" style="clear: both; text-align: center;">
<a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhs2BrLuNxEidt2rV6iVqgrve6qFEaaWsv3OJx4I153XMfMznUNGO3hDQmSZZ1_7jnGDLbgZ_lgUbzjBsD76y0p7XFWCxoEgEkgxp5ZfD_FR8FRIUXm-GQ5YtxGcR9fMLrTz9qOW46YMrg/s1600/%E0%A4%95%E0%A4%B2+%E0%A4%95%E0%A5%87+%E0%A4%A8%E0%A4%BE%E0%A4%AF%E0%A4%95+%E0%A4%86%E0%A4%9C+%E0%A4%95%E0%A5%87+%E0%A4%96%E0%A4%B2%E0%A4%A8%E0%A4%BE%E0%A4%AF%E0%A4%95.jpg" imageanchor="1" style="margin-left: 1em; margin-right: 1em;"><img border="0" height="480" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhs2BrLuNxEidt2rV6iVqgrve6qFEaaWsv3OJx4I153XMfMznUNGO3hDQmSZZ1_7jnGDLbgZ_lgUbzjBsD76y0p7XFWCxoEgEkgxp5ZfD_FR8FRIUXm-GQ5YtxGcR9fMLrTz9qOW46YMrg/s640/%E0%A4%95%E0%A4%B2+%E0%A4%95%E0%A5%87+%E0%A4%A8%E0%A4%BE%E0%A4%AF%E0%A4%95+%E0%A4%86%E0%A4%9C+%E0%A4%95%E0%A5%87+%E0%A4%96%E0%A4%B2%E0%A4%A8%E0%A4%BE%E0%A4%AF%E0%A4%95.jpg" width="640" /></a></div>
<div style="text-align: justify;">
<b style="color: red; font-size: x-large;"><br /></b></div>
<div style="text-align: justify;">
<b style="color: red; font-size: x-large;">जो कल भाजपा के नायाक थे वो आज के खलनायक </b></div>
<span style="color: red; font-size: large;"></span><br />
<div style="text-align: justify;">
<span style="color: red; font-size: large;"><span style="font-weight: bold;"><br /></span></span></div>
<span style="font-size: large;">
<b><div style="color: red; text-align: justify;">
<b>हम सब और देश भी चाहता है की अत्याचारी देशविरोधी कांग्रेस से छुटकारा
मिले भाजपा की सरकार बने पर कुछ भाजपा के बड़े राष्ट्रीय नेता ही इसके आगे
रोड़े अटका रहे है....................</b></div>
<div style="color: red; text-align: justify;">
<br /></div>
<div style="color: red; text-align: justify;">
<b>या तो आज उम्र का तकाजा है या इन सब को अपनी अपनी कीमत मिल चुकी है ..........</b></div>
<div style="color: red; text-align: justify;">
<br /></div>
<div style="color: red; text-align: justify;">
<b>कल के लोह पुरुष आज के मोम पुरुष क्यों..................?</b></div>
<div style="color: red; text-align: justify;">
<br /></div>
<div style="color: red; text-align: justify;">
<b>कल की की तेज तरार नेत्री आज की गूंगी गुडिया क्यों.......?</b></div>
<div class="text_exposed_show">
<div style="color: red; text-align: justify;">
<br /></div>
<div style="color: red; text-align: justify;">
<b></b><br />
<div class="text_exposed_show" style="display: inline !important;">
<b>किसी समय इस देश के लोगो को गर्व होता था की देश में भाजपा जैसा विपक्ष
है, आज भी मुख्य विपक्षी पार्टी भाजपा है फिर क्यों विपक्ष देश से नदारद
है..................?</b></div>
<b>
</b></div>
<div style="color: red; text-align: justify;">
<br /></div>
<div style="color: red; text-align: justify;">
<b></b><br />
<div class="text_exposed_show" style="display: inline !important;">
<b>लोकतंत्र में विपक्ष देश और आम आदमी की
अवाज होता है भाजपा के शीर्ष नेतृत्व में बेठे इन लोगो ने आम आदमी की अवाज
का गला क्यों घोटा.......................?</b></div>
<b>
</b></div>
<div style="color: red; text-align: justify;">
<br /></div>
<div style="color: red; text-align: justify;">
<b></b><br />
<div class="text_exposed_show" style="display: inline !important;">
<b>भाजपा को बचाने के लिए
भाजपा में राष्ट्रीय नेतृत्व का परिवर्तन आज समय की मांग है और भाजपा के
कार्यकर्ताओ से अपील है इस और अवश्य सोचे..........................</b></div>
<b>
</b></div>
<div style="color: red; text-align: justify;">
<br /></div>
<div style="color: red; text-align: justify;">
<b></b><br />
<div class="text_exposed_show" style="display: inline !important;">
<b>क्या विपक्ष की भूमिका सुब्रमनियम स्वमी और बाबा राम देव ही निभाए भाजपा का कोई फ़र्ज़ नहीं......?</b></div>
<b>
</b></div>
<div style="color: red; text-align: justify;">
<br /></div>
<div style="text-align: justify;">
<div style="color: red;">
<b></b></div>
<div class="text_exposed_show" style="display: inline !important;">
<div style="color: red;">
<b>२०१४ में भाजपा नहीं हरेगी, हारेगा देश, हारेगा हिंदुत्व, भाजपा की हार इस
देश के लिए वो षती होगी जिसकी भरपाई ये देश सदियों तक नहीं कर
पायेगा....................</b></div>
<div style="color: red;">
<b><br /></b></div>
<b><span style="color: blue;">https://www.facebook.com/photo.php?fbid=10151079215548483&set=a.10150208636883483.314680.650063482&type=1&theater</span></b></div>
<b style="color: red;">
</b><div style="color: red;">
</div>
</div>
</div>
</b></span></div>
<span class="userContentSecondary fcg"></span></div>
खरी-खरीhttp://www.blogger.com/profile/10269991841550505866noreply@blogger.com2tag:blogger.com,1999:blog-2999588423638919946.post-24161532073869408272012-10-03T21:05:00.003+05:302012-10-03T21:05:56.987+05:30भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का विलय "कामराज कांग्रेस" में <div dir="ltr" style="text-align: left;" trbidi="on">
<br />
<div class="separator" style="clear: both; text-align: center;">
<a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEiVng8ydj2MuvDpz4kP6v0e9dYHSDCJXQN_bLTd6gO-rwzgvgNYG8R0Ezg8fAwERSfysqSuyeVgBSjzrfnwQrvn2EKIpkCvfgO1CHXUkyFO80yIol5k8ojEFdCzg12D3K0MAcvjWtUvKeo/s1600/564437_439889566068284_1194072511_n.jpg" imageanchor="1" style="margin-left: 1em; margin-right: 1em;"><img border="0" height="266" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEiVng8ydj2MuvDpz4kP6v0e9dYHSDCJXQN_bLTd6gO-rwzgvgNYG8R0Ezg8fAwERSfysqSuyeVgBSjzrfnwQrvn2EKIpkCvfgO1CHXUkyFO80yIol5k8ojEFdCzg12D3K0MAcvjWtUvKeo/s640/564437_439889566068284_1194072511_n.jpg" width="640" /></a></div>
<div style="text-align: justify;">
<b><span style="color: red; font-size: large;">क्या भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का विलय "कामराज
कांग्रेस" जिसका चुनाव चिन्ह था चरखा उसमे हो गया
है.......................................?</span></b></div>
<span class="userContent"><span style="color: red; font-size: large;"><div style="text-align: justify;">
<span style="font-weight: bold;"><br /></span></div>
<b><div style="text-align: justify;">
<b>कुमारस्वामी कामराज
जो के. कामराज के नाम से अधिक जाने जाते थे, का जन्म 15 जुलाई 1903 को
तमिलनाडु के 'विरूधुनगर' में हुआ था। उनका मूल नाम 'कामाक्षी कुमारस्वामी
नादेर' था, लेकिन बाद में वह के. कामराज के नाम से प्रसिद्ध हुए। कामराज के
पिता व्यापारी थे, किंतु उनकी असमय मृत्यु ने उनके परिवार को परेशानी में
डाल दिया। भारतीय राजनीति में वे 'किंग मेकर</b><b style="text-align: left;"><div class="text_exposed_show" style="display: inline !important;">
<div style="display: inline !important; text-align: justify;">
<b><div class="text_exposed_show" style="display: inline !important;">
'
के रूप में जाने जाते थे। 'भारतीय स्वतंत्रता आन्दोलन' में भी उनकी सक्रिय
भूमिका रही। भारत के प्रथम रसिया प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के वह
अत्यधिक निकट रहे। </div>
</b></div>
</div>
</b></div>
<div class="text_exposed_show">
<div class="separator" style="clear: both; text-align: center;">
<br /></div>
<div style="text-align: justify;">
<b><div class="text_exposed_show" style="display: inline !important;">
15 साल की आयु में कामराज ने अपने गृह ज़िले
में कांग्रेस पार्टी के लिए धन एकत्र करने का अभियान चलाकर राजनीति में
प्रवेश किया। 1937 में उन्हें 'मद्रास विधानसभा' के लिए चुन लिया गया और
1952 के आम चुनाव में उन्होंने लोकसभा की सीट जीती। 1954 से 1963 तक वह
मद्रास के मुख्यमंत्री रहे और 'कामराज योजना' के अंतर्गत उन्होंने पद त्याग
दिया, जिसमें निचले स्तर पर 'कांग्रेस पार्टी के पुनर्गठन' के लिए अपने को
समर्पित करने के लिए वरिष्ठ राष्ट्रीय एवं राज्य पदाधिकारियों के
स्वैच्छिक त्यागपत्र का प्रावधान था। इसके तुरंत बाद ही उन्हें पार्टी का
अध्यक्ष नियुक्त किया गया। उन्होंने 1964 में लाल बहादुर शास्त्री को और
1966 में इंदिरा गाँधी को प्रधानमंत्री बनाने में प्रमुख भूमिका निभाई।
दोनों बार दक्षिणपंथी मोरारजी देसाई (जनता पार्टी) को हराया, किंतु 1967
में वह अपने गृहनगर में हार गए। इसके तुरंत बाद इंदिरा गाँधी उन्हें पार्टी
के नेतृत्व से हटाने में सफल रहीं। 1969 में वह पुराने नेताओं के गुट के
सदस्य रहे, जिसने इंदिरा गाँधी को सत्ता से हटाने का प्रयास किया, लेकिन
पार्टी में विभाजन हो गया, जिसमें कामराज और उनके सहयोगी एक छोटे से
विभाजित गुट के साथ अलग-थलग हो गए। </div>
</b></div>
<div style="text-align: justify;">
<br /></div>
<div style="text-align: justify;">
<b><div class="text_exposed_show" style="display: inline !important;">
तब इन्द्रा गाँधी उर्फ़
मेमुना बेगम के नेतृत्व वाली कांग्रेस को गाये और बछड़े का चुनाव चिन्ह
मिला और कामराज के नेतृत्व वाली कांग्रेस को चरखा चुनाव चिन्ह मिला. वर्ष
1977 में आपातकाल समाप्त होने के बाद कांगेस की बदहाली शुरू हुई। इसी दौर
में चुनाव आयोग ने गाय बछड़े के चिन्ह को जब्त कर लिया। रायबरेली में करारी
हार के बाद सत्ता से बाहर हुई कांग्रेस के हालात देखकर पार्टी प्रमुख
इन्दिरा गांधी काफी परेशान हो गयीं। परेशानी की हालत में श्रीमती गांधी
तत्कालीन शंकराचार्य स्वामी चन्द्रशेखरेन्द्र सरस्वती का आशीर्वाद लेने
पहुंची।</div>
</b></div>
<div style="text-align: justify;">
<br /></div>
<div style="text-align: justify;">
<b><div class="text_exposed_show" style="display: inline !important;">
इंदिरा गांधी की बात सुनने के बाद पहले तो शंकराचार्य मौन
हो गए लेकिन कुछ देर बाद उन्होंने अपना दाहिना हाथ उठाकर आर्शीवाद दिया
तथा हाथ का पंजा पार्टी का चुनाव निशान बनाने को कहा। उस समय आंध्र प्रदेश
समेत चार राज्यों का चुनाव होने वाले थे। श्रीमती गांधी ने उसी वक्त
कांग्रेस आई की स्थापना की और आयोग को बताया कि अब पार्टी का चुनाव निशान
पंजा होगा। शंकराचार्य के आर्शीवाद के बाद कांग्रेस पुनर्जीवित हो गयी तथा
चार राज्यों के चुनाव में कांग्रेस की जोरदार जीत हुई। </div>
</b></div>
<div style="text-align: justify;">
<br /></div>
<div style="text-align: justify;">
<b><div class="text_exposed_show" style="display: inline !important;">
हाल ही
में राहुल गाँधी ने "कामराज योजना" को कांग्रेस में फिर से लागु करने की
योजना का प्रयास किया था पर उनको अब कांग्रेस में ये योजना लागु करने की
सफलता नहीं मिली और आज गुजरात के राजकोट से "कामराज कांग्रेस" के चुनाव
चिन्ह से अपनी चुनावी रेली की शुरुआत कर क्या यही समझा जाए की भारतीय
राष्ट्रीय कांग्रस का विलय "कामराज कांग्रेस" में हो गया है.......</div>
</b></div>
</div>
</b></span></span></div>
खरी-खरीhttp://www.blogger.com/profile/10269991841550505866noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-2999588423638919946.post-73503528172015012172012-09-18T11:02:00.003+05:302012-09-18T11:18:24.536+05:30वो राजेश खन्ना की तरह अदाकार नहीं थे<div dir="ltr" style="text-align: left;" trbidi="on">
<br />
<div class="separator" style="clear: both; text-align: center;">
<a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEi36wV0x5Ws1BQ4OKg3WYvDdBwLoQcrjlRDY45tiS19jDndbh3n0kRtysQg1QnzrlI1DvUQGIN-mXZGa9uHb8HODx8EM0KZq1vQLufn6sDJPkrcf6yMVuUhk_NLlJ9fRhcCjiCJ9HsWz4g/s1600/422903_113129182172023_930224593_n.jpg" imageanchor="1" style="margin-left: 1em; margin-right: 1em;"><img border="0" height="304" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEi36wV0x5Ws1BQ4OKg3WYvDdBwLoQcrjlRDY45tiS19jDndbh3n0kRtysQg1QnzrlI1DvUQGIN-mXZGa9uHb8HODx8EM0KZq1vQLufn6sDJPkrcf6yMVuUhk_NLlJ9fRhcCjiCJ9HsWz4g/s640/422903_113129182172023_930224593_n.jpg" width="640" /></a></div>
<div style="text-align: justify;">
<b><span style="color: blue; font-size: x-large;">वो
राजेश खन्ना की तरह अदाकार नहीं थे , ठुमके नहीं लगते थे , उनके सम्बन्ध
सब से मधुर थे , फ़िल्मी भांडों की तरह उनके सम्बन्ध किसी से जायज या किसी
से नाजायज नहीं थे ,</span></b></div>
<span aria-live="polite" class="fbPhotosPhotoCaption" id="fbPhotoSnowliftCaption" tabindex="0"></span><br />
<div style="text-align: justify;">
<span aria-live="polite" class="fbPhotosPhotoCaption" id="fbPhotoSnowliftCaption" tabindex="0"><span style="color: blue; font-size: x-large; font-weight: bold;"><br /></span></span></div>
<span aria-live="polite" class="fbPhotosPhotoCaption" id="fbPhotoSnowliftCaption" tabindex="0">
<b></b></span>
<div style="text-align: justify;">
<span aria-live="polite" class="fbPhotosPhotoCaption" id="fbPhotoSnowliftCaption" tabindex="0"><b><b><span style="color: blue; font-size: x-large;">वो राष्ट्र भक्त थे , वो एक स्वयं सेवक थे
जिन्होंने कभी राष्ट्र भले के अतिरिक्त अपने लिए कुछ नहीं चाह , वो सुदर्शन
थे भगवन श्री कृष्ण के सुदर्शन चक्र की भाति भारत के सुदर्शन ,, वो एक
राष्ट्रवादी संगठन के पूर्व सरसंघसंचालक थे जिन्होंने</span></b></b></span></div>
<span aria-live="polite" class="fbPhotosPhotoCaption" id="fbPhotoSnowliftCaption" tabindex="0"><b>
<span style="color: blue; font-size: x-large;"><div class="text_exposed_show">
<div style="text-align: justify;">
<b><span style="color: blue; font-size: x-large;"></span></b><br />
<div class="text_exposed_show" style="display: inline !important;">
<b><span style="color: blue; font-size: x-large;">अप</span></b></div>
<b><span style="color: blue; font-size: x-large;">
</span></b></div>
<div style="text-align: justify;">
<br /></div>
<div style="text-align: justify;">
<br /></div>
<div style="text-align: justify;">
<b><span style="color: blue; font-size: x-large;"></span></b><br />
<div class="text_exposed_show" style="display: inline !important;">
<b><span style="color: blue; font-size: x-large;">ना पूरा जीवन अविवाहित रहकर राष्ट्र की सेवा में लगा दिया और बाद मृत्यु
के अपनी आँखे भी दान कर गए जिससे आज एक अंध व्यक्ति देख पाने में सक्षम है
,,, उन नेत्रों के अतिरिक्त परम पूजनीय सुदर्शन जी हमारे ह्रदय में सदैव
जीवित रहेगे |</span></b></div>
<b><span style="color: blue; font-size: x-large;">
</span></b></div>
<div style="text-align: justify;">
<br /></div>
<div style="text-align: justify;">
<br /></div>
<div style="text-align: justify;">
<b><span style="color: blue; font-size: x-large;"></span></b><br />
<div class="text_exposed_show" style="display: inline !important;">
<b><span style="color: blue; font-size: x-large;">हाँ वो कोई राजेश खन्ना जैसे अभिनेता नहीं थे
जिसके मरने पर २० दिन तक मिडिया श्रधांजलि देती रही ,,,, वो एक राष्ट्र
भक्त थे जिनको श्रधांजलि सिर्फ उन्होंने दी जिनको इस राष्ट्र से प्रेम है
,,, किसी के नाचने ,गाने, ठुमके लगाने से नहीं ||</span></b><br />
<b><span style="color: blue; font-size: x-large;"><br /></span></b>
<span aria-live="polite" class="fbPhotosPhotoCaption" id="fbPhotoSnowliftCaption" tabindex="0"><span class="hasCaption">अगर
कोई फ़िल्मी भांड अपनी टी शर्ट उतार कर किसी के ऊपर फेक देता या फिर कोई
क्रिकेटर अपना बैट नीलाम कर उसका पैसा दान में दे देता तो यह भांड बिकाऊ
इलेक्ट्रोनिक मिडिया कई दिन तक इस खबर को विज्ञापनों के साथ आपको परोसता
रहता किन्तु राष्ट्र का एक अनमोल रत्न , माँ भारती का एक सच्चा सपूत जो
अपनी पूरी जिंदगी राष्ट्र और धर्म की सेवा बिना किसी लोभ के करता रहा जिसका
जीवन एक खुली किताब की तरह पुरे भारत के सामने <b style="text-align: left;"><span style="color: blue; font-size: x-large;"></span></b></span></span><br />
<div class="text_exposed_show" style="display: inline !important;">
<div style="display: inline !important; text-align: justify;">
<div class="text_exposed_show" style="display: inline !important;">
<div style="display: inline !important;">
<b style="text-align: left;"><span style="color: blue; font-size: x-large;"><span aria-live="polite" class="fbPhotosPhotoCaption" id="fbPhotoSnowliftCaption" tabindex="0"><span class="hasCaption"></span></span></span></b></div>
<div class="text_exposed_show" style="display: inline !important;">
<b style="text-align: left;"><span style="color: blue; font-size: x-large;">रहा
| वो माँ भारती का बेटा अपने नेत्र एक जरूरतमंद को दान करके गया इस बिकाऊ
मिडिया में उसकी कंही चर्चा नहीं है ,,,, अगर सुदर्शन जी के स्थान पर सचिन
होता ? सलमान होता ? आमिर या शाहरुख या कोई और प्रसिद्ध नाम होता तो भी
क्या मिडिया यह व्यवहार करती ?? ,,, जी नहीं पैसे के लिए खेलने वाले
क्रिकेटर और पैसों के लिए ठुमके लगाने वाले फ़िल्मी भांड या फिर वो नाम जो
कांग्रेस से आता उसके लिए यह मिडिया दिन रात अपनी श्रधांजलि देती और लोगो
को उनसे प्रेरणा लेने के लिए बोलती ,,, यही मिडिया राहुल के किसी गरीब के
खाने की खबर को दिन रात दिखाती है जो आज एक राष्ट्रभक्त के निधन और एक महान
नेत्रदान जैसे कार्य को कोई स्थान नहीं दे रही || </span></b></div>
</div>
</div>
</div>
<div class="text_exposed_show">
<br />
राष्ट्रीय
स्वयं सेवक संघ के किसी स्वयंसेवक ने कभी अपना प्रचार नहीं किया ना ही संघ
ने अपने किये कार्यों का प्रचार किया किन्तु आज मरणोपरांत सुदर्शन जी को
सम्मान ना देना दिल को चोट पंहुचा रहा है ||</div>
</div>
<b><span style="color: blue; font-size: x-large;">
</span></b></div>
<div style="text-align: justify;">
<br /></div>
<div style="text-align: justify;">
<br /></div>
<div style="text-align: justify;">
<b><span style="color: blue; font-size: x-large;"></span></b><br />
<div class="text_exposed_show" style="display: inline !important;">
<b><span style="color: blue; font-size: x-large;">तेरा वैभव अमर रहे हे राष्ट्र पुत्र हे माँ भारती के लाल |</span></b></div>
<b><span style="color: blue; font-size: x-large;">
</span></b></div>
<div style="text-align: justify;">
<b><span style="color: blue; font-size: x-large;"></span></b><br />
<div class="text_exposed_show" style="display: inline !important;">
<b><span style="color: blue; font-size: x-large;">कोटि कोटि वंदन है , शत शत नमन है ||</span></b></div>
<b><span style="color: blue; font-size: x-large;">
</span></b></div>
<div style="text-align: justify;">
<b><span style="color: blue; font-size: x-large;"></span></b><br />
<div class="text_exposed_show" style="display: inline !important;">
<b><span style="color: blue; font-size: x-large;"><br /></span></b></div>
<b><span style="color: blue; font-size: x-large;">
</span></b></div>
<div style="text-align: justify;">
<b><span style="color: blue; font-size: x-large;"></span></b><br />
<div class="text_exposed_show" style="display: inline !important;">
<b><span style="color: blue; font-size: x-large;">(एक ही विकल्प "भारत")</span></b></div>
<b><span style="color: blue; font-size: x-large;">
</span></b></div>
</div>
</span></b></span></div>
खरी-खरीhttp://www.blogger.com/profile/10269991841550505866noreply@blogger.com1tag:blogger.com,1999:blog-2999588423638919946.post-22337081174752492092012-09-14T16:42:00.001+05:302012-09-14T16:42:54.170+05:30कांग्रेसीयो के प्रदर्शन में सोनिया गाँधी हाय हाय <div dir="ltr" style="text-align: left;" trbidi="on">
<br />
<div class="separator" style="clear: both; text-align: center;">
<a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEiB2hJM-Jy4NJ8tYshetbLAG44QVBDb3NqMoZ-H18yPLSUPdORIw8eTpBjBTxzzCN9JfAwo04qy1GcO3D3xJaiIbdFX5HEj9fFvYulAVzKXlgIDPHQLjY54BseHH6tnE7IBWr8Zmqr4DPk/s1600/538985_484159978263146_1271037131_n.jpg" imageanchor="1" style="margin-left: 1em; margin-right: 1em;"><img border="0" height="476" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEiB2hJM-Jy4NJ8tYshetbLAG44QVBDb3NqMoZ-H18yPLSUPdORIw8eTpBjBTxzzCN9JfAwo04qy1GcO3D3xJaiIbdFX5HEj9fFvYulAVzKXlgIDPHQLjY54BseHH6tnE7IBWr8Zmqr4DPk/s640/538985_484159978263146_1271037131_n.jpg" width="640" /></a></div>
<div style="text-align: justify;">
<span style="color: blue; font-size: large;"><b>आज जंतर मंतर पर कांग्रेस ने एम् सी डी यानी भाजपा के खिलाफ महिलाओ का प्रदर्शन आयोजित किया, कुछ महिलाओं को वहा लाया गया तो वहा पत्रकारों ने महिलाओं से पूछा आप लोग यहाँ किसके खिलाफ प्रदर्शन के लिए आई है...............</b></span></div>
<div style="text-align: justify;">
<span style="color: blue; font-size: large;"><b><br /></b></span></div>
<div style="text-align: justify;">
<span style="color: blue; font-size: large;"><b>महिलाओं ने कहा एम् सी डी में कोई काम नहीं हो रहा, जनता परेशान है बिजली नहीं आती है, बिजली के बिल इतने बड़े हुहे आ रहे है, पानी नहीं आ रहा आदी आदी....................</b></span></div>
<div style="text-align: justify;">
<span style="color: blue; font-size: large;"><b><br /></b></span></div>
<div style="text-align: justify;">
<span style="color: blue; font-size: large;"><b>एक पत्रकार ने कहा बिजली नहीं आने और बिजली के बिल के लिए एम् सी डी क्या कर सकती है....? ये तो दिल्ली सरकार और शीला दीक्षित के अंदर आता है पत्रकार के ये बताते ही महिलाओं ने शीला दीक्षित हाय हाय कांग्रेस सरकार मुर्दाबाद के नारे लगाने शुरू कर दिए. बेचारी उनको लाने और प्रदर्शन का आयोजन करने वाली कांग्रेस कार्यकर्त्ता महिलाओं का चेहरा देखने लायक था वो यही कहती रही की अरे ये कांग्रेस का कार्यक्रम है कांग्रेस के विरुद्ध नारे मत लगाओ............</b></span></div>
<div style="text-align: justify;">
<span style="color: blue; font-size: large;"><b><br /></b></span></div>
<div style="text-align: justify;">
<span style="color: blue; font-size: large;"><b>इतने में किसी भाई ने आग में घी और डाल दिया, महिलाओं से बोला ७५० रूपये का सिलेंडर खरीदोगी तो कैसा लगेगा, आलू ४० रूपये किलो और टमाटर ५० रूपये मिलेंगे तो कैसा लगेगा, बस हो गया कांग्रेस के प्रदर्शन का श्राद...........</b></span></div>
<div style="text-align: justify;">
<span style="color: blue; font-size: large;"><b><br /></b></span></div>
<div style="text-align: justify;">
<span style="color: blue; font-size: large;"><b>शीला के साथ साथ मनमोहन, सोनिया और राहूल को जमकर गालिया पडी कांग्रेस के नेता वह से भाग गए........................</b></span></div>
<div style="text-align: justify;">
<span style="color: blue; font-size: large;"><b><br /></b></span></div>
<div style="text-align: justify;">
<span style="color: blue; font-size: large;"><b>बेचारी कांग्रेस करे तो क्या करे.................</b></span></div>
<div style="text-align: justify;">
<span style="color: blue; font-size: large;"><b><br /></b></span></div>
<div style="text-align: justify;">
<span style="color: blue; font-size: large;"><b> (श्रोत्र जी न्यूज़ और जंतर मंतर पर उपस्थित जन समूह)</b></span></div>
</div>
खरी-खरीhttp://www.blogger.com/profile/10269991841550505866noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-2999588423638919946.post-88138203237502863122012-09-06T10:19:00.000+05:302012-09-06T10:19:16.399+05:30मुंगेरीलाल - अन्ना ..एक चीज होती है... थोरियम...आपने कभी सुना है <div dir="ltr" style="text-align: left;" trbidi="on">
<div class="separator" style="clear: both; text-align: center;">
<a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEiWGglNwauLOZ2CeezG2sIcFr8GbceGA_zxYqSMvYh2AQPVHeW4CRP8_gIntfKiVydWs6nGISc9q6bblIGP7OndUIP9X50U7BY-Z2hOwHa82zcMqgTR03A9CbbhrlH6Bq4QBufiEm3eKuI/s1600/293021_467625359924927_247227279_n.jpg" imageanchor="1" style="margin-left: 1em; margin-right: 1em;"><img border="0" height="534" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEiWGglNwauLOZ2CeezG2sIcFr8GbceGA_zxYqSMvYh2AQPVHeW4CRP8_gIntfKiVydWs6nGISc9q6bblIGP7OndUIP9X50U7BY-Z2hOwHa82zcMqgTR03A9CbbhrlH6Bq4QBufiEm3eKuI/s640/293021_467625359924927_247227279_n.jpg" width="640" /></a></div>
<span class="userContent"><br /></span>
<span class="userContent"><b><span style="font-size: large;">मुंगेरीलाल - अन्ना ..एक चीज होती है... थोरियम...आपने कभी सुना है<br /> <br /> अन्ना- हें...जोर से बोलो... मुझे नही पता ....ये क्या है... नासपती, लोकी जैसी कोई चीज है क्या.?<br /> मुंगेरीलाल - ये रेत में मिलती है, इससे एटम बम बना सकते हैं, इससे बिजली बना सकते हैं<br /> अन्ना- हें... तो ये अब रेत में नहीं मिलती क्या<br /> मुंगेरीलाल- अब भी मिलती है तभी तो मैडम की पार्टी ने ४८ लाख करोड़ का घोटाला<br /> कर दिया अमेरिकी कंपनियों को बेच दिया<br /> अन्ना- हें...तो मैं अनशन पर बैठ जाऊं मैंने चार चार कैबिनेट मंत्रियों के विके</span></b></span><br />
<div class="text_exposed_show">
<b><span style="font-size: large;">ट लिए हैं चार बाई आठ के कमरे में सोता हूँ मंदिर में रहता हूँ कोई परिवार नहीं बनाया......<br /> खुजलीवाल- नहीं अभी पहले सोनिया अन्तोनिया दमदमी माई टकसाल मैडम से पूछेंगे तब इस पर अनशन करना है<br /> अन्ना- ठीक है ...जब भी अनशन पर बैठना हो बता देना मैंने चार चार कबिनेट मंत्रियों के विकेट लिए हैं.<br /> <br /> खुजलीवाल- अभी भाजपा भी चुप है<br />
अन्ना- हें..पर भाजपा क्यों चुप है मैंने चार चार कैबिनेट मंत्रियों के
विकेट लिए हैं चार बाई आठ के कमरे में सोता हूँ मंदिर में रहता हूँ कोई
परिवार नहीं बनाया<br /> खुजलीवाल- अभी वो कोयले में अटकी है... जब भाजपा मुंह खोलेगी तब ही तो हमें मैडम के यहाँ से थैली मिलेगी<br />
अन्ना- हां वो तो है मैंने चार चार कैबिनेट मंत्रियों के विकेट लिए हैं
चार बाई आठ के कमरे में सोता हूँ मंदिर में रहता हूँ कोई परिवार नहीं बनाया<br /> मुंगेरीलाल - तब आप आ जाना अनशन करने<br />
अन्ना- ठीक है बता देना मैंने चार चार कैबिनेट मंत्रियों के विकेट लिए हैं
चार बाई आठ के कमरे में सोता हूँ मंदिर में रहता हूँ कोई परिवार नहीं
बनाया<br /> खुजलीवाल- हाँ तभी तो आपको लोग गाँधी समझते हैं...ही ही ही<br /> <br />
अन्ना- ये नौकर लोग मालिक हो गए ...ये कोई लोकसाई है क्या ...अरे तुमको
भेजा सेवा करने को.. तुम हमको आँख दिखाता है मैंने चार चार मंत्रियों के
विकेट लिए हैं<br /> खुजलीवाल.- अन्ना ...बस भी कीजिये ...पकाईये मत...<br /> अन्ना- ठीक है... लेकिन मीडिया को बुलाओ... मेरा इंटरव्यू दिलाओ... ये तो बहुत बड़ा घोटाला है..<br />
खुजलीवाल- लेकिन अभी चुप रहने को मैडम ने कहा है अभी तो भाजपा भी चुप
है...जब भाजपा बोलेगी तब हम कहेंगे... सब चोर हैं..सब चोर है.....<br /> अन्ना- मैंने चार चार मंत्रियों के विकेट लिए...<br /> खुजलीवाल-- अन्ना ... अब बस भी कीजिये...<br /> अन्ना- मैं चार बाई आठ के कमरे में सोता हूँ<br /> खुजलीवाल- पक गया मेरे बाप... अब तो चुप हो जा...!!<br />
अन्ना- मैंने चार चार कैबिनेट मंत्रियों के विकेट लिए हैं चार बाई आठ के
कमरे में सोता हूँ मंदिर में रहता हूँ कोई परिवार नहीं बनाया<br /> मुंगेरीलाल- मेरे बाप..अब चुप हो जा...<br /> अन्ना- मैंने चार चार कैबिनेट .....<br /> <br /> (मदन मोहन तिवारी)</span></b></div>
</div>
खरी-खरीhttp://www.blogger.com/profile/10269991841550505866noreply@blogger.com3tag:blogger.com,1999:blog-2999588423638919946.post-14783412088160094932012-08-05T18:21:00.001+05:302012-08-05T18:25:37.998+05:30अन्ना की "हिंद स्वराज पार्टी" कांग्रेस की बी टीम<div dir="ltr" style="text-align: left;" trbidi="on">
<div class="separator" style="clear: both; text-align: center;">
<a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhLRik6NI5pHav_O14BN6SdfeAoH1a6_57bV9zvmZJzt4SPWRFD6YeFvhSIJ3iaqhBfzs3aJSWCm6Gpbw1iKtVsXLT1ZjzPLgo9IRBEUPyKQMW2NhIzYG5duqYTTyhMdEzKb1IfDrZS1CY/s1600/anshan+1.jpg" imageanchor="1" style="margin-left: 1em; margin-right: 1em;"><img border="0" height="452" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhLRik6NI5pHav_O14BN6SdfeAoH1a6_57bV9zvmZJzt4SPWRFD6YeFvhSIJ3iaqhBfzs3aJSWCm6Gpbw1iKtVsXLT1ZjzPLgo9IRBEUPyKQMW2NhIzYG5duqYTTyhMdEzKb1IfDrZS1CY/s640/anshan+1.jpg" width="640" /></a></div>
<br />
<b><span style="font-size: large;">किशन बाबूराव हजारे की गैंग ने हालिया 9 दिन के ताजा अनशन के नाम पर भी
पूरे देश को गधा बनाया, भूखे होने पर शरीर में ग्लूकोज की कमी के बाद भी
इन तीनों के शरीर में जिस तरह से कीटोने बोडीज ऊपर नीचे होती रही वो किसी
'चमत्कार' से संभव है या 'स्टील के गिलासों' में कुछ लेने से।</span></b><br />
<b><span style="font-size: large;"><br /></span></b><br />
<b><span style="font-size: large;">कोई व्यक्ति
यदि भूखा रहे तो 24-48 घंटों में उसकी जमा उर्जा के बाद शरीर अपने में जमा
fat को काम में लेना शुरू करता है, कीटोन इसी प्रकिया में उत्पन्न होता है,
पर इन तीनों (अरविंद, मनीष और गोपाल) के शरीर में जाने किस दैवीय चमत्कार
या नई पार्टी बनाने की खुशी में अनशन के बाद कीटोन में गिरावट दर्ज की गई
जो IAC द्वारा उपलब्ध कराये गये आंकडों में भी दर्ज है। आश्चर्य है कि कई
तथाकथित "बुद्धुजीवी" अभी भी अन्ना गैंग को ठीक और देश के लिये काम करने
वाला ठहराने की कुत्सित कोशिशों में लगे हैं।</span></b><br />
<br />
<div class="separator" style="clear: both; text-align: center;">
<a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEi0qXZzFypK313sW_AhqWlp-FhnhWNGBsPML-_rWDFEynA9_vz17mQzXvgYzUCSP81x90XLmFnb1WbngceQGg6sfiQ5CgFF-P_sHnTrby2lA3mm-XKxK_XZDEytWu7J3RKiLWRosx7R4s0/s1600/%E0%A4%85%E0%A4%A8%E0%A5%8D%E0%A4%A8%E0%A4%BE+%E0%A4%AD%E0%A4%BE%E0%A4%88%E0%A4%9C%E0%A4%BE%E0%A4%A8.jpg" imageanchor="1" style="margin-left: 1em; margin-right: 1em;"><img border="0" height="480" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEi0qXZzFypK313sW_AhqWlp-FhnhWNGBsPML-_rWDFEynA9_vz17mQzXvgYzUCSP81x90XLmFnb1WbngceQGg6sfiQ5CgFF-P_sHnTrby2lA3mm-XKxK_XZDEytWu7J3RKiLWRosx7R4s0/s640/%E0%A4%85%E0%A4%A8%E0%A5%8D%E0%A4%A8%E0%A4%BE+%E0%A4%AD%E0%A4%BE%E0%A4%88%E0%A4%9C%E0%A4%BE%E0%A4%A8.jpg" width="640" /></a></div>
<br />
<span style="font-size: large;"><b>जरा सोचिये एक भयंकर सुगर पीड़ित अरविन्द केजरीवाल केसे १० दिन भूखा रह सकता है ये संभव ही नहीं है क्योंकी सुगर की बीमारी में ज्यादा देर भूखे रहना जनलेवा होता है सुगर की बीमारी में पीड़ित व्यक्ति को डॉक्टर थोड़ी थोड़ी देर में कुछ लेते रहने की सलाह देते है फिर अरविन्द केजरीवाल केसे १० दिन भूखा रह सकता है...</b></span><br />
<span style="font-size: large;"><b><br /></b></span><br />
<span style="font-size: large;"><b>अन्ना और उसका गेंग कांग्रेस और विदेशी टुकडो पर पलने वाला देश का सबसे बड़ा दुश्मन है.</b></span><br />
<span style="font-size: large;"><b><br /></b></span><br />
<a href="http://www.indianexpress.com/news/medical-report-of-team-anna-a-mystery/983183/0" rel="nofollow nofollow" target="_blank"><span style="font-size: large;"><b>http://www.indianexpress.com/news/medical-report-of-team-anna-a-mystery/983183/0</b></span></a></div>खरी-खरीhttp://www.blogger.com/profile/10269991841550505866noreply@blogger.com7tag:blogger.com,1999:blog-2999588423638919946.post-9368428380279320392012-07-26T17:47:00.000+05:302012-07-26T17:49:02.165+05:30असम को बनाया कोंग्रेस ने दूसरा कश्मीर<div dir="ltr" style="text-align: left;" trbidi="on">
<br />
<div class="separator" style="clear: both; text-align: center;">
<a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEjeyriJQAsK2s_Zei_L3CVfAjfMf-g_JsGgQLyzvdHkhkN-BpNSJgnR4slGf9i4O20KJjKKYOiqye1BbucmX7o4cNsBQyuY13lWzqTZ5NBXZhIt9nCswIxvZAVF-qHnRR6RjWiYtSotjZ4/s1600/%E0%A4%AC%E0%A4%A8-%E0%A4%AA%E0%A4%BE%E0%A4%95.jpg" imageanchor="1" style="margin-left: 1em; margin-right: 1em;"><img border="0" height="480" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEjeyriJQAsK2s_Zei_L3CVfAjfMf-g_JsGgQLyzvdHkhkN-BpNSJgnR4slGf9i4O20KJjKKYOiqye1BbucmX7o4cNsBQyuY13lWzqTZ5NBXZhIt9nCswIxvZAVF-qHnRR6RjWiYtSotjZ4/s640/%E0%A4%AC%E0%A4%A8-%E0%A4%AA%E0%A4%BE%E0%A4%95.jpg" width="640" /></a></div>
<h6 class="uiStreamMessage" data-ft="{"type":1,"tn":"K"}" style="text-align: justify;">
<span class="messageBody" data-ft="{"type":3}" style="background-color: white;"><span style="color: red; font-size: x-large;">असम को बनाया कोंग्रेस ने दूसरा कश्मीर| </span></span></h6>
<h6 class="uiStreamMessage" data-ft="{"type":1,"tn":"K"}">
<div style="text-align: justify;">
<span style="background-color: black;"><span style="color: red; font-size: x-large;"><br /></span></span></div>
<span class="messageBody" data-ft="{"type":3}" style="background-color: black;"><span style="color: red;"><div style="text-align: justify;">
<span style="font-size: x-large;">ऐसा कहा जा रहा है की आसाम में करीब ५०० गाँव जला दिए गए हैं और पूरी तरह बर्बाद हो चुके हैं|</span></div>
<div style="text-align: justify;">
<span style="font-size: x-large;"><br /></span></div>
<div style="text-align: justify;">
<span style="font-size: x-large;">५०० गाँव जले और केवल ३२ मौतें ये आंकड़ा कुछ गले से नहीं उतरता है जबकि
सेना का कहना है की कई जगहों से उन लोगो ने १०-१५ लाशें एक साथ निकाली हैं|
जहाँ प्रत्यक्षदर्शी २०० के आस-पास की मौतों की पुष्टि कर रहे हैं वही
सरकार तो छोडीये सरकार की वक्ता मीडिया केवल ३२ मौतें दिखा अपने कार्य की
इतिश्री कर लिए| </span></div>
<span class="text_exposed_show"><div style="text-align: justify;">
<span style="font-size: x-large;"><br /></span></div>
<div style="text-align: justify;">
<span style="font-size: x-large;">अब इस पर
अंधी-गूंगी-भांड मीडिया का कहना है की बोडो डोमिनेटेड गाँव थे ये| और गैर
बोड़ोज ने जलाया| ऐसा हर जगह के दंगे में होता है की हिन्दू शब्द का तो
धड़ल्ले से उपयोग होता है लेकिन मुसलमान कहने में इन हरामखोर मीडिया वालों
की नानी या अम्मी मरने लगती है| क्या इन कुत्तों को ये नहीं पता है की ये
नंगनाच करने वाले और कोई नहीं बल्कि कांग्रेस नाम की खजुहट के द्वारा बसाये
गए महान बंगलादेशी कुत्ते हैं जो इन मीडिया वालों की अम्मी कांग्रेस को
वोट देते हैं|</span></div>
<div style="text-align: justify;">
<span style="font-size: x-large;"><br /></span></div>
<div style="text-align: justify;">
<span style="font-size: x-large;">अब मीडिया के सम्राट कहे जाने वाले राजदीप सरदेसाई
को ही लीजिये उन्होंने ने तो बड़ी बेबाकी से अपने जीजाओं का पक्ष लेते हुए
ट्विटर पर साफ़-साफ़ लहजे में कह दिया था की जब तक आसाम में १००० हिन्दू
नहीं मर जाते हैं तब तक इनका चैनल इस न्यूज़ को नहीं दिखायेगा क्यूंकि
गुजरात में १००० लोग मरे थे लेकिन यहाँ भी इस चाटुकार दलाल ने गोधरा नहीं
भौंका और नाही दिल्ली का कत्लेआम क्यूंकि इसकी अम्मा इसकी पगार बंद कर देगी
जो इस दल्ले के घर पर इसको मिठाई के कार्टून में भेजी जाती है|</span></div>
<div style="text-align: justify;">
<span style="font-size: x-large;"><br /></span></div>
<div style="text-align: justify;">
<span style="font-size: x-large;">अब तरुण गगोई तो इससे भी आगे निकल कर कह रहे हैं की ये दंगे थोड़े समय के
लिए हैं अस्थाई हैं....अब जरा कोई इस हरामखोर से पूछे की स्थाई और अस्थाई
दंगे में भेद क्या है और ये दंगा हुआ क्यूँ? इस खजुहट ने तो यहाँ तक कहा की
केवल ३०००० हिन्दू ही तो विस्थापित हुए हैं जबकि एक क्षेत्रीय अख़बार की
माने तो १,३०,००० और क्षेत्रीय लोगों की मानें तो करीब २,००,००० से भी
ज्यादा हिन्दू शरणार्थी शिविरों में रहने को बाध्य हैं| मतलब दूसरा कश्मीर|</span></div>
<div style="text-align: justify;">
<span style="font-size: x-large;"><br /></span></div>
<div style="text-align: justify;">
<span style="font-size: x-large;">अब जहाँ तक सुनने में आ रहा है की जब बोड़ोज पुराने अलगाववादी बोड़ोज के
साथ मिल कर इन बंगलादेशी और कांग्रेस पोषित कुत्तों को मारने लगे तो खजुहट
कांग्रेस ने तुरंत अपने दामादों की रक्षा के लिए अतिरिक्त १५०० सेना के
जवानों को भेज दिया आसाम| जब बोड़ोज मारे जा रहे थे तब क्या १० जनपथ में
मिठाई बंट रही थी| और अब बोड़ोज की द्वारा अपने दामादों और जीजाओं की कटाई
से दुखित पुरे "युपिए" के मुस्लिम नेता सांसद रहमानी के नेतृत्व में अघोषित
प्रधानमंत्री और बंगलादेशी कुत्तों की सास सोनिया और ससुर अहमद पटेल से
मिलने आ रहे हैं|</span></div>
</span></span></span></h6>
</div>खरी-खरीhttp://www.blogger.com/profile/10269991841550505866noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-2999588423638919946.post-62469175775437738482012-07-06T16:19:00.000+05:302012-07-06T17:04:14.729+05:30क्या वर्ण व्यवस्था का यही उद्देश्य था.....?????<div dir="ltr" style="text-align: left;" trbidi="on">
<br />
<div class="text_exposed_root text_exposed" data-mce-style="text-align: justify;" id="id_4ff583486b4727326522091" style="text-align: justify;">
<span data-mce-style="font-size: 14px;" style="font-size: 14px;">आज हिन्दू समाज में जाति या वर्ण व्यवस्था .... निस्संदेह एक अभिशाप की तरह है..... और, एक कलंक है ....!</span> <span data-mce-style="font-size: 14px;" style="font-size: 14px;">परन्तु..... क्या सचमुच में ...... वर्ण व्यवस्था का यही उद्देश्य था.....?????</span><br />
<br />
<span data-mce-style="font-size: 14px;" style="font-size: 14px;">
दरअसल जब कोई विशाल और भव्य भवन का निर्माण होता है तो, उसकी विशालता और
भव्यता के लिए जो परिश्रम और रचनात्मकता लगती है वो ही कार्य दक्षता,
इतिहास में विरासत के रूप में लिखी जाती है ..! </span><span class="text_exposed_show" data-mce-style="font-size: 14px;" style="font-size: 14px;">परन्तु...
जब उस विशाल और भव्य भवन की आवश्यकता पूर्ण हो जाती है ...... तथा वो
बाहरी प्रभाव के कारण जर्जर हो जाती है और ढहने लगती है.... तो, उस समय के
समाज के लिए वह भवन विशालता और भव्यता का कारण न बनकर दुर्घटना का कारण बन
जाती है.... तथा भयावह हो जाती है ...! कमोबेश ... आज यही स्थिति भारत में
हिन्दू समाज के वर्ण व्यवस्था की है ....!<br /> <br /> कभी इसी वर्ण व्यवस्था
ने भारत को शिखर पर पहुँचाया था.... परन्तु आज 1400 सालों की सामाजिक संकरण
और बाहरी धर्मों की गन्दगी ने आज इसकी प्रासंगिकता को ख़त्म कर दिया
है...... और, और जो जातीय प्रबंधन रुपी जंजीर कभी हमारे हिन्दू समाज के लिए
कभी सुरक्षा प्रदान करती थी........ आज वही जातिवाद की जंजीरें हमारी
बेड़ियाँ बन चुकी हैं ....! क्या आपने कभी जाति व्यवस्था के स्वर्णिम
पहलुओं पर निष्पक्ष रूप से विचार किया है...?????? क्या आपने कभी सोचा है
कि..... आखिर समाज में रहने और समाज के सर्वांगीण विकास के लिए जाति
व्यवस्था क्यों आवश्यक थी..........????<br /> <br /> इस बात को समझाने के लिए .... आज के सामाजिक परिदृश्य पर थोडा नजर दौडाएँ........!<br /> <br />
आज के समाज में रेडियो 15 रुपये में मिल रहा है...... और, अरहर की दाल 80
रुपये में..... !!!!!!!! पिज्जा की होम डेलिवरी है...... और, चिकित्सा
सुविधा का आज भी आभाव है........! भारत में आज लगभग 70 लाख लोग इंजीनियरिंग
की पढाई कर रहे है ..... वहीँ दूसरी ओर .... सेना और रक्षा सेवाएँ प्रतिभा
की तलाश में है..........!<br /> <br /> आज लोग .... और समाजशास्त्री परेशांन हैं ....ऐसी सामाजिक अव्यवस्था से.....!!!!!!<br /> <br />
ऐसा इसीलिए है कि.........भारत के हिन्दू सामाजिक सिद्धांतों के आधार पर
जो जाति व्यवस्था बनी थी उसका मूल उद्देश्य समाज का चहुँमुखी विकास था
....! समाज में हर किसी का विकास हो ...... यही जाति व्यवस्था का लक्ष्य
था..! और.... यही कारण है कि ..... हिन्दुओं ने कला, विज्ञान ,कृषि, रक्षा,
सौंदर्य, खगोल, ज्योतिष, गणित ,साहित्य ....आदि सभी क्षेत्रों मे सामान
रूप से विकास किया.... हर क्षेत्रों में एक नया कीर्तिमान स्थापित करते हुए
दुनिया में अपनी विजय पताका फहराई....!!<br /> <br /> जरा
सोचिये.............. जिस विकृत जाति व्यवस्था को हिन्दू समाज की बुराई के
रूप में हमें परिभाषित किया गया और हमने मान लिया ....!यदि... भारत में आज
भी जाति व्यवस्था के हिसाब से ही आज कार्य होता तो ..........बाटा, लिबर्टी
जैसी कंपनियों में किसका अधिपत्य होता... और, उनमे काम कौन करता .....????<br /> <br />
लुहार जाति के लोगों का ही अस्तित्व होता भारत की समस्त लौह सम्पदा पर
....ऐसे में इस्पात संयंत्रों में काम करने वाला अधिकारी, अभियंता, प्रबंधक
कौन होता ....???<br /> <br /> पूरे भारत में काम करने वाली समस्त दुग्ध
उत्पादों , अमूल, पराग और मदर डेरी में हिन्दू यादवों का ही अधिपत्य होता
...... डेयरी तकनीक और अनुसन्धान हो या कोई भी शिक्षण समाज सब कुछ संरक्षित
होता यादव समाज के लिए ....!<br /> <br /> आज पूंजी के आधार पर टाटा तनिष्क ..
और डी-डमास जैसी कंपनिया....सुनार समाज का रोजगार लील रही हैं ....परन्तु,
यदि सुनार समाज भारत के सभी आभूषण कारोबार की देखरेख करते तो.........
आप आसानी से समझ सकते हैं कि सुनार समाज कहाँ होता ...????<br /> <br /> भारत के केवट समाज भी आधुनिक होकर भारतीय नेवी की रीढ़ बन गया होता ...!<br /> <br />
ब्राह्मण समाज को आज समाज में पान की दुकान या राजनीति नहीं करनी होती
....अपितु कला साहित्य और विज्ञान क्षेत्र इनके अधीन होते ...!<br /> <br />
क्षत्रिय समाज सेना और राजनीति के माध्यम से पूरे समाज में......... सबकी
सुरक्षा कर रहे होते.....! राजनीति के प्रबंधक ,सेना के अधिकारी, अभियंता
कृषि कार्य से सम्बंधित सभी कार्यों पर शुद्र समाज का अस्तित्व होता और
समस्त भारत में सभी कृषि विश्वविद्यालयों और अनुसन्धान संस्थानों के
वैज्ञानिक और प्रोफ़ेसर भी इसी समाज से होते ...........!<br /> <br /> यदि ऐसी
संकल्पना होती तो पूरा हिन्दू भारतीय समाज सभी दिशाओं में विकास करता और
कहीं कोई ... किसी भी प्रकार के आरक्षण का झगडा नहीं होता...! भारतीय
हिन्दू समाज में जाति व्यवस्था आधारित संकल्पना बड़ी ही अनुपम और अद्वितीय
थी ....! पीढ़ी दर पीढ़ी शोध और विकास चलता रहता था ... और हर समाज एक
दुसरे से लाभान्वित होता था ...! परन्तु.... दुर्भाग्य से समय की धार
और.... मुस्लिमों आक्रान्ताओं के लगातार हमलों ने हमारे हिन्दू समाज के इस
अनुपम ताना-बाना को छिन्न-भिन्न कर दिया..... और .... हमारी ये अद्वितीय
जाति व्यवस्था.... वरदान के बदले एक अभिशाप और कलंक बन गयी ...!<br /> <br /> <br />
Disclaimer : इस लेख का उद्देश्य जाति व्यवस्था को बढ़ावा देना कतई नहीं
है...... बल्कि , सभी जातियों को समाज के लिए महत्वपूर्ण और एकरूप बताना
है...!<br /> <br /> साथ ही लेख का उद्देश्य ये साबित करना है कि..... जाति
व्यवस्था... किसी को बड़ा या छोटा बनाने के लिए नहीं बल्कि....... समाज के
सर्वांगीण विकास के लिए बनायीं गयी थी...!</span></div>
<div class="fbPhotoTagList" data-mce-style="text-align: justify;" style="text-align: justify;">
</div>
<div class="fbPhotoTagList" data-mce-style="text-align: justify;" style="text-align: justify;">
</div>
<div class="fbPhotoTagList" data-mce-style="text-align: justify;" id="fbPhotoSnowliftTagList" style="text-align: justify;">
<span data-mce-style="font-size: 14px;" style="font-size: 14px;">(मूल लेखक सतीश कुमार)</span></div>
</div>खरी-खरीhttp://www.blogger.com/profile/10269991841550505866noreply@blogger.com2tag:blogger.com,1999:blog-2999588423638919946.post-83622837054402756022012-06-28T11:37:00.000+05:302012-06-28T11:41:17.934+05:30साध्वी प्रज्ञा पर अत्याचार और फोजिया खान पर सरकार चुप क्यों ?<div dir="ltr" style="text-align: left;" trbidi="on">
<br />
<div class="text_exposed_root text_exposed" id="id_4febf37ba45574460450643">
<div class="separator" style="clear: both; text-align: center;">
<a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEg46QH9op5QSdtjDSPisOxGr49a9im68H092WXoC_g1eAOlH4ukcDAtrXRmx4cOcwaJUAQt7xhIXJn_aeJrI8JX0AAfXsADZDy4hh9xrQaFHbvGBmeP5lx3lglxu5XEqnXF_ahcKoHqxqU/s1600/%E0%A4%B8%E0%A4%B0%E0%A4%95%E0%A4%BE%E0%A4%B0+%E0%A4%95%E0%A4%BE+%E0%A4%A6%E0%A5%8B%E0%A4%97%E0%A4%B2%E0%A4%BE+.JPG" imageanchor="1" style="margin-left: 1em; margin-right: 1em;"><img border="0" height="480" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEg46QH9op5QSdtjDSPisOxGr49a9im68H092WXoC_g1eAOlH4ukcDAtrXRmx4cOcwaJUAQt7xhIXJn_aeJrI8JX0AAfXsADZDy4hh9xrQaFHbvGBmeP5lx3lglxu5XEqnXF_ahcKoHqxqU/s640/%E0%A4%B8%E0%A4%B0%E0%A4%95%E0%A4%BE%E0%A4%B0+%E0%A4%95%E0%A4%BE+%E0%A4%A6%E0%A5%8B%E0%A4%97%E0%A4%B2%E0%A4%BE+.JPG" width="640" /></a></div>
<div style="text-align: justify;">
<b style="background-color: white; font-size: x-large;"><br /></b></div>
<div style="text-align: justify;">
<b style="background-color: white; font-size: x-large;"><span style="color: red;">क्या ये भारत की तथाकथित सेकूलर सरकार का दोगलापन नहीं है ........................................?</span></b></div>
<span style="color: red; font-size: large;"></span><br />
<div style="text-align: justify;">
<span style="font-size: large;"><span style="color: red; font-weight: bold;"><br /></span></span></div>
<span style="font-size: large;"><span style="color: red;">
</span><b></b></span><br />
<div style="text-align: justify;">
<span style="font-size: large;"><b><b style="background-color: white;"><span style="color: red;">पूरी कागजी करवाई के बाद २००४ में बेची गई मोटरसाईकिल के २००८ मालेगाव
विस्फोट में इस्तेमाल के कारण साध्वी प्रज्ञा के साथ अत्याचार और अपने घर
में देश के दुश्मन आतंकवादियों को पनाह देने वाली फोजिया खान पर कोई करवाई
क्यों नहीं.................... ?</span></b></b></span></div>
<span style="font-size: large;"><b>
<div style="text-align: justify;">
<span style="color: red;"><br /></span></div>
<div style="text-align: justify;">
<b style="background-color: white;"><span style="color: red;">साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर द्वारा नासिक कोर्ट में दिये गये शपथपत्र पर आधारित बयान . </span></b></div>
<div style="text-align: justify;">
<span style="color: red;"><br /></span></div>
<div style="text-align: justify;">
<b style="background-color: white;"><span style="color: red;">मैं साध्वी प्रज्ञा चंद्रपाल सिंह ठाकुर, उम्र-38 साल<span class="text_exposed_show">,
पेशा-कुछ नहीं, 7 गंगा सागर ...अपार्टमेन्ट, कटोदरा, सूरत,गुजरात राज्य की
निवासी हूं जबकि मैं मूलतः मध्य प्रदेश की निवासिनी हूं. कुछ साल पहले
हमारे अभिभावक सूरत आकर बस गये. पिछले कुछ सालों से मैं अनुभव कर रही हूं
कि भौतिक जगत से मेरा कटाव होता जा रहा है. आध्यात्मिक जगत लगातार मुझे
अपनी ओर आकर्षित कर रहा था. इसके कारण मैंने भौतिक जगत को अलविदा करने का
निश्चय कर लिया और 30-01-2007 को संन्यासिन हो गयी.</span></span></b></div>
<span class="text_exposed_show"><div style="text-align: justify;">
<span style="color: red;"><br /></span></div>
<div style="text-align: justify;">
<b style="background-color: white;"><span class="text_exposed_show" style="color: red;">जब से
सन्यासिन हुई हूं मैं अपने जबलपुर वाले आश्रम से निवास कर रही हूं. आश्रम
में मेरा अधिकांश समय ध्यान-साधना, योग, प्राणायम और आध्यात्मिक अध्ययन में
ही बीतता था. आश्रम में टीवी इत्यादि देखने की मेरी कोई आदत नहीं है, यहां
तक कि आश्रम में अखबार की कोई समुचित व्यवस्था भी नहीं है. आश्रम में रहने
के दिनों को छोड़ दें तो बाकी समय मैं उत्तर भारत के ज्यादातर हिस्सों में
धार्मिक प्रवचन और अन्य धार्मिक कार्यों को संपन्न कराने के लिए उत्तर
भारत में यात्राएं करती हूं. 23-9-2008 से 4-10-2008 के दौरान मैं इंदौर
में थी और यहां मैं अपने एक शिष्य अण्णाजी के घर रूकी थी. 4 अक्टूबर की शाम
को मैं अपने आश्रम जबलपुर वापस आ गयी.</span></b></div>
<div style="text-align: justify;">
<span style="color: red;"><br /></span></div>
<div style="text-align: justify;">
<b style="background-color: white;"><span class="text_exposed_show" style="color: red;">7-10-2008 को जब मैं अपने
जबलपुर के आश्रम में थी तो शाम को महाराष्ट्र से एटीएस के एक पुलिस अधिकारी
का फोन मेरे पास आया जिन्होंने अपना नाम सावंत बताया. वे मेरी एलएमएल
फ्रीडम बाईक के बारे में जानना चाहते थे. मैंने उनसे कहा कि वह बाईक तो
मैंने बहुत पहले बेच दी है. अब मेरा उस बाईक से कोई नाता नहीं है. फिर भी
उन्होंने मुझे कहा कि अगर मैं सूरत आ जाऊं तो वे मुझसे कुछ पूछताछ करना
चाहते हैं. मेरे लिए तुरंत आश्रम छोड़कर सूरत जाना संभव नहीं था इसलिए
मैंने उन्हें कहा कि हो सके तो आप ही जबलपुर आश्रम आ जाईये, आपको जो कुछ
पूछताछ करनी है कर लीजिए. लेकिन उन्होंने जबलपुर आने से मना कर दिया और कहा
कि जितनी जल्दी हो आप सूरत आ जाईये. फिर मैंने ही सूरत जाने का निश्चय
किया और ट्रेन से उज्जैन के रास्ते 10-10-2008 को सुबह सूरत पहुंच गयी.
रेलवे स्टेशन पर भीमाभाई पसरीचा मुझे लेने आये थे. उनके साथ मैं उनके
निवासस्थान एटाप नगर चली गयी.</span></b></div>
<div style="text-align: justify;">
<span style="color: red;"><br /></span></div>
<div style="text-align: justify;">
<b style="background-color: white;"><span class="text_exposed_show" style="color: red;">यहीं पर सुबह के कोई 10 बजे मेरी
सावंत से मुलाकात हुई जो एलएमएल बाईक की खोज करते हुए पहले से ही सूरत में
थे. सावंत से मैंने पूछा कि मेरी बाईक के साथ क्या हुआ और उस बाईक के बारे
में आप पडताल क्यों कर रहे हैं? श्रीमान सावंत ने मुझे बताया कि पिछले
सप्ताह सितंबर में मालेगांव में जो विस्फोट हुआ है उसमें वही बाईक इस्तेमाल
की गयी है. यह मेरे लिए भी बिल्कुल नयी जानकारी थी कि मेरी बाईक का
इस्तेमाल मालेगांव धमाकों में किया गया है. यह सुनकर मैं सन्न रह गयी.
मैंने सावंत को कहा कि आप जिस एलएमएल फ्रीडम बाईक की बात कर रहे हैं उसका
रंग और नंबर वही है जिसे मैंने कुछ साल पहले बेच दिया था.</span></b></div>
<div style="text-align: justify;">
<span style="color: red;"><br /></span></div>
<div style="text-align: justify;">
<b style="background-color: white;"><span class="text_exposed_show" style="color: red;">सूरत
में सावंत से बातचीत में ही मैंने उन्हें बता दिया था कि वह एलएमएल फ्रीडम
बाईक मैंने अक्टूबर 2004 में ही मध्यप्रदेश के श्रीमान जोशी को 24 हजार में
बेच दी थी. उसी महीने में मैंने आरटीओ के तहत जरूरी कागजात (टीटी फार्म)
पर हस्ताक्षर करके बाईक की लेन-देन पूरी कर दी थी. मैंने साफ तौर पर सावंत
को कह दिया था कि अक्टूबर 2004 के बाद से मेरा उस बाईक पर कोई अधिकार नहीं
रह गया था. उसका कौन इस्तेमाल कर रहा है इससे भी मेरा कोई मतलब नहीं था.
लेकिन सावंत ने कहा कि वे मेरी बात पर विश्वास नहीं कर सकते. इसलिए मुझे
उनके साथ मुंबई जाना पड़ेगा ताकि वे और एटीएस के उनके अन्य साथी इस बारे
में और पूछताछ कर सकें. पूछताछ के बाद मैं आश्रम आने के लिए आजाद हूं.</span></b></div>
<div style="text-align: justify;">
<span style="color: red;"><br /></span></div>
<div style="text-align: justify;">
<b style="background-color: white;"><span class="text_exposed_show" style="color: red;">यहां यह ध्यान देने की बात है कि सीधे तौर पर मुझे 10-10-2008 को गिरफ्तार
नहीं किया गया. मुंबई में पूछताछ के लिए ले जाने की बाबत मुझे कोई सम्मन
भी नहीं दिया गया. जबकि मैं चाहती तो मैं सावंत को अपने आश्रम ही आकर
पूछताछ करने के लिए मजबूर कर सकती थी क्योंकि एक नागरिक के नाते यह मेरा
अधिकार है. लेकिन मैंने सावंत पर विश्वास किया और उनके साथ बातचीत के दौरान
मैंने कुछ नहीं छिपाया. मैं सावंत के साथ मुंबई जाने के लिए तैयार हो गयी.
सावंत ने कहा कि मैं अपने पिता से भी कहूं कि वे मेरे साथ मुंबई चलें.
मैंने सावंत से कहा कि उनकी बढ़ती उम्र को देखते हुए उनको साथ लेकर चलना
ठीक नहीं होगा. इसकी बजाय मैंने भीमाभाई को साथ लेकर चलने के लिए कहा जिनके
घर में एटीएस मुझसे पूछताछ कर रही थी.</span></b></div>
<div style="text-align: justify;">
<span style="color: red;"><br /></span></div>
<div style="text-align: justify;">
<b style="background-color: white;"><span class="text_exposed_show" style="color: red;">शाम को 5.15 मिनट पर मैं,
सावंत और भीमाभाई सूरत से मुंबई के लिए चल पड़े. 10 अक्टूबर को ही देर रात
हम लोग मुंबई पहुंच गये. मुझे सीधे कालाचौकी स्थित एटीएस के आफिस ले जाया
गया था. इसके बाद अगले दो दिनों तक एटीएस की टीम मुझसे पूछताछ करती रही.
उनके सारे सवाल 29-9-2008 को मालेगांव में हुए विस्फोट के इर्द-गिर्द ही
घूम रहे थे. मैं उनके हर सवाल का सही और सीधा जवाब दे रही थी.</span></b></div>
<div style="text-align: justify;">
<span style="color: red;"><br /></span></div>
<div style="text-align: justify;">
<b style="background-color: white;"><span class="text_exposed_show" style="color: red;">अक्टूबर को एटीएस ने अपनी पूछताछ का रास्ता बदल दिया. अब उसने उग्र होकर
पूछताछ करना शुरू किया. पहले उन्होंने मेरे शिष्य भीमाभाई पसरीचा (जिन्हें
मैं सूरत से अपने साथ लाई थी) से कहा कि वह मुझे बेल्ट और डंडे से मेरी
हथेलियों, माथे और तलुओं पर प्रहार करे. जब पसरीचा ने ऐसा करने से मना किया
तो एटीएस ने पहले उसको मारा-पीटा. आखिरकार वह एटीएस के कहने पर मेरे ऊपर
प्रहार करने लगा. कुछ भी हो, वह मेरा शिष्य है और कोई शिष्य अपने गुरू को
चोट नहीं पहुंचा सकता. इसलिए प्रहार करते वक्त भी वह इस बात का ध्यान रख
रहा था कि मुझे कोई चोट न लग जाए. इसके बाद खानविलकर ने उसको किनारे धकेल
दिया और बेल्ट से खुद मेरे हाथों, हथेलियों, पैरों, तलुओं पर प्रहार करने
लगा. मेरे शरीर के हिस्सों में अभी भी सूजन मौजूद है.</span></b></div>
<div style="text-align: justify;">
<span style="color: red;"><br /></span></div>
<div style="text-align: justify;">
<b style="background-color: white;"><span class="text_exposed_show" style="color: red;">13 तारीख तक
मेरे साथ सुबह, दोपहर और रात में भी मारपीट की गयी. दो बार ऐसा हुआ कि भोर
में चार बजे मुझे जगाकर मालेगांव विस्फोट के बारे में मुझसे पूछताछ की
गयी. भोर में पूछताछ के दौरान एक मूछवाले आदमी ने मेरे साथ मारपीट की जिसे
मैं अभी भी पहचान सकती हूं. इस दौरान एटीएस के लोगों ने मेरे साथ बातचीत
में बहुत भद्दी भाषा का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया. मेरे गुरू का अपमान
किया गया और मेरी पवित्रता पर सवाल किये गये. मुझे इतना परेशान किया गया कि
मुझे लगा कि मेरे सामने आत्महत्या करने के अलावा अब कोई रास्ता नहीं बचा
है.</span></b></div>
<div style="text-align: justify;">
<span style="color: red;"><br /></span></div>
<div style="text-align: justify;">
<b style="background-color: white;"><span class="text_exposed_show" style="color: red;">14 अक्टूबर को सुबह मुझे कुछ जांच के लिए एटीएस कार्यालय से
काफी दूर ले जाया गया जहां से दोपहर में मेरी वापसी हुई. उस दिन मेरी
पसरीचा से कोई मुलाकात नहीं हुई. मुझे यह भी पता नहीं था कि वे (पसरीचा)
कहां है. 15 अक्टूबर को दोपहर बाद मुझे और पसरीचा को एटीएस के वाहनों में
नागपाड़ा स्थित राजदूत होटल ले जाया गया जहां कमरा नंबर 315 और 314 में हमे
क्रमशः बंद कर दिया गया. यहां होटल में हमने कोई पैसा जमा नहीं कराया और न
ही यहां ठहरने के लिए कोई खानापूर्ति की. सारा काम एटीएस के लोगों ने ही
किया.</span></b></div>
<div style="text-align: justify;">
<span style="color: red;"><br /></span></div>
<div style="text-align: justify;">
<b style="background-color: white;"><span class="text_exposed_show" style="color: red;">मुझे होटल में रखने के बाद एटीएस के लोगों ने मुझे एक
मोबाईल फोन दिया. एटीएस ने मुझे इसी फोन से अपने कुछ रिश्तेदारों और
शिष्यों (जिसमें मेरी एक महिला शिष्य भी शामिल थी) को फोन करने के लिए कहा
और कहा कि मैं फोन करके लोगों को बताऊं कि मैं एक होटल में रूकी हूं और
सकुशल हूं. मैंने उनसे पहली बार यह पूछा कि आप मुझसे यह सब क्यों कहलाना
चाह रहे हैं. समय आनेपर मैं उस महिला शिष्य का नाम भी सार्वजनिक कर दूंगी.</span></b></div>
<div style="text-align: justify;">
<span style="color: red;"><br /></span></div>
<div style="text-align: justify;">
<b style="background-color: white;"><span class="text_exposed_show" style="color: red;">एटीएस की इस प्रताड़ना के बाद मेरे पेट और किडनी में दर्द शुरू हो गया.
मुझे भूख लगनी बंद हो गयी. मेरी हालत बिगड़ रही थी. होटल राजदूत में लाने
के कुछ ही घण्टे बाद मुझे एक अस्पताल में भर्ती करा दिया गया जिसका नाम
सुश्रुसा हास्पिटल था. मुझे आईसीयू में रखा गया. इसके आधे घण्टे के अंदर ही
भीमाभाई पसरीचा भी अस्पताल में लाये गये और मेरे लिए जो कुछ जरूरी कागजी
कार्यवाही थी वह एटीएस ने भीमाभाई से पूरी करवाई. जैसा कि भीमाभाई ने मुझे
बताया कि श्रीमान खानविलकर ने हास्पिटल में पैसे जमा करवाये. इसके बाद
पसरीचा को एटीएस वहां से लेकर चली गयी जिसके बाद से मेरा उनसे किसी प्रकार
का कोई संपर्क नहीं हो पाया है.</span></b></div>
<div style="text-align: justify;">
<span style="color: red;"><br /></span></div>
<div style="text-align: justify;">
<b style="background-color: white;"><span class="text_exposed_show" style="color: red;">इस अस्पताल में कोई 3-4 दिन मेरा
इलाज किया गया. यहां मेरी स्थिति में कोई सुधार नहीं हो रहा था तो मुझे
यहां से एक अन्य अस्पताल में ले जाया गया जिसका नाम मुझे याद नहीं है. यह
एक ऊंची ईमारत वाला अस्पताल था जहां दो-तीन दिन मेरा ईलाज किया गया. इस
दौरान मेरे साथ कोई महिला पुलिसकर्मी नहीं रखी गयी. न ही होटल राजदूत में
और न ही इन दोनो अस्पतालों में. होटल राजदूत और दोनों अस्पताल में मुझे
स्ट्रेचर पर लाया गया, इस दौरान मेरे चेहरे को एक काले कपड़े से ढंककर रखा
गया. दूसरे अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद मुझे फिर एटीएस के आफिस
कालाचौकी लाया गया.</span></b></div>
<div style="text-align: justify;">
<span style="color: red;"><br /></span></div>
<div style="text-align: justify;">
<b style="background-color: white;"><span class="text_exposed_show" style="color: red;">इसके बाद 23-10-2008 को मुझे गिरफ्तार किया
गया. गिरफ्तारी के अगले दिन 24-10-2008 को मुझे मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट,
नासिक की कोर्ट में प्रस्तुत किया गया जहां मुझे 3-11-2008 तक पुलिस कस्टडी
में रखने का आदेश हुआ. 24 तारीख तक मुझे वकील तो छोड़िये अपने परिवारवालों
से भी मिलने की इजाजत नहीं दी गयी. मुझे बिना कानूनी रूप से गिरफ्तार किये
ही 23-10-2008 के पहले ही पालीग्रैफिक टेस्ट किया गया. इसके बाद 1-11-2008
को दूसरा पालिग्राफिक टेस्ट किया गया. इसी के साथ मेरा नार्को टेस्ट भी
किया गया.</span></b></div>
<div style="text-align: justify;">
<span style="color: red;"><br /></span></div>
<div style="text-align: justify;">
<b style="background-color: white;"><span class="text_exposed_show" style="color: red;">मैं कहना चाहती हूं कि मेरा लाई डिटेक्टर टेस्ट और
नार्को एनेल्सिस टेस्ट बिना मेरी अनुमति के किये गये. सभी परीक्षणों के बाद
भी मालेगांव विस्फोट में मेरे शामिल होने का कोई सबूत नहीं मिल रहा था.
आखिरकार 2 नवंबर को मुझे मेरी बहन प्रतिभा भगवान झा से मिलने की इजाजत दी
गयी. मेरी बहन अपने साथ वकालतनामा लेकर आयी थी जो उसने और उसके पति ने वकील
गणेश सोवानी से तैयार करवाया था. हम लोग कोई निजी बातचीत नहीं कर पाये
क्योंकि एटीएस को लोग मेरी बातचीत सुन रहे थे. आखिरकार 3 नवंबर को ही
सम्माननीय अदालत के कोर्ट रूम में मैं चार-पांच मिनट के लिए अपने वकील गणेश
सोवानी से मिल पायी.</span></b></div>
<div style="text-align: justify;">
<span style="color: red;"><br /></span></div>
<div style="text-align: justify;">
<b style="background-color: white;"><span class="text_exposed_show" style="color: red;">10 अक्टूबर के बाद से लगातार मेरे साथ जो
कुछ किया गया उसे अपने वकील को मैं चार-पांच मिनट में ही कैसे बता पाती?
इसलिए हाथ से लिखकर माननीय अदालत को मेरा जो बयान दिया था उसमें विस्तार से
पूरी बात नहीं आ सकी. इसके बाद 11 नवंबर को भायखला जेल में एक महिला
कांस्टेबल की मौजूदगी में मुझे अपने वकील गणेश सोवानी से एक बार फिर 4-5
मिनट के लिए मिलने का मौका दिया गया. इसके अगले दिन 13 नवंबर को मुझे फिर
से 8-10 मिनट के लिए वकील से मिलने की इजाजत दी गयी. इसके बाद शुक्रवार 14
नवंबर को शाम 4.30 मिनट पर मुझे मेरे वकील से बात करने के लिए 20 मिनट का
वक्त दिया गया जिसमें मैंने अपने साथ हुई सारी घटनाएं सिलसिलेवार उन्हें
बताई, जिसे यहां प्रस्तुत किया गया है.</span></b></div>
</span></b></span></div>
<span class="fcg"></span></div>खरी-खरीhttp://www.blogger.com/profile/10269991841550505866noreply@blogger.com6tag:blogger.com,1999:blog-2999588423638919946.post-8781795178271577732012-06-18T21:13:00.000+05:302012-06-18T21:16:24.962+05:30कोसीकलां (मथुरा) दंगे का पूरा सच<div dir="ltr" style="text-align: left;" trbidi="on">
<br />
<div id="content" style="clear: both; vertical-align: top;">
<div id="left">
<div id="fb-root">
</div>
<div id="profile_top" style="background: url(/theme/TOI/images/publicBlogBanner.gif) repeat-x 0% 36px;">
<a href="http://readerblogs.navbharattimes.indiatimes.com/kharee-kharee">
<img border="0" src="http://readerblogs.navbharattimes.indiatimes.com/themes/NBTTheme/images/spacer.gif" style="height: 120px; margin: 35px 0px 0px 0px; position: absolute; width: 325px; z-index: 0;" /></a></div>
<div id="profile_top" style="background: url(/theme/TOI/images/publicBlogBanner.gif) repeat-x 0% 36px;">
<span style="font-size: 14px;"><b><br /></b></span></div>
<div id="profile_block" style="float: left;">
<span class="about"></span><br />
<div>
<div>
<span class="about"><span style="font-size: 14px;"><strong><img alt="" height="566" src="http://readerblogs.navbharattimes.indiatimes.com/kharee-kharee/resource/%E0%A4%95%E0%A5%8B%E0%A4%B8%E0%A5%80.jpg" style="float: left; vertical-align: top;" width="640" /></strong></span></span></div>
</div>
<span class="about">
</span><br />
<div style="text-align: justify;">
<span class="about"><strong><br /></strong></span></div>
<span class="about">
<div style="text-align: justify;">
<strong><br /></strong></div>
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<strong><br /></strong></div>
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<strong><br /></strong></div>
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<strong><br /></strong></div>
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<strong><br /></strong></div>
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<strong><br /></strong></div>
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<strong><br /></strong></div>
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<strong><br /></strong></div>
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<strong><br /></strong></div>
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<strong><br /></strong></div>
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<strong><br /></strong></div>
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<strong><br /></strong></div>
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<strong><br /></strong></div>
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<strong><br /></strong></div>
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<strong><br /></strong></div>
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<strong><br /></strong></div>
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<strong><br /></strong></div>
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<strong><br /></strong></div>
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<strong><br /></strong></div>
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<strong><br /></strong></div>
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<strong><br /></strong></div>
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<strong><br /></strong></div>
<div style="text-align: justify;">
<strong><br /></strong></div>
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<strong><br /></strong></div>
<div style="text-align: justify;">
<strong><br /></strong></div>
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<strong><br /></strong></div>
<div style="text-align: justify;">
<strong><br /></strong></div>
<div style="text-align: justify;">
<span class="about"><strong>कोसीकलां दंगे का प्रारंभ और क्रमवार विश्लेषण</strong></span></div>
<div style="text-align: justify;">
<span class="about"><strong><br /></strong></span></div>
<div style="text-align: justify;">
<strong>१ </strong><strong style="background-color: white;">जून २०१२, दिन शुक्रवार, तिथि निर्जला एकादशी, समय दोपहर २ बजे</strong></div>
<div style="text-align: justify;">
<br /></div>
<div style="text-align: justify;">
<span style="font-size: large;">मुस्लिम समुदाय के जुमे की नमाज
का समय| कोसीकलां में जिंदगी अपनी गति से बढ़ रही थी| दोपहर की नमाज
समाप्त होने के पश्चात् सब्जी मंडी में एक व्यापारी देवा ने एक
ग्राहक को सामान दे कर मस्जिद के निचे रखे ड्रम के पानी से हाथ
धो लिया| उसी समय मस्जिद से निचे उतर रहे खालिद शेख
ने व्यापारी देवा को ऐसा करते देख लिया और उसे फटकार
दिया| देवा ने कहा की अगर आपका पानी ख़राब
हो गया तो मैं क्षमा मांगता हूँ और ड्रम
को दोबारा भरवा देता हूँ| देवा ने दोबारा ड्रम
को पानी से भरवा दिया| दोबारा पानी भरवा देने के बाद भी खालिद शेख
अपने अहंकारवश देवा से मारपिट चालू कर दिया| खालिद के ऐसा करने का अन्य
हिन्दू व्यापारी बन्धुवों ने विरोध किया| लेकिन खालिद ने मस्जिद से अन्य
मुस्लिमों को बुला लिया हिन्दुओं के साथ बर्बरता पूर्वक मारपीट करता हुआ
मस्जिद में वापस चला गया और उसके बाद मस्जिद में उपस्थित
मुस्लिमो ने हिन्दुओं पर मस्जिद के अन्दर से ही पथराव चालू कर
दिया| इतना ही नहीं खालिद ने कोसी नगर के मुस्लिम बहुल
इलाके "निकासे" के मुस्लिमो को ये सुचना दे दी की हमारी मस्जिद
को हिन्दुओं ने घेर लिया है और हमारे ऊपर हमला कर रहे हैं| ज्ञात
हो की खालिद शेख ६ महिना भारत में रहता है और ६ महिना सउदी अरब
में रहता है| वह सउदी अरब से कोसीकलां और उसके आसपास
के क्षेत्रों के सभी मस्जिदों के लिए हवाला के जरिये धन
मुहैया करता है| इतना ही नहीं खालिद शेख आई०एस०आई० का एजेंट भी है और
मुस्लिम हितैषी सरकार जैसे कांग्रेस और सपा के साथ प्रगाढ़ सम्बन्ध
बनाये हुए है और उनके हमेसा संपर्क में रहता है|</span></div>
<div style="text-align: justify;">
<span style="font-size: large;">कोसीकलां का पाकिस्तान
कहे जाने वाले मुस्लिम बहुल क्षेत्र
"निकासे" से सैकड़ों की संख्या में उग्र मुसलमानों की भीड़
अपना आतंकवादी रूप दिखाते हुए अपने विभिन्न प्रकार के
घातक हथियारों जैसे बम, पिस्तौल, पेट्रोल बम इत्यादि से लैस हो कर
हिन्दुओं पर हमला करते हुए उक्त मस्जिद की तरफ बढ़ने लगे| लेकिन
सब्जी मंडी मस्जिद और निकासे के बिच स्थित हिन्दू बहुल क्षेत्र "बल्देव
गंज" के हिन्दू भाइयों ने निकासे के मुस्लिमो को मुहतोड़ जवाब <span style="font-family: arial;">दिया </span> | इसपर गुस्साए मुसलमानों ने तबाही का जो मंजर प्रस्तुत किया वो दिल दहला देने वाला था|</span></div>
<div style="text-align: justify;">
<span style="font-size: large;"><br /></span></div>
<div style="text-align: justify;">
<span style="font-size: large;">निकासे सीमा पर स्थित पंजाब नेसनल बैंक
में घुस कर मुसलमानों ने सिर्फ वहां की संपत्ति को केवल भारी नुकसान
ही पहुँचाया बल्कि लूटपाट का भी प्रयास किया| इसका पूरा विवरण बैंक
के सीसीटीवी कैमरे में कैद है जिसे अगर प्रदेश सरकार चाहे तो देख
सकती है| लूटपाट में असफल होने के पश्चात् मुसलमानों ने बैंक को आग
के हवाले कर दिया| बैंक के बाहर मुस्लिम दंगाई और बैंक के अन्दर
आग| इसके बावजूद भी बैंक के अन्दर उपस्थित स्टाफ, कर्मचारियों और
ग्राहकों ने इधर-उधर शरण ले कर जैसे-तैसे अपनी जान
बचाई| मुसलमानों का गुस्सा और
आतंकवादी गतिविधियाँ यही नहीं थमीं| मुसलमानों ने निकासे सीमा पर
स्थित लगभग सभी हिन्दू घरों में घुस कर ना सिर्फ तोड़-फोड़ और लूटपाट
करी बल्कि वहां मौजूद हिन्दू माताओं और
बहनों से भी बड़ी ही अश्लीलता पूर्ण
बद्तामिजियाँ कीं| दंगाइयों ने हिन्दुओं के घरों के निचे रखी उनकी
कारों को आग के हवाले कर दिया| जिसके कारण कई हिन्दुओं के घर जल कर खाक
हो गए| हिन्दुओं में बल्देव गंज और निकासे सीमा पर स्थित
आर०के० गर्ग, गुड्डू हतानियाँ, किशन पंडित और प्रतिक जैन
इत्यादि हिन्दू भाइयों के घर, वाहन, दुकान और गोदाम
आदि की भारी हानी हुई| इनकी माता बहनों के साथ घर में घुस कर अमानवीय रूप
से बदतमीजी की गई| मुस्लिम
दंगाइयों ने आने-जाने वाले हिन्दू राहगीरों के करीब २ दर्जन वाहनों को आग
के हवाले कर दिया और इनके साथ बड़ी बेरहमी से मारपीट कर बुरी तरह घायल कर
दिया| मुस्लिम दंगाइयों की संख्या अचानक से इतनी बढ़ गई
की इनका सामना करने का साहस किसी में नहीं था| यहाँ मुस्लिम दंगाई बल्देव
गंज के युवाओं पर लगातार पत्थर और बम
इत्यादि से हमले कर रहे थे| हिन्दुओं के पास मुसलमानों के सामान हथियार
नहीं थे क्यूंकि प्रदेश सरकार ने अपने चुनाव पूर्व वादे के हिसाब से
मुस्लिम बस्तियों में कैम्प लगा कर 1 दिन में ही करीब 200 पिस्तौल के
लाइसेंस बांटे थे और ये पहला वादा था जो अखिलेश सिंह यादव की सपा सरकार ने
पूरा किया था फिर भी उपलब्ध हथियारों से बल्देव गंज के हिन्दू युवाओं
ने इन मुस्लिम आतताइयों का सामना कर इनके हमलों का मुहतोड़ जवाब
दिया| मुसलमानों के आक्रोशित और आतंकी जत्थे ने पूरी सब्जी मंडी, अनाज
मंडी और अनेक बाजारों इत्यादि को जला कर राख कर दिया|</span></div>
<div style="text-align: justify;">
<span style="font-size: large;"><br /></span></div>
<div style="text-align: justify;">
<span style="font-size: large;">इस दंगे की सूचना मिलते ही पुलिस
प्रशासन घटना स्थलों पर पहुँच तो गया पर एक निरीह मूकदर्शक बन
खड़ा रहा बस| मुसलमानों के इस पथराव में कई हिन्दू भाई घायल
हो गए| मुस्लमान जब बम और गोलिया चला रहे थे तब ये नहीं देख
रहे थे की सामने वा���ा हिन्दू उनका परिचित है या मिलने वाला व्यक्ति है|
मुसलमान केवल यह सोच कर हमला कर
रहे थे की सामने वाला हिन्दू है और इनको जान से मार
डालो| देखते ही देखते एक घंटे के अंतराल में नगर
की सभी मस्जिदों से हिन्दुओं पर पथराव और बम
इत्यादि फेंके जाने लगे| ऐसा लग रहा था की ये हिन्दुओं पर हमला पूर्व
नियोजित था और मानो हिन्दुओं पर इस हमले की तैयारी बहुत समय से हो रही थी|
ये ठीक वैसे ही था जैसे सुबह ८ बजे गोधरा में २००२ में हजारो लीटर पेट्रोल
अचानक से आ गया था जबकि इतने सुबह गुजरात में पेट्रोल पम्प
नहीं खुलते हैं| इसके अलावा उन आतताई
मुसलमानों का जत्था जहाँ कही से भी निकलता था वहां की हिन्दुओं की चीजों को आग
लगाते हुए निकलता था| यह देख नगर के हिन्दू भाई भयभीत हो गए और
उन्होंने ने आस पास में ग्रामीण इलाके में रह
रहे अपने जानने वालों को फ़ोन पर सुचना दी इन आतंकी मुसलमानों के कृत्य
के बारे में की कैसे मुस्लमान विध्वंश और आगजनी कर रहे हैं नगर
में| जिसे सुन ग्रामीण इलाके से करीब १०-१५ हजार लोग अपने हाथों में बन्दुक
और अन्य हथियार ले कर थोड़ी देर में कोसीकलां पहुँच इन
आतंकी मुसलमानों को खदेड़ा|</span></div>
<div style="text-align: justify;">
<span style="font-size: large;"><br /></span></div>
<div style="text-align: justify;">
<span style="font-size: large;">इस बिच
में मुसलमानों ने हिन्दुओं के सैनी मोहल्ले पर हमला बोल
दिया| मुसलमानों ने बमबारी से वहां की अनेक महिलाओं को बुरी तरह घायल कर
दिया| अनेक मकानों को तहस-नहस कर दिया और उनके घरों को लूटा| अश्लीलता का
नंगा नाच वहां भी दिखाया मुसलमानों ने| इसका विरोध करने वाले माली समाज के
एक युवक सोनू को गोलियों से छलनी कर दिया इन मुसलमानों ने| सोनू की मौके
पर ही ह्रदय विदारक चीखों के साथ मृत्यु हो गई| उन दंगाइयों के जाने के
बाद पुलिस भी पर्याप्त बल के साथ वहां पहुँच गई| इसके साथ ही आर०आर०एफ़०
और आर०ए०एफ़ की अनेक गाड़ियाँ कोसी में हो रहे दंगे को शांत करने के लिए
पहुँच गईं| इस दौरान हमारे ग्रामीण भाइयों ने मुस्लिमो के करीब १ दर्जन
दुकानों को आग के हवाले कर दिया| करीब सायं ८ बजे पुलिस ने आकर पुरे नगर
में कर्फ्यू लगा दिया| लेकिन कर्फ्यू लगने के बाद भी मुस्लिमो का कहर बंद
नहीं हुआ| अर्धरात्रि तक उनके इलाके से गोलियों की आवाजें सुने देती
रहीं| </span></div>
<div style="text-align: justify;">
<span style="font-size: large;"><br /></span></div>
<div style="text-align: justify;">
<span style="font-size: large;">इसके बाद 1 जून को दंगे वाले रात्
को करीब ३ बजे कोसीकलां के मस्जिद से एक ऐलान सुनाई दिया की "सारे मुस्लिम
तैयार रहें| अल्लाह तुम्हारे साथ है| ये तो बस एक शुरुवात भर है इंशा
अल्लाह इस बार हम सभी मुसलमान मिल कर इन हिन्दुओं का सफाया कर देंगे| यह
बड़े शबाब का काम है जो की अल्लाह ने तुमको दिया है| इन काफिरों को मरोगे
तो अल्लाह तुम्हे जन्नत बख्सेगा|" यह ऐलान सुन सभी हिन्दू सहम गए और
रात भर अपने छतों पर टहलते रहे| खौफ के साये में रात गुजारने के बाद दुसरे
दिन नगर की हालत काफी बिगड़ी हुई दिखाई दे रही थी| हर तरफ मृत्यु का
सन्नाटा पसरा हुआ था| चारो तरफ बस आगजनी और तबाही का ही मंजर था| मुस्लिम
दंगाइयो ने चुन चुन कर ऐसे गोदामों में आग लगाई थी जो हिन्दुओं की थीं और
करोडो का सामान रखा हुआ था उसमे| यदि पिछली शाम को ग्रामीण लोग नहीं आये
होते नगरीय लोगो की रक्षा हेतु तो शायद नगरीय क्षेत्र हिन्दू विहीन हो
चूका होता| ग्रामीण बंधुओं का नगरिय लोग दिल से आभार प्रकट करते हैं|</span></div>
<div style="text-align: justify;">
<span style="font-size: large;"><br /></span></div>
<div style="text-align: justify;">
<span style="font-size: large;">मथुरा जिले के एस०पी०, एस०एस०पी०,
आइ०जी०, डी०आइ०जी० और डी०एम० ही नहीं बल्कि आगरा और अलीगढ के सभी हेड
कांस्टेबल, एस०ओ०, एस०डी०एम०, पी०ए०सी०, आर०ए०एफ़, आर०आर०एफ़० ने पुरे
कोसीकलां को अपने कब्जे में ले लिया| दंगे के दौरान ड्यूटी पर तैनात सभी
प्रशासनिक अधिकारीयों के तबादले कर दिए गए और जो लोग उनकी जगह पर आये वो
आज़म खान (शहरी विकास मंत्री), इमाम बुखारी (शाही इमाम दिल्ली जामा
मस्जिद) और मौलाना युसूफ मदानी के खास अधिकारी थे| अब इन गुलाम अधिकारीयों
के नेतृत्व में दंगे की जाँच शुरू होने लगी| प्रशासन पर दबाव इस कदर था
की ये अधिकारी हिन्दुओं के घरों पर ही छापा मारने लगे| मुसलमानों के मात्र
कह भर देने से ही हिन्दुओं की धरपकड़ शुरू हो गई| दंगे वाले दिन चाहे कोई
हिन्दू कोसीकलां में हो या ना हो उन्हें आरोपी दिखाया जाने लगा| जिन
हिन्दुओं का नुकसान हुआ वो भी पुलिस रिकॉर्ड में दंगाई दिखाए गए| अगले माह
होने वाले नगर पालिका चुनाव में खड़े होने वाले सभी हिन्दू प्रत्याशियों
को दंगाई दिखा कर उनके खिलाफ एफ़०आइ०आर तैयार कर दिया गया| आस-पास के
देहात के सभी हिन्दू ग्राम प्रधानों एवं दबंग हिन्दुओं के खिलाफ भी
एफ़०आइ०आर दर्ज की गई|</span></div>
<div style="text-align: justify;">
<span style="font-size: large;">यह प्रथम दृष्टया ही साजिस लग रही थी
प्रशासन और सरकार की हिन्दुओं की ताकतें कमजोर करने की और उनके हाथ काट
देने की| नई महिला एस०एस०पी० एम० पदमजा, डी०एम० अलोक तिवारी और आइ०जी०
मियां जावेद अख्तर ये तीनो पुलस अधिकारी हिन्दू विरोधी और मुस्लिम हितैषी
हैं| हिन्दुओं के प्रति इनका व्यव्हार सौतेला रहा है| अब तक हिन्दुओं में
से १४ गिरफ्तारियां हो चुकी हैं और गिरफ्तारियां आज भी बदस्तूर जारी हैं
जो की रात के अँधेरे में 3 बजे तक में की जा रही हैं वो भी जबरन हिन्दू
घरों में घुस कर| और अभी तक में २०० हिन्दुओं के खिलाफ एफ़०आइ०आर० दर्ज हो
चूका है और इतना ही नहीं करीब २००० अज्ञात हिन्दू भाइयों को दंगाई दिखा
उनके खिलाफ रिपोर्ट दर्ज किया गया है| और दिखने के लिए आज़म खान (शहरी
विकास मंत्री) के आगमन पर २-४ मुस्लिमों को पकड़ कर उनको राजसी ठाट-बाट के
साथ जेल में रखा गया है ताकि ज्यादा हो-हल्ला ना हो|</span></div>
<div style="text-align: justify;">
<span style="font-size: large;"><br /></span></div>
<div style="text-align: justify;">
<span style="font-size: large;">गौरतलब हो की १ जून दंगे वाले दिन जब
हिन्दू बंधुओं के घर और दुकाने जलाई जा रही थीं और हिन्दू महिलाओं के साथ
अभद्र और नीच हरकते की जा रही थी और मुस्लिम नुकसान पहुचाते हुए आगे बढ़
रहे थे तब हिन्दुओं ने थाने पर खड़े आइ०जी० से मदद की गुहार लगाई की सब जल
रहा है और जलते हुए घरों में हमारी महिलाएं हैं लेकिन आ०जी० के कानो को
जैसे कुछ सुनाई नहीं दे रहा था और ना ही उसकी आँखों को कुछ दिखाई दे रहा
था| पर जब ग्रामीण हिन्दू भाई अपने नगरीय हिन्दू भाइयों की मदद के लिए आगे
बढे तब ग्रामीण हिन्दू भाइयों पर इसी आइ०जी० ने लाठी चार्ज कर उनको तितर
बितर करने की कोशिस की| ऐसा ये आइ०जी० इसलिए कर रहा था क्युकी ये खुद भी
मुस्लिम है और मुस्लिमों को मौका दे रहा था की तुम्हारे पास मौका है और
मैं खड़ा हूँ तुम्हारी रक्षा को जितना नुकसान पहुँचा सकते हो इन हिन्दुओं
को उतना नुकसान जल्दी से पहुँचा लो|</span></div>
<div style="text-align: justify;">
<span style="font-size: large;"><br /></span></div>
<div style="text-align: justify;">
<span style="font-size: large;">दंगे के ४-५ दिन बाद डी०एम० से शांति
बहाली के लिए कोसीकलां के व्यापारियों ने गुहार लगाई तो डी०एम० का कहना था
कि, "मेरा काम है नगर में शांति व्यवस्था बनाये रखना| यह मेरा काम नहीं
है कि आप हिन्दू और मुसलमान आपस में राजीनामा करते हैं ये नहीं| वह आप
लोगों का काम है| आप लोग बाजार खोलो या ना खोलो इससे मेरा कोई सरोकार नहीं
है| तुम्हारे ऐसा करने से मेरी कोई तनख्वाह नहीं कट रही है| अगर मुझे कोई
उपद्रव करते मिल गया तो मैं पहले उसे समझाऊंगा| यदि वो नहीं माना तो उसे
डंडों से समझाऊंगा और अगर तब भी नहीं समझा तो उसको मैं गोली से
उड़ा दूंगा| "नगर व्यापारियों ने प्रशासन के इस रवैये से क्षुब्ध हो कर
कोसीकलां में बाज़ार ना खोलने का निश्चय किया| १ जून शाम से आज तक बाज़ार
नहीं खुला है कोसीकलां में| और सड़कों पर केवल सुरक्षा बल के जवान घूमते
हुए दिखाई देते हैं| हम हिन्दुओं के घरों में राशन इत्यादि जमा होता है|
पर मुसलमान जाती ऐसी होती है कि वो रोज कमाते हैं और रोज राशन खरीद कर
खाते हैं| हिन्दुओं का अनुमान था कि हमारे बाजार ना खोलने से मुसलमानों के
हौसले पस्त हो जायेंगे और वो राजीनामा को मजबूर हो जायेंगे| लेकिन
हिन्दुओं का अनुमान गलत साबित हुआ| जैसे ही कर्फ्यू में ढील हुई या सोच
समझ कर ढील दी गई मुसलमानों ने अपने औरतों और बच्चों को अपने रिश्तेदारों
के यहाँ भेज दिया| अब नगर में उग्रवादी, कट्टरवादी और दंगाई किस्म के
मुस्लिम रह गए हैं जो कि संख्या में बहुत अधिक हैं| </span></div>
<div style="text-align: justify;">
<span style="font-size: large;"><br /></span></div>
<div style="text-align: justify;">
<span style="font-size: large;">दंगो के तीसरे दिन से दिल्ली के जामा
मस्जिद कि तरफ से ट्रक भर कर राशन, सब्जियां, फल इत्यादि आने शुरू हो गए
और गौर करने वाली बात है कि प्रशासन ने इसके लिए कोई रोक-टोक नहीं कि यहाँ
तक कि इन ट्रकों को जांचने का कार्य भी नहीं किया गया| बल्कि इसके इतर
प्रशासन ने मुस्लिम बस्तियों में टैंकर भर कर पानी भिजवाना शुरू कर दिया
और हिन्दू मोहल्लों में पानी कि सप्प्लाई पर रोक लगा दिया गया| हिन्दुओं
में इस बात का काफी रोष व्याप्त हो गया क्यूंकि हिन्दुओं के घरों में पानी
कि किल्लत और एक वर्ग विशेष को इतनी सुविधा वो भी प्रशासन के तरफ से
हिन्दुओं के तरफ से हिन्दुओं और मुसलमानों में सुलह के लिए आज तक ४
कोशिशें कि जा चुकी हैं| लेकिन अफ़सोस कि तीनो बार मुसलमानों ने इन
राजीनामे से मना कर दिया| यही नहीं पूरा मेवात क्षेत्र जहाँ करीब १८ लाख
मेव-मुस्लिम रहते हैं उन्होंने मुस्लिमो कि हर तरह कि सहायता करने का
खुल्ला ऐलान कर दिया| इसमें हरियाणा के नूंह, पुन्हाना आदि मेवात क्षेत्र
काफी सक्रिय हैं|</span></div>
<div style="text-align: justify;">
<span style="font-size: large;"><br /></span></div>
<div style="text-align: justify;">
<span style="font-size: large;">वहीँ चौथे दौर कि संधि प्रयास
में कोसीकलां के कांग्रेस समर्थित आर एल डी के सेकुलर विधायक ठाकुर तेजपाल
सिंह ने एक बैठक कि जिसका मुख्या मुद्दा था शांति बहाल करना पर इन्होने
जो किया वो हिंदुत्व को शर्मसार करने वाला था| ये विधायक महोदय मुसलमानों
के इतने अत्याचार के बावजूद हिन्दुओं को ही भाई चारे का पाठ पढ़ा रहे थे|
शायद इन विधायक महोदय को अपनी कुर्सी बचाने की ज्यादा चिंता थी| पर
कोसीकलां के हमारे हिन्दू भाइयों ने इन्हें टका सा जवाब दे दिया की हमें
नहीं चाहिए शांति और हम अब अपने तरीके से निपट लेंगे इन अधर्मी मुसलमानों
से आप विधायक महोदय अपने मुस्लमान भाइयों के साथ मस्ती करो|</span></div>
<div style="text-align: justify;">
<span style="font-size: large;">यह सर्वविदित है कि उत्तर प्रदेश कि
सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी सरकार जिसके मुखिया मुलायम सिंह यादव हैं वह
हिन्दू विरोधी और मुसलमान परस्त पार्टी है| उसने इस बार उत्तर प्रदेश में
अपनी सरकार बनाने के चक्कर में मुसलमानों को अपने मंत्रिमंडल में बड़े तौर
पर तरजीह दी है। आज़म खान जो कि शहरी विकास मंत्री है वो कट्टरवादी
मुस्लिम है, वह कोसीकलां आया और उसने केवल मुसलमानों के हित कि ही बातें
करीं| कोसीकलां के मुसलमानों को उसने न्याय दिलाने और प्रशासन से सहायता
दिलाने का पूरा भरोसा दिया| आज़म खान ने हिन्दुओं को भी सब कुछ ठीक करने
का वादा किया पर उसके चेहरे से साफ़ झलक रहा था कि जो भी वादा आज़म खान कर
रहा था हिन्दुओं से वो केवल उपरी मन से था| दरअसल आज़म खान ने पर्दे के
पीछे मुसलमानों कि पीठ थपथपाई और उनको अभयदान दिया|</span></div>
<div style="text-align: justify;">
<span style="font-size: large;"><br /></span></div>
<div style="text-align: justify;">
<span style="font-size: large;">आज़म खान के जाने के बाद उसी रात
कोसीकलां के रिहाइशी इलाके आर्यनगर के एक बनिया व्यावसायी के घर और उसके
निचे बनी दुकान को किसी मुसलमान ने जला दिया जिस वजह से उस व्यावसायी को
लाखों का नुकसान हुआ| सुबह पुलिस आई और जबरदस्ती उस पीड़ित व्यावसायी
परिवार से लिखवा कर ले गई कि ये आग शार्ट-सर्किट के चलते लगी थी| इस घटना
कि दूसरी रात को फिर किसी मुसलमान ने एक और बनिया व्यावसायी के बाईपास
स्थित दोना-पत्तल, मुन्जवान, रस्सी और झाड़ू के गोदाम को आग के हवाले कर
दिया| इस बार भी पुलिस सुबह ही आई और पुलिस ने उस व्यापारी पर प्रशासनिक
दबाव देकर लिखवा लिया कि ये आग भी शार्ट-सर्किट के चलते लगी है| जबकि
सत्यता यह थी कि इस गोदाम में ना तो कोई बिजली के तार कि फिटिंग थी और ना
ही कोई बिजली का कनेक्सन था| नगर के हिन्दुओं में रोष चरम पर है पर
परेशानी ये है कि अगर विरोध प्रदर्शन किया तो जैसे प्रशासन बराबर धमकी दे
रहा है कि हिन्दुओं पर रासुका लगा जेल में डाल दिया जायेगा|</span></div>
<div style="text-align: justify;">
<span style="font-size: large;"><br /></span></div>
<div style="text-align: justify;">
<span style="font-size: large;">मुस्लिमों के जुल्म कि इन्तेहाँ तब हो
गई जब उन्होंने अपने इलाके में कर्फ्यू लगा होने के बावजूद हमारी गौमाता
कि हत्या कर कूड़े के ढेर में फेंक दिया| यह एक करारा तमाचा था हम
हिन्दुओं के मुँह पर और चेतावनी थी यह मुसलमानों कि तरफ से कि देख लो
कितना भी कर्फ्यू हो पर हम तो ऐसा ही करेंगे| और तुम हिन्दू अगर रोक सकते
हो तो रोक कर दिखा दो| इस बार भी पुलिस बहुत देर से पहुंची और बिना छानबीन
किये कि ये गाय आई कहाँ से और किसने इसे मारा पुलिस ने गाय का
पोस्टमार्टम करा गौमाता को धरती में गडवा दिया| और इतना पर ही नहीं रुके
पुलिस वाले उन्होंने वहां उपस्थित पत्रकारों को ये धमकी दी कि ये किसी भी
न्यूज़ में नहीं छापना चाहिए कि मुसलमानों के इलाके में गाय का शव मिला
है|</span></div>
<div style="text-align: justify;">
<span style="font-size: large;"><br /></span></div>
<div style="text-align: justify;">
<span style="font-size: large;">कोसीकलां में भाजपा के राजनाथ सिंह जी
भी आये| उनको कोसीकलां में प्रवेश नहीं दिया गया| भारी मात्र में पुलिस बल
आ गया राजनाथ सिंह जी को रोकने के लिए| कोसीकलां के बाईपास पर ही स्थित
एक ढाबे पर रुक कर नगर के पीड़ितों का दर्द सुन कर वो भी अपनी राजनैतिक
रोटियां सेंकते हुए दिखाई दिए| राजनाथ सिंह जी ने कहा कि, "मैं अखिलेश
यादव से बात करूँगा कि वो हिन्दुओं के प्रति इतने रूखे क्यों हैं? यह एक
तरफ़ा कार्यवाही क्यों कर रहे हैं वो? पूरी भाजपा आपके साथ है| हम जल्दी
ही दिल्ली में हिन्दुओं के ऊपर हो रहे इस अत्याचार के विरोध में धरना
प्रदर्शन करेंगे| हम कोसीकलां वासियों कि आवाज ऊपर तक पहुचाएंगे| आप लोग
घबराये नहीं|" और भी कई बाते इन्होने बोलीं पर कोसीकलां वाशियों को जो
राजनाथ सिंह जी और भाजपा से जो आशा थी वो धूमिल होती प्रतीत हुईं|</span></div>
<div style="text-align: justify;">
<span style="font-size: large;"><br /></span></div>
<div style="text-align: justify;">
<span style="font-size: large;">१३ जून को मुसलमान बस्तियों से यह
सूचना आई कि आज हिन्दुओं कि तेरहवीं तो हमने हिन्दुओं कि गौमाता कि हत्या
करके कर दी अब इनको दिखाना है कि इनका चालीसवां कैसा होता है| इन मुट्ठी
भर मुसलमानों के इतने उछालने का कारन एक ही है कि हम हिन्दुओं का हाथ इस
प्रशासन ने काट दिया है और मुसलमानों ने अपनी ताकत इन तेरह दिनों में
अच्छे से बढ़ा लिया| क्यूंकि जिन ट्रको में उनके लिए दिल्ली के जामा
मस्जिद से खाने पिने का सामान आ रहा है और यहाँ का प्रशासन बिना किसी
रोकटोक के उसे मुस्लिम क्षेत्र तक जाने दे रहा है उन ट्रकों में खाने-पिने
के सामानों में छुपा कर घटक और स्वचालित हथियार भेजे जा रहे हैं| (ज्ञात
हो कि इमाम बनाने के समय और उसके पहले से दिल्ली जामा मस्जिद के मौजूदा
इमाम बुखारी बोलते आये हैं कि मुसलमानों कि एक सशत्र सेना बनाने कि और
यहाँ तक कि बुखारी ने मुस्लिम लीग के तौर पर अपनी एक मुस्लिम पार्टी बनाने
के लिए साल २००० में कश्मीर के अलगाववादी नेता गिलानी से भी मुलाक़ात की
थी)| और इन खाना पीना लादे ट्रकों का प्रवेश आजभी बदस्तूर जारी है
कोसीकलां के मुस्लिम बहुल इलाके में| अब इतने ही दिनों में मुसलमान
हिन्दुवों ओ खुली चेतावनी दे रहा है कि अब चाहे पूरा देहात आ जाये हम
हिन्दुओं का मुकाबला कम से कम पुरे दो महीने तक मुकाबला कर सकते हैं| आखिर २
महीने तक लगातार हिन्दुओं से मुकाबला करने कि बात ये मुसलमान अचानक से
कैसे करने लगे|</span></div>
<div style="text-align: justify;">
<span style="font-size: large;"><br /></span></div>
<div style="text-align: justify;">
<span style="font-size: large;">१६ जून को पूर्व निश्चित समझौता सभा
में मुसलमान नहीं आये| उनका कहना था कि बाज़ार खोलना हिन्दुओं कि मज़बूरी
है उनकी नहीं| हमको तो खाना अल्लाह अपने घर मस्जिदों से दे रहा है| तुम
हिन्दुओं कि गर्ज है तभी तो हम मुस्लिमों से राजीनामा करना चाहते हो|
बाज़ार ना खोलने से हिन्दू बेहाल होगा ना कि मुसलमान क्यूँकी मुसलमानों के
घर खाने पिने कि सामानों से भरा हुआ है| विदित हो कि गत दो माह पूर्व
विधानसभा चुनाव होने के बाद कोसीकलां में मुसलमानों कि बस्ती निकासे में
तत्कालीन डी०एम० ने स्वयं उपस्थित रह कर और मुस्लिम बस्ती में शिविर लगा
कर पुरे २०० पितौलों के लाइसेंस मुस्लिमों को हाँथो-हाँथ आबंटित किये गए|
जबकि कानून किसी भी शास्त्र का लाइसेंस बनवाने कि प्रक्रिया में करीब ३
माह से भी अधिक का समय लग जाता है| लेकिन इन मुसलमानों के लिए यह कार्य एक
दिन में ही कर दिया गया| और ये कार्य तो एक जगह किया गया जो हमें पता चला
हो सकता है ऐसा कार्य उत्तर प्रदेश के हर मुस्लिम इलाके में चोरी छिपे
किया गया हो और इसके बारे में किसी को पता ना चला हो| वैसे कोसीकलां के
हिन्दुओं ने भी अपनी सुरक्षा हेतु शास्त्रों के लाइसेंस आवंटित किये जाने
कि मांग कि जिसे प्रशासन ने ठन्डे बसते या कहें तो कूड़े दान में डाल
दिया| शतप्रतिशत मुसलमानों पर इस मेहरबानी के पीछे केवल राजनैतिक समीकरण
है|</span></div>
<div style="text-align: justify;">
<span style="font-size: large;"><br /></span></div>
<div style="text-align: justify;">
<span style="font-size: large;">दिनांक १६ जून से कोसीकलां नगर से सभी
लाइसेंस बन्दुकधारि हिन्दुओं से पुलिस उनके हथियार थाने में जमा करने में
जीजान से जुट गई है| पर वहीँ दूसरी तरफ मुसलमानों से उनके वैध या अवैध
हथियारों को पुलिस जब्त नहीं कर रही है| प्रशासन के इस एक तरफ़ा रवैये को
लेकर हिन्दुओं में एक खौफ के साथ-साथ गहरी साजिस का भी अंदेशा हो रहा है
जिस कारन हिन्दू बंधुओं में रोष व्याप्त है|</span></div>
<div style="text-align: justify;">
<span style="font-size: large;"><br /></span></div>
<div style="text-align: justify;">
<span style="font-size: large;">आज मुसलमान हम हिन्दुओं के सर पर नाच
रहे हैं| हम हिन्दू यहाँ अपने ही श्री कृष्ण कि नगरी में ऐसे रह रहे हैं
जैसे दांतों के बिच हमारी जिह्वा| हमारे इस हँसते खेलते वातावरण और
घरौंदों को इन मुसलमानों ने ऐसा बना दिया है जैसे कि हम किसी खंडहर में रह
रहे हों| अपने ही नगर और मोहल्ले में हमें ऐसे कैद किया गया है जैसे कि
हम जेल में रह रहे हों| सरकार और प्रशासन दोनों ही हम हिन्दुओं के खिलाफ
ही कार्यवाही करने को व्याकुल और अति-आतुर हैं| सरकारी और प्रशासनिक दबाव
के चलते कोसीकलां के इस भीषण महासंग्राम और खुलेआम जलते घरौंदों को किसी
भी टी०वि० चैनल पर नहीं दिखाया जा रहा है और ना ही किसी समाचार पत्र में
इसको कोई स्थान मिल रहा है| यही नहीं किसी भी हिंदूवादी नेता को नगर में
प्रवेश करने से रोका जा रहा है और उनको प्रवेश नहीं करने दिया जा रहा है|
वैसे तो हिन्दू-मुस्लिम के दंगे आये समय में होते रहे हैं उत्तर प्रदेश
में, जैसे १९८० में हुवा मोरादाबाद का दंगा जिसने करीब २००० लोगों कि
प्राणों कि आहुति ले लिया था और उसमे भी कुछ नहीं किया गया था क्युकी तब
केंद्र और प्रदेश में कांग्रेस कि सरकार थी| पर कोसीकलां में १ जून से चल
रहे इस दंगे ने गुजरात (गोधरा-२००२) में हुए दंगे कि याद दिला दिया कि १०
सालों बाद आज भी मीडिया और मोदी जी के विरोधी कैसे उस दंगे को आये दिन
उछालने कि कोशिस करते हैं पर वहीँ भारत देश के बाकि के दुसरे भागों में हुए दंगो जो गुजरात के तर्ज पर ही मुसलमानों ने ही शुरुवात किये उसे बड़े
जतन से छिपाया जाता है ताकि किसी को सच्चाई का पता ना चले| जैसे हाल ही
में हुहे रामनवमी के बाद हेदराबाद के मंदिरों में गाए और हरा रंग फेके जाने
के महा अपराधों को छुपाया गया. हेदराबाद के ही मंज्लिश पार्टी के लीडर
अकबरुदीन ओबीसी द्वारा दिया गया फतवा चारमिनार स्थित महालक्ष्मी मंदिर में
घंटिया बजवाने पर प्रतिबंद जैसे फतवे.</span></div>
<div style="text-align: justify;">
<span style="font-size: large;"><br /></span></div>
<div style="text-align: justify;">
<span style="font-size: large;">इसे कहते हैं हिन्दू विरोधी और मुस्लिम परस्ती| </span></div>
<br />
</span>
<br />
<div class="clear blockSpacer">
</div>
</div>
</div>
</div>
</div>खरी-खरीhttp://www.blogger.com/profile/10269991841550505866noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-2999588423638919946.post-15473923079269847682012-05-11T22:03:00.001+05:302012-05-11T22:03:15.116+05:30अर्थमेव जयते!<div dir="ltr" style="text-align: left;" trbidi="on">
<div class="separator" style="clear: both; text-align: center;">
<a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEjIyEtUOH5EYg75jZ0aEe03sBvnEVEuBDGL9S2Ep4mNIjA5WHYZO0H2ekPFoMAlG3S-BAHemr-yRGUq7aH_YWY36q7SWhKgV2ENVqz8E1yzDs0dGtTFwsXisTkS37FhJiF1T7P3IgU4Qko/s1600/72922_386060298102827_383352671706923_1044508_2146969348_n.jpg" imageanchor="1" style="margin-left: 1em; margin-right: 1em;"><img border="0" height="640" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEjIyEtUOH5EYg75jZ0aEe03sBvnEVEuBDGL9S2Ep4mNIjA5WHYZO0H2ekPFoMAlG3S-BAHemr-yRGUq7aH_YWY36q7SWhKgV2ENVqz8E1yzDs0dGtTFwsXisTkS37FhJiF1T7P3IgU4Qko/s640/72922_386060298102827_383352671706923_1044508_2146969348_n.jpg" width="634" /></a></div>
अपने पहले ही एपिसोड में आमिर खान ने वह कर दिखाया जो लंबे समय तक सेवा
करने के बाद आमतौर पर कोई समाजसेवक नहीं कर पाता. इसे आप तकनीकि का चमत्कार
कहें और सिनेमा और टीवी का प्रभाव कि आमिर खान ने एक झटके में करोड़ों
दिलों को छू लिया. कुछ दर्दभरी कहानियां, कुछ तल्ख सच्चाईयां और कुछ झूठे
मिथक पहले ही एपिसोड में टूट गये. लड़कियों को लेकर हमारा तथाकथित सभ्य
समाज कितना असभ्य और जंगली है इसे जानकर भारत के किस नागरिक के मन में पीड़<span class="text_exposed_show">ा
नहीं उभरी होगी? लेकिन कोई अगर आपको यह बता दे कि पीड़ा उभारने का यह
कारोबार कम से कम स्टार टीवी और आमिर खान के लिए बहुत फायदे का सौदा है तो
आपकी पीड़ा कितनी पीड़ित होगी? आपकी पीड़ा पीड़ित हो तो हो लेकिन सच्चाई तो
यही है.<br /> <br /> परिस्थितियों को देखते हुए कोई भी सोचेगा कि वास्तव में
यह एक ऐसा प्रयास है जो देश के असहाय, गरीबों, निरीह लोगों की आवाज उभारने
के लिए सच्चे मन से शुरू किया गया प्रयास है. लेकिन क्या यह संभव है कि घोर
बाजारवादी युग में जीनेवाले लोगों के दिल में समाज के लिए इतना दर्द पैदा
हो जाएगा कि वे अपना पैसा बहाकर सामाजिक सेवा करने निकल पड़ेंगे? ऐसा
बिल्कुल नहीं है. इस समूची "सामाजिक क्रांति" का गजब का आर्थिक मॉडल है जो
भावनात्मक शोषण की बुनियाद पर खड़ा किया गया है. लूट और ठगी का यह ऐसा
बेहतरीन आर्थिक मॉडल है जो किसी और को कुछ दे या न दे, आमिर खान और स्टार
समूह को मालामाल कर देगा. आइये समझते हैं कि इस सामाजिक सेवा का आर्थिक
मेवा क्या है जिसे आमिर खान और स्टार न्यूज मिलकर खाने जा रहे हैं.<br /> <br />
आमिर खान को सत्यमेव जयते के प्रति एपिसोड के लिए 3 करोड़ रूपया मिलेगा.
महीने में कभी चार तो कभी पांच एपिसोड प्रसारित होंगे इस लिहाज से सत्यमेव
जयते उन्हें हर महीने 12 से 15 करोड़ की मोटी कमाई करवायेगा. इसके अलावा
स्टार प्लस ने इस कार्यक्रम का जमकर प्रचार किया है और संडे का टाइम स्लाट
भी ऐसा चुना है जो किसी जमाने में रामायण या महाभारत का टाइम स्लाट हुआ
करता था. इस टीवी शो की निर्माता खुद आमिर खान की कंपनी आमिर खान
प्रोडक्शन्स लिमिटेड है इसलिए जानबूझकर समाज को समर्पित इस टीवी धारावाहिक
के लिए जानबूझकर वह टाइम स्लाट चुना है. इसके पीछे कंपनी के कर्णधारों का
तर्क है कि वे ऐसा प्राइट टाइम नहीं चुनना चाहते थे जिसमें दर्शकों को माल
जाने या शापिंग करने की जल्दी लगी हो. इसलिए वे उस टाइम स्लाट पर गये जहां
आदमी अपने घर में आराम से दिन शुरू करना चाहता है. ऐसा पहली बार हो रहा है
कि कोई टेलीवीजन शो एक साथ सरकार के चैनल दूरदर्शन और एक निजी चैनल स्टार
पर एकसाथ प्रसारित हो रहा है. इसके साथ ही स्टार के दूसरे सभी भाषाओं के
चैनल और मा टीवी पर भी इसका प्रसारण होगा. मकसद ज्यादा से ज्यादा लोगों तक
शो को पहुंचाना है.<br /> <br /> इस कार्यक्रम के नाम में जो सत्यमेव जयते शब्द
इस्तेमाल किया गया है वह भारत के राष्ट्रीय प्रतीक चिन्ह का वाक्य है.
आखिर कैसे उसे किसी कामर्शियल टीवी शो को प्रयोग करने दिया गया? इस पर रोक
लगे न लगे लेकिन इस घोर बाजारवादी युग में यह साबित हो गया कि सत्यमेव जयते
भी जब किसी आमिर खान के हाथ में लगता है तो अर्थमेव जयते बन जाता है. अब
तक जितना इस शो का प्रोपोगेण्डा किया गया है उसमें यह समझाया गया है कि यह
टीवी शो न सिर्फ सामाजिक मुद्दों को उठाने का ''महान काम'' कर रहा है बल्कि
शो के जरिए समाजसेवी संस्थाओं को मदद भी पहुंचाई जा रही है. समाज के लिए
गाहे बेगाहे काम करनेवाली फिल्मी अदाकारा शबाना आजमी ने इसे सामाजिक
क्रांति की संज्ञा दे डाली हैं. सामाजिक क्रांति की तरफ टीवी के इस प्रयास
का जो एसएमएस कैम्पेन चलाया जा रहा है उसमें भी सरकारी छूट प्रदान की जा
रही है. कुछ कुछ उसी तर्ज पर जैसे मुसलमानों को सरकार हज के लिए सब्सिडी
देती आई है. आमतौर पर ऐसे कार्यक्रमों में जो एसएमएस भेजे जाते हैं उन्हें
कामर्शियल कैटेगरी में रखा जाता है और पांच रूपये प्रति एसएमएस चार्ज किया
जाता हैं. लेकिन सरकार ने सीधे सीधे चार रूपये की सब्सिडी दे दी है. इसलिए
आप अगर आमिर खान की इस ''सामाजिक क्रांति'' को सपोर्ट करते हैं तो आपको
प्रति एसएमएस खर्च आयेगा सिर्फ एक रूपया। यह पैसा भी आमिर खान प्रोडक्शन या
स्टार टीवी को नहीं जाएगा बल्कि सीधे उस एनजीओ को दे दिया जाएगा जो उस खास
शो के लिए चुना जाएगा. इसके अलावा रिलायंस कंपनी का रिलायंस फाउण्डेशन तो
है ही जो बाकी बची रकम अदा कर देगी.<br /> <br /> सत्यमेव जयते के जरिए भारत
में गरीबी की मार्केटिंग करके अमीर बनने का एक नया मॉडल प्रस्तुत किया गया
है. इस मॉडल में थोड़ा इमोशनल ब्लैकमेलिंग होती है, थोड़ा कारपोरेट सोशल
रिस्पांसबिलिटी होती है और ढेर सारा फ्रॉड शामिल होता है. मूलत: कारपोरेट
घरानों की मैनेजमेन्ट स्टाइल में विकसित इस सोच में समझाया यह जाता है कि
ऐसा करके वे समाज सेवा कर रहे हैं लेकिन ऐसे सामाजिक फ्रॉड के जरिए भावनाओं
का जबर्दस्त व्यापार किया जाता है और कारपोरेट घराने देने के नाम पर जमकर
आर्थिक लाभ कमाते हैं.<br /> <br /> सत्यमेव जयते के लिए आमिर खान प्रोडक्शन्स
लिमिटेड प्रति एपिसोड स्टार समूह से 4 करोड़ रूपया ले रहा है. इस चार करोड़
रूपये में तीन करोड़ रूपये आमिर खान की फीस है जो कि एक तरह से सीधे सीधे
उनका फायदा है. बाकी बचा एक करोड़ रूपया प्रति एपिशोड खर्चा है जिसमें उनकी
प्रोडक्शन कंपनी का मुनाफा भी शामिल है. यह मुनाफा आमिर कान के निजी फीस
से अलग है. इसलिए अगर आमिर खान प्रति एपिशोड इस शो के लिए तीन करोड़ बतौर
फीस ले रहे हैं तो कंपनी के प्रमोटर के बतौर उनको मुनाफे का हिस्सा अलग से
पहुंच रहा है. इसके अलावा रिलायंस फाउण्डेशन से अलग से फीस वसूली जा रही
है. क्योंकि इस कार्यक्रम के जरिए रिलायंस फाउण्डेशन भी समाज सेवक होकर
उभरना चाहता है इसलिए वे भी पैसा देने में कोताही नहीं कर रहे हैं. अभी इस
बात की पड़ताल होना बाकी है कि जो गैरसरकारी संगठन मदद के लिए चुने जा रहे
हैं क्या वे पहले से रिलायंस के कारपोरेट सोशल रिस्पांसबिलिटी का हिस्सा
हैं या फिर आगे चलकर उनका हिस्सा हो जानेवाले हैं. अगर ऐसा होता है तो
रिलायंस फाउण्डेशन भी घाटे में नहीं रहेगा. अपने सीएसआर के लिए अब अगर उसे
देश के दूसरे हिस्से में पहुंचना है तो यह कार्यक्रम एक बेहतर प्लेटफार्म
बन जाएगा.<br /> <br /> क्योंकि इस पूरे शो के एसएमएस कैम्पेन का पैसा सामाजिक
संस्था को दिया जाएगा इसलिए एसएमएस की कीमत घटाकर एक रूपये कर दी गई. याद
रखिए सरकार ने बाकी के चार रूपये की छूट नहीं दी है बल्कि सब्सिडी दी है.
सब्सिडी का मतलब है कि यह पैसा कार्यक्रम निर्माता को अदा किया जाएगा लेकिन
सरकार के खाते से. इस तरह एक रूपया सामाजिक संस्था को देकर बाकी के चार
रूपये आमिर खान प्रोडक्शन और स्टार नेटवर्क आपस में बांट लेंगे. इसके अलावा
जंगली.कॉम को भी इस कार्यक्रम में पार्टनर बनाया गया है जो कि इंटरनेट पर
सामान बेचनेवाली कंपनी एमेजन.कॉम नेटवर्क का हिस्सा है. जंगली.कॉम आपको
डोनेशन के लिए प्रेरित करेगी और आपसे कहेगी कि आप उसके यहां से माल खरीदते
हैं तो वह उस एनजीओ को कुछ रेजगारी देगी जिसे आमिर खान ने अपने टीवी शो में
दिखाया था.<br /> <br /> इस गुणा गणित के अलावा विज्ञापन और मुख्य प्रायोजकों
की कमाई तो है ही जो सीधे तौर पर स्टार समूह को जाएगी. अगर स्टार समूह हर
एपीशोड पर चार करोड़ रूपया आमिर खान प्रोडक्शन्स को दे रहा है तो निश्चित
है कि वह प्रति एपीशोड अच्छा खासा मुनाफा कमाना चाहेगा. इसीलिए इस टीवी शो
का जमकर प्रचार किया गया है और भावनात्मक माहौल तैयार किया जा रहा है ताकि
लोग इस कार्यक्रम से कुछ उसी तरह से भावनात्मक रूप से जुड़ जाएं जैसे
रामायण या महाभारत से जुड़े थे. इसका फायदा स्टार समूह को होगा. ऊंची कीमत
अदा करने के बाद वह अब तक का सबसे मंहगा विज्ञापन स्लॉट इस कार्यक्रम के
लिए बेंच रहा है. प्रति 10 सेकेण्ड स्टार 10 लाख रूपये वसूल कर रहा है. एक
घण्टे दस मिनट के इस कार्यक्रम में दस मिनट भी कामर्शियल ब्रेक बनता है तो
प्रति एपिशोड छह करोड़ रूपये की आमदनी होती है. मीडिया रिपोर्ट बता रही है
कि कार्यक्रम शुरू होने के पहले ही 80 प्रतिशत ऐड स्लॉट बेचा जा चुका था.
इसके अलावा स्टार समूह ने छह सह प्रायोजक बनाये हैं जिसमें एक्सिस बैंक,
कोका कोला, स्कोदा, बर्जर पेन्ट्स, डिक्सी टेक्सटाइल तथा जानसन एण्ड जानसन
शामिल हैं. ये सभी कंपनियां 13 एपिसोड के लिए 6 से 7 करोड़ रूपया अतिरिक्त
अदा करेंगी. भारती एयरटेल और एक्वागार्ड दो मुख्य प्रायोजक हैं जो क्रमश:
18 करोड़ और 16 करोड़ रूपये अदा कर रहे हैं. अब जरा हिसाब लगाइये कि
सत्यमेव जयते की इमोशनल ब्लैकमेलिंग से आमिर खान और स्टार न्यूज कितना पैसा
कमा रहे हैं?<br /> <br /> अब यह बाजार का नया दांव है. भाव विहीन बाजार अब
भावनाओं का व्यापार करता है. आप सौ रूपये का सैम्पू खरीदते हैं तो एक रूपये
किसी गरीब बच्चे की पढ़ाई पर खर्च कर दिया जाता है. क्योंकि आप खुद बहुत
गैरजिम्मेदार नागरिक हैं इसलिए हाशिये पर फेंके गये नागरिकों की चिंता
कारपोरेट कंपनियां अपने हिसाब से करने लगी हैं. कारपोरेट कंपनियों से कोई
यह नहीं पूछता कि इन हाशिये पर गये लोगों में तुम्हारा कितना योगदान है?
कोई पूछे न पूछे कंपनियां जानती हैं कि अपने मुनाफे के लिए वे कैसे नागरिक
से नागरिक को दूर कर देती हैं. इस बढ़ती दूरी से ही गरीबी और अभाव पैदा
होता है और पैदा होता है वह गैरजिम्मेदार समाज जो अपनों का खून पीकर अपनी
प्यास बुझाता है.<br /> <br /> हम सब जानते हैं कि गरीब के निवाले पर पिछले
करीब आधे शताब्दी तक हमारे देश में सरकारें अपना पेट भरती रही हैं. अब तो
सरकारों ने गरीबों का नारा बनाना भी बंद कर दिया है. इसलिए गरीबों और आम
आदमी के निवाले पर डाका डालने का नया फार्मूला कंपनियों ने इजाद कर लिया
है. भावनात्मक शोषण उसका बड़ा कारगर हथियार है. इसलिए शो के दौरान जैसे ही
किसी लड़की या महिला की आंख गीली होती है कैमरा कमजोर प्रेजेन्टर आमिर खान
को छोड़कर उसे दिखाने लगता है. समस्या हमें भले ही परेशान न करती हो लेकिन
समस्या देखकर परेशान हुए लोग तो प्रेरित करते ही हैं कि हमें भी परेशान हो
जाना चाहिए. बस बाजार के इस व्यापार का यही मूल मंत्र है जिसे आमिर खान
प्रोडक्शन और स्टार समूह के उदय शंकर मिलकर भुना रहे हैं. कल तक हंसी बिकती
थी तो हंसी को बेचा गया, अब गम बिकेगा तो गम भी बाजार में बिकता नजर
आयेगा.<br /> <br /> फिर भी ऐसा नहीं है कि इस भावनात्मक शोषण के जरिए सिर्फ
आमिर खान या स्टार न्यूज ही पैसा पीट रहे हैं. उन्हें भी कुछ न कुछ लाभ तो
मिल ही रहा है जो इस शो का हिस्सा हो रहे हैं. फिर वे चाहे वे गैरसरकारी
संगठन हों या फिर वह व्यक्ति जिसे इस शो के लिए चुना जाता है. लेकिन आखिर
में सवाल यह उठता है कि अगर किसी एक ऐसे कार्यक्रम में जिसमें सबको फायदा
होता दिख रहा है तो घाटे में कौन है? दिमाग पर जोर डालिए और सोचिए कि
भावनात्मक रूप से आखिर किसे ब्लैकमेल करके यह सारा आर्थिक मॉडल तैयार किया
गया है? सोचिए....सोचिए वह आदमी आपसे ज्यादा दूर नहीं है.</span><br />
<span class="text_exposed_show"><br /></span><br />
<div class="separator" style="clear: both; text-align: center;">
<a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEikhdZkSP6g-V0hw9_2E5yPyuWNECEWl1DlYorS8d6pnWPSIDlUmDiOxb_KzCWqBKF1hzKEhT7wS2xOyd3vJU-OxTUjNhUiuHvTZE185NuHWx8iddtfjxWqlcywSobwaLK3VmTJdgD_fuM/s1600/ratn.jpg" imageanchor="1" style="margin-left: 1em; margin-right: 1em;"><img border="0" height="308" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEikhdZkSP6g-V0hw9_2E5yPyuWNECEWl1DlYorS8d6pnWPSIDlUmDiOxb_KzCWqBKF1hzKEhT7wS2xOyd3vJU-OxTUjNhUiuHvTZE185NuHWx8iddtfjxWqlcywSobwaLK3VmTJdgD_fuM/s640/ratn.jpg" width="640" /></a></div>
<span class="text_exposed_show"><br /></span><br />
<span class="text_exposed_show"><br /></span><br />
<span class="text_exposed_show"><br /></span><br />
<span class="text_exposed_show">(visfot.com)</span></div>खरी-खरीhttp://www.blogger.com/profile/10269991841550505866noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-2999588423638919946.post-23480369332965451352012-05-05T13:18:00.000+05:302012-05-05T13:18:04.397+05:30गुजरात का सच...................<div dir="ltr" style="text-align: left;" trbidi="on">
<br />
<table align="center" cellpadding="0" cellspacing="0" class="tr-caption-container" style="margin-left: auto; margin-right: auto; text-align: center;"><tbody>
<tr><td style="text-align: center;"><a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEh5ojFOOuNKLyALGNjnmbLs_XAUEGtkxO4u_Y0IAYdqnfi1jYhKIS4tdfiOTR-VPQ6BWil3w2AavQDt_0IXi2cImYfd5ygZp398NIPsLpM0XRxT_yMh8xtw4QmVmCsIKzht6U5DJJ_bmfA/s1600/images-3.jpg" imageanchor="1" style="margin-left: auto; margin-right: auto;"><img border="0" height="380" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEh5ojFOOuNKLyALGNjnmbLs_XAUEGtkxO4u_Y0IAYdqnfi1jYhKIS4tdfiOTR-VPQ6BWil3w2AavQDt_0IXi2cImYfd5ygZp398NIPsLpM0XRxT_yMh8xtw4QmVmCsIKzht6U5DJJ_bmfA/s640/images-3.jpg" width="640" /></a></td></tr>
<tr><td class="tr-caption" style="text-align: center;"><span style="font-size: small;">(गोधरा में ट्रेन में जले एक छोटे बालक का चित्र)</span></td></tr>
</tbody></table>
<strong style="clear: right; float: right; margin-bottom: 1em; margin-left: 1em;"><span style="color: red;">आज
जहा देखो वहा गुजरात के दंगो के बारे में ही सुनने और देखने को मिलता है
फिर चाहे वो गूगल हो या फसबूक हो या फिर टीवी| रोज रोज नए खुलासे हो रहे
हैं| रोज गुजरात की सरकार को कटघरे में खड़ा किया जाता है| सबका निशाना
केवल एक नरेन्द्र मोदी| जिसे देखो वो अपने को जज दिखाने में लगा है| हर
कोई सेकुलर के नाम पर एक ही स्वर में गुजरात दंगो की भर्त्सना करते हैं और
स्थिती ये है की उन सब का बस चले तो मानिये नरेंदर मोदी जी को बिना सजा
मिले ही तोप से उड़वा दे| मै भी दंगो को गलत मानता हु क्युकी दंगे सिर्फ
दर्द दे कर जाते हैं पर जब पानी सर के उप्पर तक आ जाये तो अपने बचाव के लिए
प्रयास करना बिलकुल गलत नहीं है इसलिए गोधरा की क्रिया की प्रतिक्रिया में
हुहे गुजरात के दंगे किसी भी नजर से गलत नहीं ठेराए जा सकते|</span></strong><span style="color: red;"><span _mce_style="color: #800000;"></span></span><br />
<div _mce_style="text-align: justify;" style="text-align: justify;">
अब सवाल उठता है की गुजरात दंगा हुआ क्यों?</div>
<div _mce_style="text-align: justify;" style="text-align: justify;">
<br /></div>
<div _mce_style="text-align: justify;" style="text-align: justify;">
२७
फरवरी २००२ साबरमती ट्रेन के बोगियों को जलाया गया गोधरा रेलवे स्टेशन से
करीब ८२६ मीटर की दुरी पर| इस ट्रेन में जलने से ५७ लोगो को मौत हुई|
प्रथम दृष्टया रहे वहा के १४ पुलिस के जवान जो उस समय स्टेशन पर मौजूद थे
और उनमे से ३ पुलिस वाले घटना स्थल पर पहुचे और साथ ही पहुचे अग्नि शमन दल
के एक जवान सुरेश गिरी गोसाई जी| अगर हम इन चारो लोगो की माने तो
म्युनिसिपल काउंसिलर हाजी बिलाल भीड़ को आदेश दे रहे थे ट्रेन के इंजन को
जलाने का| साथ ही साथ जब ये जवान आग बुझाने की कोशिस कर रहे थे तब ट्रेन
पर पत्थर बाजी चालू कर दी गई भीड़ के द्वारा| अब इसके आगे बढ़ कर देखे तो
जब गोधरा पुलिस स्टेशनकी टीम पहुची तब २ लोग करीब १,००० की भीड़ को उकसा
रहे थे ये थे म्युनिसिपल प्रेसिडेंट मोहम्मद कलोटा और म्युनिसिपल काउंसिलर
हाजीबिलाल| अब
सवाल उठता है की मोहम्मद कलोटा और हाजी बिलाल को किसने उकसाया और ये ट्रेन
को जलाने क्यों गए? सवालो की बाढ़ यही नहीं रुकते हैं बल्कि सवालो की लिस्ट
अभी लम्बी है|</div>
<div _mce_style="text-align: justify;" style="text-align: justify;">
<br /></div>
<div _mce_style="text-align: justify;" style="text-align: justify;">
अब
सवाल उठता है की क्यों मारा गया अयोध्या से लौट रहे राम भक्तो को| कुछ
मीडिया ने बताया की ये राम भक्त मुसलमानों को उकसाने वाले नारे लगा रहे थे
….अब क्या कोई बताएगा की क्या भगवान राम के भजन मुसलमानों को उकसाने वाले
लगते हैं?</div>
<div _mce_style="text-align: justify;" style="text-align: justify;">
<br /></div>
<div _mce_style="text-align: justify;" style="text-align: justify;">
लेकिन
इसके पहले भी एक हादसा हुआ २७ फ़रवरी २००२ को सुबह ७:४३ मिनट ४ घंटे की
देरी से जैसे ही साबरमती ट्रेन चली और प्लेट फ़ॉर्म छोड़ा तो प्लेटफ़ॉर्म
से १०० मीटर की दुरी पर ही १००० लोगो की भीड़ ने ट्रेन पर पत्थर चलाने
चालू कर दिए पर यहाँ रेलवे की पुलिस ने भीड़ को तितर बितर कर दिया और
ट्रेन को आगे के लिए रवाना कर दिया| पर जैसे ही ट्रेन मुस्किल से ८०० मीटर
चली अलग अलग बोगियों से कई बार चेन खिंची गई| बाकि की कहानी जिस पर बीती
उसकी जुबानी| उस समय मुस्किल से १५-१६ साल की एक बच्ची की जुबानी| ये बच्ची
थी कक्षा ११ में पढने वाली गायत्री पंचाल जो की उस समय अपने परिवार के
साथ अयोध्या से लौट रही थी के अनूसार ट्रेन में राम भजन चल रहा था और
ट्रेन जैसे ही गोधरा से आगे बढ़ी एक दम से रोक दिया गई चेन खिंच कर| उसके
बाद देखने में आया की एक भीड़ हथियारों से लैस हो कर ट्रेन की तरफ बढ़ रही
है| हथियार भी कैसे लाठी डंडा नहीं बल्कि तलवार, गुप्ती, भाले, पेट्रोल
बम्ब, एसिड बल्ब्स और पता नहीं क्या क्या| भीड़ को देख कर ट्रेन में सवार
यात्रियों ने खिड़की और दरवाजे बंद कर लिए पर भीड़ में से जो अन्दर घुस आए
थे वो अयोध्या से लौट रहे राम भक्तो को मार रहे थे और उनके
सामानों को लूट रहे थे और साथ ही बहार खड़ी भीड़ मारो-काटो के नारे लगा रही
थी| एक लाउड स्पीकर जो की पास के मस्जिद पर था उससे बार बार ये आदेश दिया
जा रहा था की “मारो, काटो. लादेन के दुश्मनों ने मारो”| साथ ही बहार खड़ी
भीड़ ने पेट्रोल डाल कर आग लगाना चालू कर दिया जिससे कोई जिन्दा ना बचे|
ट्रेन की बोगी में चारो तरफ पेट्रोल भरा हुआ था| दरवाजे बहार से बंद कर
दिए गए थे ताकि कोई बहार ना निकल सके| एस-६ और एस-७ के वैक्यूम पाइप कट
दिया गया था ताकि ट्रेन आगे बढ़ ही नहीं सके| जो लोग जलती ट्रेन से बहार
निकल पाए कैसे भी उन्हें काट दिया गया तेज हथियारों से कुछ वही गहरे घाव
की वजह से मारे गए और कुछ बुरी तरह घायल हो गए|</div>
<div _mce_style="text-align: justify;" style="text-align: justify;">
<br /></div>
<div _mce_style="text-align: justify;" style="text-align: justify;">
अब
सवाल ये है कि, हिन्दुओ ने सुबह ८ बजे ही दंगा क्यों नहीं शुरू किया,
बल्कि हिन्दू उस दिन शाम तक शांत बना रहा (ये बात आज तक किसी को नहीं दिखी
है)| हिन्दुओ ने जवाब देना चालू किया जब उनके घरो, गावो, मोहल्लो में वो
जली और कटी फटी लाशें पहुंची| क्या ये लाशें हिन्दुओ को मुसलमानों की
गिफ्ट नहीं थी और क्या हिन्दुओ को शांत बैठना चाहिए था? सेकुलर बन कर या
शायद हाँ| हिन्दू सड़क पर उतारे २७ फ़रवरी २००२ की शाम से| पूरा एक दिन
हिन्दू शांति से घरो में बैठा रहा| अगर वो दंगा हिन्दुओ या मोदी ने करना
था तो २७ फ़रवरी २००२ की सुबह ८ बजे से क्यों नहीं चालू हुआ? जबकि मोदी ने
२८ फ़रवरी २००२ की शाम को ही आर्मी को सडको पर लाने का आदेश दिया जो की
अगले ही दिन १ मार्च २००२ को सडको पर आर्मी उतर आयी गुजरात को जलने से
बचाने के लिए| पर भीड़ के आक्रोश के आगे आर्मी भी कम पड़ रही थी तो १
मार्च २००२ को ही मोदी ने अपने पडोसी राज्यों से सुरक्षा कर्मियों की मांग
करी| ये पडोसी राज्य थे महाराष्ट्र (कांग्रेस शासित- विलाश रावदेशमुख
मुख्य मंत्री), मध्य प्रदेश (कांग्रेस शासित- दिग विजय सिंह मुख्य
मंत्री), राजस्थान (कांग्रेस शासित- अशोक गहलोत मुख्य मंत्री) और पंजाब
(कांग्रेस शासित- अमरिंदर सिंह मुख्य मंत्री) | क्या कभी किसी ने भी इन
माननीय मुख्यमंत्रियों से एक बार भी पुछा की अपने सुरक्षाकर्मी क्यों नहीं
भेजे गुजरात में जबकि गुजरात ने आपसे सहायता मांगी थी| या ये एक सोची
समझी गूढ़ राजनीती द्वेष का परिचायक था इन प्रदेशो के मुख्यमंत्रियों का
गुजरात को सुरक्षा कर्मियों का ना भेजना|</div>
<div _mce_style="text-align: justify;" style="text-align: justify;">
<br /></div>
<div _mce_style="text-align: justify;" style="text-align: justify;">
उसी १
मार्च २००२ को हमारे राष्ट्रीय मानवीय अधिकार (National Human Rights)
वालो ने मोदी को अल्टीमेटम दिया ३ दिन में पुरे घटनाक्रम का रिपोर्ट पेश
करने के लिए लेकिन कितने आश्चर्य की बात है की यही राष्ट्रीय मानवा अधिकार
वाले २७ फ़रवरी २००२ और २८ फ़रवरी २००२ को गायब रहे| इन मानवा अधिकार
वालो ने तो पहले दिन के ट्रेन के फूंके जाने पर ये रिपोर्ट माँगा की क्या
कदम उठाया गया गुजरात सरकार के द्वारा|</div>
<div _mce_style="text-align: justify;" style="text-align: justify;">
<br /></div>
<div _mce_style="text-align: justify;" style="text-align: justify;">
एक ऐसे
ही सबसे बड़े घटना क्रम में दिखाए गए या कहे तो बेचे गए “गुलबर्ग
सोसाइटी” के जलने की| इस गुलबर्ग सोसाइटी ने पूरे मीडिया का ध्यान अपने तरफ
खिंच लिया| यहाँ एक पूर्व संसद एहसान जाफरी साहब रहते थे| ये महाशय का ना
तो एक भी बयान था २७ फरवरी २००२ को और ना ही ये डरे थे उस समय तक| लेकिन
जब २८ फरवरी २००२ की सुबह जब कुछ लोगो ने इनके घर को घेरा जिसमे कुछ
अपराधी मुस्लमान छुपे हुए थे, तो एहसान जाफरी जी ने भीड़ पर गोली चलवाई
अपने लोगो से जिसमे २ हिन्दू मरे और १३ हिन्दू गंभीर रूप से घायल हो गए|
फिर इस घटनाक्रम के बाद जब भीड़ बढ़ने लगी इनके घर पर तो ये अपने
यार-दोस्तों को फ़ोन करने लगे और तभी गैस सिलिंडर के फटने से कुल ४२ लोग
मरे| यहाँ शायद भीड़ के आने पर ही एहसान साहब को पुलिस को फ़ोन करना चाहिए
था ना की खुद के बन्दों के द्व���र��� गोली चलवानी चाहिए थी| पर इन्होने
गोली चलाने के बाद फ़ोन किया डाइरेक्टर जेनेरल ऑफ़ पुलिस को| यहाँ एक और
झूट सामने आया जब अरुंधती रॉय जैसी खुख्यात हिन्दू विरोधी लेखिका ने यहाँ
तक लिख दिया की एहसान जाफरी की बेटी को नंगा करके बलात्कार के बाद मारा
गया और साथ ही एहसान जाफरी को भी| पर यहाँ एहसान जाफरी के बड़े बेटे ने ही
पोल खोल दी की उसके पिता की जान गई थी उस दिन पर उसकी बहन तो अमेरिका में
रहती थी और अब भी रहती है| तो यहाँ कौन किसको झूटे केस में फंसना चाह रहा
है ये स्पष्ट होता है|</div>
<div _mce_style="text-align: justify;" style="text-align: justify;">
<br /></div>
<div _mce_style="text-align: justify;" style="text-align: justify;">
अब
यहाँ तक तो सही था पर गोधरा में साबरमती को कैसे इस दंगे से अलग किया जाता
और हिन्दुओ को इसके लिए केसे आरोपित किया जाता इसके लिए लोग गोधरा के दंगे
को ऐसे तो संभल नहीं सकते थे अपने शब्दों से, तो एक मनगडंत कहानी की
स्क्रिप्ट लिखी गई| कहानी कुछ इस प्रकार थी की कारसेवक गोधरा स्टेशन पर
चाय पिने उतरे और चाय देने वाला जो की एक मुस्लमान था उसको पैसे नहीं
दिए….....ये बात अलग है कि गुजराती अपनी ईमानदारी के लिए जाने जाते
हैं…चलिए छोडिये ये धर्मान्धो की कहानी में कभी दिखेगा ही नहीं आगे बढ़ते
हैं| अब रामभक्तों ने पैसा तो दिया नहीं बल्कि बिना किसी उकसावे के
रामभक्त मुसलमान की दाढ़ी खिंच कर उसको मारने लगे तभी उस बूढ़े मुस्लमान
की बेटी जो की १६ साल की बताई गई वो वाह आई तो कारसेवको ने उसको बोगी में
खिंच कर बोगी का दरवाजा बंद कर दिया अन्दर से| और इसके प्रतिफल में
मुसलमानों ने ट्रेन में आग लगा दी और ५८ लोगो को मार दिया जिन्दा जलाकर या
काट कर| अब अगर इस मनगढ़ंत कहानी को भी मान लें तो कई सवाल फिर उठते
हैं:-</div>
<div _mce_style="text-align: justify;" style="text-align: justify;">
<br /></div>
<div _mce_style="text-align: justify;" style="text-align: justify;">
क्या उस बूढ़े मुसलमान चाय वाले ने रेलवे पुलिस को इत्तिला किया?</div>
<div _mce_style="text-align: justify;" style="text-align: justify;">
<br /> रेलवे पुलिस उस ट्रेन को वहा से जाने नहीं देती या लड़की को उतर लिया जाता|</div>
<div _mce_style="text-align: justify;" style="text-align: justify;">
<br /> उस बूढ़े चाय वाले ने २७ फ़रवरी २००२ को कोई ऍफ़.आइ.आर क्यों नहीं दाखिल किया?</div>
<div _mce_style="text-align: justify;" style="text-align: justify;">
<br /> ५ मिनट में ही सैकड़ो लीटर पेट्रोल और इतनी बड़ी भीड़ हथियारों के साथ आखिर केसे जुटी?</div>
<div _mce_style="text-align: justify;" style="text-align: justify;">
<br /> सुबह ८ बजे सैकड़ो लीटर पेट्रोल आया कहा से ?</div>
<div _mce_style="text-align: justify;" style="text-align: justify;">
<br /> एक भी केस २७ फ़रवरी २००२ के तारीख में मुसलमानों के द्वारा क्यों नहीं दाखिल हुआ ?</div>
<div _mce_style="text-align: justify;" style="text-align: justify;">
<br /></div>
<div _mce_style="text-align: justify;" style="text-align: justify;">
अब
असलियत ये सामने आयी रेलवे पुलिस की तफतीस में की उस दिन गोधरा स्टेसन पर
कोई ऐसी घटना हुई ही नहीं थी| ना तो चाय वाले के साथ कोई झगडा हुआ था और
ना ही किसी लड़की के साथ में कोई बदतमीजी या अपहरण की घटना हुई| इसके बाद
आयी नानावती रिपोर्ट में कहा गया है की जमीअत-उलमा-इ-हिंद का हाथ था उन ५८
लोगो के जलने में और ट्रेन के जलने में|</div>
<div _mce_style="text-align: justify;" style="text-align: justify;">
<br /></div>
<div _mce_style="text-align: justify;" style="text-align: justify;">
दंगे
में ७२० मुस्लमान मारे गए थे तो २५० हिन्दू भी मारे गए थे| मुसलमानों के
मरने का सभी शोक मानते हैं चाहे वो हिन्दू हो, चाहे वो मुस्लमान हो या
चाहे वो राजनेता या मीडिया हो पर दंगे में २५० मरे हुए हिन्दुओ और साबरमती
ट्रेन में मरे ५८ हिंदुवो को कोई नहीं पूछता है कोई बात तक नहीं करता है
सभी को केवल मरे हुए मुस्लमान दीखते हैं|</div>
<div _mce_style="text-align: justify;" style="text-align: justify;">
<br /></div>
<div _mce_style="text-align: justify;" style="text-align: justify;">
एक और बात काबिले गौर है क्या किसी भी मुस्लिम लीडर का बयान आया था साबरमती ट्रेन के जलने पर ?<br /> क्या किसी मुस्लिम लीडर ने साबरमती ट्रेन को चिता बनाने के लिए खेद प्रकट किया ?<br /> अब एक छोटा सा इतिहास देना चाहूँगा गोधरा के पुराने दंगो का…क्युकी २००२ की घटना पहली घटना नहीं थी गोधरा के लिए.</div>
<div _mce_style="text-align: justify;" style="text-align: justify;">
<br /></div>
<div _mce_style="text-align: justify;" style="text-align: justify;">
१९४६:
सद्वा रिज़वी और चुडिघर ये दोनों पाकिस्तान सपोर्टर थे ने पारसी सोलापुरी
को दंगे में मारा बाद में विभाजन के बाद चुडिघर पाकिस्तान चला गया.</div>
<div _mce_style="text-align: justify;" style="text-align: justify;">
<br />
१९४८: सद्वा रिज़वी ने ही कलेक्टर श्री पिम्पुत्कर को मरना चाहा जिसे
कलेक्टर के अंगरक्षकों ने बचाया अपनी जान देकरऔर उसके बाद सद्वा रिज़वी
पाकिस्तान भाग गया.</div>
<div _mce_style="text-align: justify;" style="text-align: justify;">
<br /> १९४८: एक हिन्दू का गला काटा गया और करीब २००० हिन्दू घर जला दिए गए जहा ६ महीने तक कर्फ्यू चला</div>
<div _mce_style="text-align: justify;" style="text-align: justify;">
<br />
१९६५: पुलिस चौकी नंबर ७ के पास के हिंदुवो के घर और दुकान जला दिए गए साथ
ही पुलिस स्टेशन पर भी मुसलमानों काहमला हुआ उस समय वहा के MLA कांग्रेस
के थे और वो भी मुस्लमान थे</div>
<div _mce_style="text-align: justify;" style="text-align: justify;">
<br /> १९८०: २ हिन्दू बच्चो सहित ५ लोगो को
जिन्दा जला दिया गया, ४० दुकानों को जला दिया गया, गुरूद्वारे को जला दिया
गया मुसलमानों के द्वारा, यहाँ १ साल तक कर्फ्यू रहा</div>
<div _mce_style="text-align: justify;" style="text-align: justify;">
<br /> १९९०: ४ हिन्दू शिक्षको के साथ एक हिन्दू दर्जी को काट दिया गया.</div>
<div _mce_style="text-align: justify;" style="text-align: justify;">
<br />
१९९२: १०० से ज्यादा घरो को जला दिया गया ताकि ये मुस्लमान उन जमीनों पर
कब्ज़ा कर सकें आज वो जमीने वीरान पड़ीहैं क्युकी इनके चलते हिनू वहा से
चले गए</div>
<div _mce_style="text-align: justify;" style="text-align: justify;">
<br /> २००२: ३ बोगियों को जला दिया गया जिसमे ५८ लोग जल कर मरे इनमे से कुछ लोग जो बचे और बहार निकलने की कोशिसकिये उनको काट दिया गया</div>
<div _mce_style="text-align: justify;" style="text-align: justify;">
<br />
२००३: गणेश प्रतिमा के विशार्जन के समय मुसलमानों ने पत्थरबाजी की और इस
खबर को रीडिफ़ और टाइम्स ऑफ़ इंडिया ने छपा बाकि किसी ने भी नही</div>
<div _mce_style="text-align: justify;" style="text-align: justify;">
<br /></div>
</div>खरी-खरीhttp://www.blogger.com/profile/10269991841550505866noreply@blogger.com2tag:blogger.com,1999:blog-2999588423638919946.post-18964942286781185822012-05-04T12:58:00.001+05:302012-05-04T12:58:45.378+05:30उपासना की बजाय वासना का केंद्र बना चर्च?<div dir="ltr" style="text-align: left;" trbidi="on">
<br />
<div class="separator" style="clear: both; text-align: center;">
<a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEjQIpI2AufawyLhtZYenNJRKuBuxOrkNJB8IirsjEE72G50OqM1oZHNsgu-L9XErxP8UuEr9uUX0xcoOgZ-Y3gbrRCXT8EX_x0kRyRWgBjOFLpUOKgNKUFL6NxpHu690ZyqMsDKMnOCJnc/s1600/261587_219737434723570_145258605504787_749107_7140261_n.jpg" imageanchor="1" style="margin-left: 1em; margin-right: 1em;"><img border="0" height="588" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEjQIpI2AufawyLhtZYenNJRKuBuxOrkNJB8IirsjEE72G50OqM1oZHNsgu-L9XErxP8UuEr9uUX0xcoOgZ-Y3gbrRCXT8EX_x0kRyRWgBjOFLpUOKgNKUFL6NxpHu690ZyqMsDKMnOCJnc/s640/261587_219737434723570_145258605504787_749107_7140261_n.jpg" width="640" /></a></div>
<div style="color: #444444; font-family: 'Helvetica Neue', Helvetica, Arial, sans-serif; font-size: 14px; line-height: 1.4em; margin-bottom: 1em;">
केरल
के एक अंग्रेजी अख़बार में एक पूर्व नन सिस्टर मैरी चांडी की आने वाली
पुस्तक के कुछ अंश क्या छपे, बवाल मच गया। अब तो पुस्तक रिलीज़ भी हो गई,
लेकिन आनन-फानन में चर्च ने कह डाला, वो कभी नन थी ही नहीं। चर्च ने ये तो
माना कि मैरी चांडी रसोइये के पद पर कुछ दिनों तक उसके साथ थी, लेकिन इस
सवाल पर खामोश है कि पादरी ने उनके साथ बदसलूकी की थी या नहीं।<a href="http://www.mediadarbar.com/wp-content/uploads/2012/05/merry-chandy.jpg" style="color: #2585b2;" target="_blank"><img alt="" border="0" style="background-color: white; border: 1px solid #ccc; clear: both; float: right; margin-left: 1em; max-width: 100%; min-height: auto; padding: 4px;" title="merry-chandy" /></a></div>
<div style="color: #444444; font-family: 'Helvetica Neue', Helvetica, Arial, sans-serif; font-size: 14px; line-height: 1.4em; margin-bottom: 1em;">
ग़ौरतलब
है कि अपनी आत्मकथा के तौर पर छपी पुस्तक 'ननमा निरंजवले स्वस्ति' (Best
wishes, Graceful Lady) में 67 वर्षीय सिस्टर मैरी चांडी ने लिखा है कि एक
पादरी ने उनके साथ बलात्कार करने की कोशिश की थी और इसका विरोध करने पर
उन्हें चर्च छोड़ना पड़ा था। यह घटना 12 साल पहले की है। उन्होंने अपनी
आत्मकथा के माध्यम से चर्चों में हो रहे यौन शोषण का जिक्र किया है। नन की
इस आत्मकथा ने इसाई, खासकर कैथोलिक समुदाय को झकझोर रख दिया है।</div>
<div style="color: #444444; font-family: 'Helvetica Neue', Helvetica, Arial, sans-serif; font-size: 14px; line-height: 1.4em; margin-bottom: 1em;">
सिस्टर
चांडी ने इस बात का राजफाश किया है कि कैथोलिक चर्चों में पादरियों द्वारा
ननों का यौन शोषण किया जाता है। ''कैथोलिक चर्चों में पादरियों द्वारा
ननों का यौन शोषण किया जाता है। यहां आध्यात्मिकता कम वासना ज्यादा होती
है'' सिस्टर चांडी ने लिखा है।</div>
<div style="color: #444444; font-family: 'Helvetica Neue', Helvetica, Arial, sans-serif; font-size: 14px; line-height: 1.4em; margin-bottom: 1em;">
हालांकि
चर्चों में हो रहे यौन शोषण पर लिखी गई यह पहली किताब नहीं है। करीब दो
साल पहले एक नन सिस्टर जेस्मी की पुस्तक 'आमेन : द ऑटोबायॉग्रफी ऑफ ए नन'
ने एक किताब तहलका मचा दिया था। उनकी किताब ने भी कॉन्वेंट में हो रहे यौन
शोषण और व्यभिचार का खुलासा किया था, लेकिन तब भी चर्च ने अपने गिरेबान में
झांकने की बजाय सिस्टर जेस्मी को ही झूठा ठहराया था।</div>
<div style="color: #444444; font-family: 'Helvetica Neue', Helvetica, Arial, sans-serif; font-size: 14px; line-height: 1.4em; margin-bottom: 1em;">
सिस्टर
मैरी ने लिखा है मैंने 'वायनाड गिरिजाघर' में हुए अपने अनुभव को समेटने की
कोशिश की है। उनके मुताबिक चर्च में जिंदगी आध्यात्मिकता के बजाय वासना से
भरी थी। उन्होंने लिखा है, एक पादरी ने मेरे साथ बलात्कार करने की कोशिश
की थी। मैंने उस पर स्टूल चलाकर इज्जत बचाई थी।'' सिस्टर मैरी ने लिखा है,
मैंने जाना कि पादरी और नन दोनों ही मानवता की सेवा के संकल्प से भटक जाते
हैं और अपनी शारीरिक जरूरतों की पूर्ति में लगे रहते हैं।'' इसी वजह से तंग
आकर उन्होंने गिरजाघर और कॉन्वेंट छोड़ दिया।</div>
<div style="color: #444444; font-family: 'Helvetica Neue', Helvetica, Arial, sans-serif; font-size: 14px; line-height: 1.4em; margin-bottom: 1em;">
हालांकि
सिस्टर मैरी ने अपनी जिंदगी के 40 साल नन के रूप में बिताए हैं। जैसा कि
सिस्टर मैरी ने लिखा है कि वे 13 साल की उम्र में घर से भागकर नन बनी थीं।
उन्होंने चर्चों के पादरियों पर न सिर्फ ननों से यौन संबंध बनाने, बल्कि
उनसे पैदा हुए नवजात बच्चों को जान से मार डालने तक के गंभीर आरोप लगाए
हैं। इस आत्मकथा से कई ऐसे सवाल खड़े हुए हैं जिनका जवाब चर्च सिर्फ सिस्टर
चांडी से पल्ला झाड़कर नहीं दे सकता।</div>
<div style="color: #444444; font-family: 'Helvetica Neue', Helvetica, Arial, sans-serif; font-size: 14px; line-height: 1.4em; margin-bottom: 1em;">
चर्च
सिस्टर चांडी को नन मानने से ही इंकार कर रहा है। वे कहती हैं कि उन्हें
चर्च के इंकार पर कोई आश्चर्य नहीं हुआ। 'वे तो मुझपर बाहरी होने का आरोप
लगाएंगे ही, ये किसी धार्मिक समुदाय के लिए कोई अच्छी ख़बर तो नहीं है।''
सिस्टर चांडी ने मीडिया से कहा।</div>
<div style="color: #444444; font-family: 'Helvetica Neue', Helvetica, Arial, sans-serif; font-size: 14px; line-height: 1.4em; margin-bottom: 1em;">
उधर
चर्च के लिए चिंता की बात ये भी है कि पुलप्ल्ली में अनाथ बच्चों के लिए
आश्रम चला रही सिस्टर चांडी अपने कॉन्वेंट के कुछ बाकी बचे अनुभवों को भी
छापने की योजना बना रही हैं।</div>
</div>खरी-खरीhttp://www.blogger.com/profile/10269991841550505866noreply@blogger.com1tag:blogger.com,1999:blog-2999588423638919946.post-2215469322073220562012-05-01T22:02:00.001+05:302012-05-01T22:05:45.042+05:30इस्लामिक बैंकिंग और भारत<div dir="ltr" style="text-align: left;" trbidi="on">
<br />
<div class="separator" style="clear: both; text-align: center;">
</div>
<div class="separator" style="clear: both; text-align: center;">
<a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEj2CvpvHTTFaXJaKn4xOB5gM-j9VgcVD5wpikQWjnS4mxrkeJ-8r6aHHND_2QdLPZzZNera6k4ts7Wt5buvfIsNwqwpVmlC5JK8O-qqh_hYC1YBgxCQ6gmSmhanEeUhA6uLHDsn3Mhv-Sk/s1600/552019_223861267718747_103869236384618_341680_1656918593_n.jpg" imageanchor="1" style="margin-left: 1em; margin-right: 1em;"><img border="0" height="480" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEj2CvpvHTTFaXJaKn4xOB5gM-j9VgcVD5wpikQWjnS4mxrkeJ-8r6aHHND_2QdLPZzZNera6k4ts7Wt5buvfIsNwqwpVmlC5JK8O-qqh_hYC1YBgxCQ6gmSmhanEeUhA6uLHDsn3Mhv-Sk/s640/552019_223861267718747_103869236384618_341680_1656918593_n.jpg" width="640" /></a></div>
<strong>इस्लामिक बैंकिंग की योजना पर हाईकोर्ट की रोक :- डॉ स्वामी
जीते… क्या भाजपा कोई सबक लेगी?...... Islamic Banking, Kerala, NBFC,
Terror Funding </strong><br />
<br />
<strong> जैसा कि अब धीरे-धीरे सभी
जान रहे हैं कि केरल में इस्लामीकरण और एवेंजेलिज़्म की आँच तेज होती जा
रही ...है। दोगले वामपंथी और बीमार धर्मनिरपेक्षतावादी कांग्रेस मुसलमानों
के वोट लेने के लिये कुछ भी करने को तैयार हैं, इसी कड़ी में केरल के राज्य
उद्योग निगम (KSIDC) ने केरल में “इस्लामिक बैंक” खोलने की योजना बनाई थी।
</strong><br />
<br />
<strong> जिन्हें पता नहीं है, उन्हें बता दूं कि
“इस्लामिक बैंकिंग” शरीयत के कानूनों के अनुसार गठित किया गया एक बैंक
होता है, जिसके नियमों के अनुसार यह बगैर ब्याज पर काम करने वाली वित्त
संस्था होती है, यानी इनके अनुसार इस्लामिक बैंक शून्य ब्याज दर पर लोन
देता है और बचत राशि पर भी कोई ब्याज नहीं देता। यहाँ देखें… </strong><br />
<br />
<strong>
आगे हम देखेंगे कि क्यों यह आईडिया पूर्णतः अव्यावहारिक है, लेकिन संक्षेप
में कहा जाये तो “इस्लामिक बैंकिंग” एक पाखण्डी अवधारणा है, तथा इसी
अवधारणा को केरल राज्य में लागू करवाने के लिये वामपंथी मरे जा रहे हैं,
ताकि नंदीग्राम घटना और ममता की धमक के बाद, पश्चिम बंगाल और केरल में छिटक
रहे मुस्लिम वोट बैंक को खुश किया जा सके। परन्तु केरल सरकार की इस “महान
धर्मनिरपेक्ष कोशिश” को डॉ सुब्रह्मण्यम स्वामी की याचिका ने धक्का देकर
गिरा दिया है और केरल हाईकोर्ट ने फ़िलहाल इस्लामिक बैंकिंग सिस्टम को लागू
करने की किसी भी “बेशर्म कोशिश” पर रोक लगा दी है। </strong><br />
<br />
<br />
<strong>
डॉ स्वामी ने ऐसे-ऐसे तर्क दिये कि केरल सरकार की बोलती बन्द हो गई, और
आतंकवादियों को “वैध” तरीके से फ़ण्डिंग उपलब्ध करवाने के लिये दुबई के
हवाला ऑपरेटरों की योजना खटाई में पड़ गई। आईये पहले देखते हैं कि डॉ
स्वामी ने इस्लामिक बैंकिंग के विरोध में क्या-क्या संवैधानिक तर्क पेश
किये – </strong><br />
<br />
<strong> भारत में खोली जाने वाली इस्लामिक
बैंकिंग पद्धति अथवा इस प्रकार की कोई भी अन्य नॉन-बैंकिंग फ़ाइनेंस
कार्पोरेशन भारत के निम्न कानूनों और संविधान के प्रावधानों का उल्लंघन
करती है – </strong><br />
<br />
<strong> 1) पार्टनरशिप एक्ट (1932) का
उल्लंघन, जिसके अनुसार अधिकतम 20 पार्टनर हो सकते हैं, क्योंकि KSIDC ने
कहा है कि यह पार्टनरशिप (सहभागिता) उसके और निजी उद्यमियों के बीच होगी
(जिनकी संख्या कितनी भी हो सकती है)। </strong><br />
<br />
<strong> 2) भारतीय संविदा कानून (1872) की धारा 30 के अनुसार “शर्तों” का उल्लंघन (जबकि यह भी शरीयत के अनुसार नहीं है)। </strong><br />
<br />
<strong>
3) बैंकिंग रेगुलेशन एक्ट (1949) के सेक्शन 5(b), (c), 9 और 21 का
उल्लंघन, जिसके अनुसार किसी भी लाभ-हानि के सौदे, खरीद-बिक्री अथवा
सम्पत्ति के विक्रय पर ब्याज लेने पर प्रतिबन्ध लग जाये। </strong><br />
<br />
<strong> 4) RBI कानून (1934) का उल्लंघन </strong><br />
<br />
<strong> 5) नेगोशियेबल इंस्ट्रूमेण्ट एक्ट (1881) का उल्लंघन </strong><br />
<br />
<strong> 6) को-ऑपरेटिव सोसायटी एक्ट (1961) का उल्लंघन </strong><br />
<br />
<br />
<strong>
इसके अलावा, शरीयत के मुताबिक इस्लामिक बैंकिंग पद्धति में सिनेमा, होटल,
अन्य मनोरंजन उद्योग, शराब, तम्बाकू आदि के व्यापार के लिये भी ॠण नहीं दे
सकती, जो कि संविधान की धारा 14 (प्रत्येक नागरिक को बराबरी का अधिकार) का
भी उल्लंघन करती है, क्योंकि यदि कोई व्यक्ति अपनी आजीविका के लिये सिनेमा
या दारू बार चलाता है, तो उसे कोई भी बैंक ॠण देने से मना नहीं कर सकती। जब
केरल सरकार का एक उपक्रम “राज्य उद्योग निगम”, इस प्रकार की शरीयत आधारित
बैंकिंग सिस्टम में पार्टनर बनने का इच्छुक है तब यह संविधान के
धर्मनिरपेक्ष मूल्यों का भी उल्लंघन है। डॉ स्वामी के उपरोक्त तर्कों से यह
सिद्ध होता है कि इस्लामिक बैंकिंग टाइप का “सिस्टम” पूरी तरह से भारत के
संविधान और कानूनों के विरुद्ध है, और इस्लामिक बैंक खोलने के लिये इनमें
बदलाव करना पड़ेगा। दिक्कत यह है कि केरल सरकार और वहाँ की विधानसभा इस
प्रकार कानूनों में बदलाव नहीं कर सकती, क्योंकि वित्त, वाणिज्य और
संस्थागत फ़ाइनेंस के किसी भी कानून अथवा संवैधानिक प्रावधानों में बदलाव
सिर्फ़ संसद ही कर सकती है, और “सेकुलरिज़्म” के पुरोधाओं द्वारा इसके
प्रयास भी शुरु हो चुके हैं, इस्लामिक बैंकिंग के पक्ष में सेमिनार आयोजित
हो रहे हैं, RBI और SEBI में लॉबिंग शुरु हो चुकी है, राज्यसभा में इस पर
बाकायदा बहस भी हो चुकी है… </strong><br />
<br />
<br />
<strong> अब
देखते हैं कि “इस्लामिक बैंकिंग पद्धति” अव्यावहारिक और पाखण्डी क्यों है?
कहा जाता है कि इस्लामिक बैंक कोई ब्याज न तो लेते हैं न ही देते हैं। फ़िर
सवाल उठता है कि आखिर ये बैंक जीवित कैसे रहते हैं? दरअसल ये बैंक “पिछले
दरवाजे” से ब्याज लेते हैं, अर्थात कान तो पकड़ते हैं, लेकिन सिर के पीछे
से हाथ घुमाकर। मान लीजिये यदि आपको मकान खरीदने के लिये 10 लाख का लोन
लेना है तो साधारण बैंक आपसे गारण्टी मनी लेकर ब्याज जोड़कर आपको 10 लाख का
ॠण दे देगी, जबकि इस्लामिक बैंक वह मकान खुद खरीदेगी और आपको 15 लाख में
बेच देगी और फ़िर 10-15 वर्षों की “बगैर ब्याज” की किस्तें बनाकर आपको दे
देगी। इस तरह से वह बैंक पहले ही सम्पत्ति पर अपना लाभ कमा चुकी होगी और आप
सोचेंगे कि आपको बगैर ब्याज का लोन मिल रहा है। </strong><br />
<br />
<strong> इस्लामिक विद्वान इस प्रकार की बैंकिंग की पुरज़ोर वकालत करते हैं, लेकिन निम्न सवालों के कोई संतोषजनक जवाब इनके पास नहीं हैं – </strong><br />
<br />
<strong>
1) यदि बचत खातों पर ब्याज नहीं मिलेगा, तो वरिष्ट नागरिक जो अपना बुढ़ापा
जीवन भर की पूंजी के ब्याज पर ही काटते हैं, उनका क्या होगा? </strong><br />
<br />
<strong> 2) जब ब्याज नहीं लेते हैं तो बैंक के तमाम खर्चे, स्टाफ़ की पगार आदि कैसे निकाली जाती है? </strong><br />
<br />
<strong>
3) “हलाल” कम्पनियों में इन्वेस्टमेंट करने और “हराम” कम्पनियों में
इन्वेस्टमेंट करने सम्बन्धी निर्णय बैंक का “शरीयत सलाहकार बोर्ड” करेगा,
तो यह सेकुलरिज़्म की कसौटी पर खरा कैसे हो गया? </strong><br />
<br />
<strong>
4) दुबई के पेट्रोडालर वाले धन्ना सेठ इस्लामिक बैंकिंग का प्रयोग
सोमालिया, अफ़गानिस्तान और चेचन्या में क्यों नहीं करते? जहाँ एक तरफ़
सोमालिया में इस्लामिक लुटेरे जहाजों को लूटते फ़िर रहे हैं और
अफ़गानिस्तान में तालिबान की मेहरबानी से लड़कियों के स्कूल बरबाद हो चुके
हैं और बच्चों को रोटी नसीब नहीं हो रही, वहाँ इस्लामिक बैंक क्यों नहीं
खोलते? </strong><br />
<br />
<strong> 5) पाकिस्तान जैसा भिखमंगा देश,
जो हमेशा खुद की कनपटी पर पिस्तौल रखकर अमेरिका से डालर की भीख मांगता रहता
है, वहाँ इस्लामिक बैंकिंग लागू करके खुशहाली क्यों नहीं लाते? </strong><br />
<br />
<br />
<strong>
6) क्या यह सच नहीं है कि हाल ही में दुबई में आये “आर्थिक भूकम्प” के
पीछे मुख्य कारण इस्लामिक बैंकिंग संस्थाओं का फ़ेल हो जाना था? </strong><br />
<br />
<strong>
7) पहले से ही देश में दो कानून चल रहे हैं, क्या अब बैंकिंग और फ़ाइनेंस
भी अलग-अलग होंगे? सरकार के इस कदम को, देश में (खासकर केरल में) इस्लामिक
अलगाववाद के “टेस्टिंग चरण” (बीज) के रूप में क्यों न देखा जाये? यानी आगे
चलकर इस्लामिक इंश्योरेंस, इस्लामिक रेल्वे, इस्लामिक एयरलाइंस भी आ सकती
है? </strong><br />
<br />
<strong> अन्त में एक सबसे प्रमुख सवाल यह है
कि, जब प्रमुख इस्लामिक देशों को अल्लाह ने पेट्रोल की नेमत बख्शी है और
ज़मीन से तेल निकालने की लागत प्रति बैरल 10 डालर ही आती है, तब “अल्लाह के
बन्दे” उसे 80 डालर प्रति बैरल (बीच में तो यह भाव 200 डालर तक पहुँच गया
था) के मनमाने भाव पर क्यों बेचते हैं? क्या यह “अनैतिक मुनाफ़ाखोरी” नहीं
है? इतना भारी मुनाफ़ा कमाते समय इस्लाम, हदीस, कुरान आदि की सलाहियतें और
शरीयत कानून वगैरह कहाँ चला जाता है? और 10 डालर का तेल 80 डालर में बेचने
पर सबसे अधिक प्रभावित कौन हो रहा है, पेट्रोल आयात करने वाले गरीब और
विकासशील देश ही ना…? तब यह “हलाल” की कमाई कैसे हुई, यह तो साफ़-साफ़
“हराम” की कमाई है। ऐसे में विश्व भर में सवाल उठना स्वाभाविक है कि जमाने
भर को इस्लामिक बैंकिंग की बिना ब्याज वाली थ्योरी की पट्टी पढ़ाने वाले
अरब देश क्यों नहीं 10 डालर की लागत वाला पेट्रोल 15 डालर में सभी को बेच
देते, जिससे समूचे विश्व में अमन-शान्ति-भाईचारा बढ़े और गरीबी मिटे, भारत
जैसे देश को पेट्रोल आयात में राहत मिले ताकि स्कूलों और अस्पतालों के लिये
अधिक पैसा आबंटित किया जा सके? यदि वे ऐसा करते हैं तभी उन्हें “इस्लामिक
बैंकिंग” के बारे में कुछ कहने का “नैतिक हक” बनता है, वरना तो यह कोरी
लफ़्फ़ाजी ही है। </strong><br />
<br />
<strong> वर्तमान में देश में
तीन वित्त विशेषज्ञ प्रमुख पदों पर हैं, मनमोहन सिंह, प्रणब मुखर्जी और
चिदम्बरम, फ़िर क्यों ये लोग इस प्रकार की अव्यावहारिक अवधारणा का विरोध
नहीं कर रहे? क्या इन्हें दिखाई नहीं दे रहा कि इस्लामिक बैंकिंग का चुग्गा
डालकर धर्मान्तरण के लिये गरीबों को फ़ँसाया जा सकता है? क्या यह नहीं
दिखता कि अल-कायदा, तालिबान और अन्य आतंकवादी नेटवर्कों तथा स्लीपर सेल्स
के लिये आधिकारिक रुप से पैसा भारत भेजा जा सकता है? बार-बार कई मुद्दों पर
विभिन्न हाईकोर्टों और सुप्रीम कोर्ट में “लताड़” खाने के बावजूद क्यों
कांग्रेसी और वामपंथी अपनी हरकतों से बाज नहीं आते? </strong><br />
<br />
<strong>
सभी को, सब कुछ पता है लेकिन मुस्लिम वोट बैंक की पट्टी, आँखों पर ऐसी
बँधी है कि उसके आगे “देशहित” चूल्हे में चला जाता है। भाजपा भी “पोलिटिकली
करेक्ट” होने की दयनीय दशा को प्राप्त हो रही है, वरना क्या कारण है कि जो
काम अरुण जेटली और रविशंकर प्रसाद को करना चाहिये था उसे डॉ सुब्रह्मण्यम
स्वामी को करना पड़ रहा है? जब रुपये-पैसों से मालामाल लेकिन “मानसिक रूप
से दो कौड़ी की औकात” रखने वाले विभिन्न NGOs घटिया से घटिया मुद्दों पर
जनहित याचिकाओं और मुकदमों की बाढ़ ला देते हैं तो भाजपा के कानूनी सेल को
जंग क्यों लगा हुआ है, क्यों नहीं भाजपा भी देशहित से सम्बन्धित मुद्दों को
लगातार उठाकर सम्बन्धित पक्षों को न्यायालयों में घसीटती? MF हुसैन नामक
“कनखजूरे” को न्यायालयों में मुकदमे लगा-लगाकर ही तो देश से भगाया था, फ़िर
भाजपा राष्ट्रहित से जुड़े मुद्दों पर इतना शर्माती क्यों है? डॉ स्वामी
से प्रेरणा लेकर ऐसे मामलों में मुकदमे क्यों नहीं ठोकती? अकेले डॉ स्वामी
ने ही, कांची कामकोटि शंकराचार्य के अपमान और रामसेतु को तोड़ने के मुद्दे
पर विभिन्न न्यायालयों में सरकार की नाक में दम कर रखा है, फ़िर भी भाजपा
को अक्ल नहीं आ रही। भाजपा क्यों नहीं समझ रही कि, चाहे वह मुसलमानों के
साथ “हमबिस्तर” हो ले, फ़िर भी उसे मुस्लिमों के वोट नहीं मिलने वाले… </strong><br />
<br />
<strong>
बहरहाल, डॉ स्वामी की बदौलत, इस्लामिक बैंकिंग की इस बकवास पर कोर्ट की
अस्थायी ही सही फ़िलहाल रोक तो लगी है… यदि केन्द्र सरकार संसद में कानून
ही बदलवा दे तो कुछ कहा नहीं जा सकता, क्योंकि “भले आदमी”(?) और “विश्व के
सबसे अधिक पढ़े-लिखे प्रधानमंत्री” पहले ही कह चुके हैं… “देश के संसाधनों
पर पहला हक मुस्लिमों का है…” क्योंकि हिन्दू तो…</strong><br />
<strong><br /></strong><br />
<strong><br /></strong><br />
<strong>(अभिषेक अन्ना सारस्वत)</strong></div>खरी-खरीhttp://www.blogger.com/profile/10269991841550505866noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-2999588423638919946.post-67431394424608217562012-04-23T11:45:00.000+05:302012-04-23T11:45:30.097+05:30अन्ना टीम नहीं अन्ना गेंग है<div dir="ltr" style="text-align: left;" trbidi="on">
<br />
<div class="separator" style="clear: both; text-align: center;">
<a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhh38atx3JWd5l90dm93t8FcRzWeaLnieusEef7s-8qm34FsIJGxQEU1gQDWodrzKBfNpwgK_BW6Dlesytx9f79LqlNolLuxtdbAlcxP8sE4ibDZQuDtG4C_UObA14URWi6dWjpdgBfSVo/s1600/545608_370133313038269_100001248102026_1109167_989430445_n.jpg" imageanchor="1" style="margin-left: 1em; margin-right: 1em;"><img border="0" height="348" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhh38atx3JWd5l90dm93t8FcRzWeaLnieusEef7s-8qm34FsIJGxQEU1gQDWodrzKBfNpwgK_BW6Dlesytx9f79LqlNolLuxtdbAlcxP8sE4ibDZQuDtG4C_UObA14URWi6dWjpdgBfSVo/s640/545608_370133313038269_100001248102026_1109167_989430445_n.jpg" width="640" /></a></div>
अब मैं अगर कुछ लिखूंगा तो फिर अन्ना अंधभक्त आकर मुझे गाली देंगे और
सबसे बड़ी गाली कांग्रेसी भी बोलेगे ,, वैसे अगर आज के समय में किसी को
गाली देनी हो या जूता मारना हो तो बस कांग्रेसी बोल दो काम हो जाएगा | कल
एक मुफ्ती को अन्ना गैंग से निकला गया या वो छोड़ कर गया , उसने वीडियो
बनायीं या सीडी कोई फर्क नहीं पड़ता है , लेकिन उसने जो वीडियों बनायीं उस
वीडियों को बनाने का कारण खुद मुफ्ती ने भी पूरा नहीं बताया ,, मैं जो आपको
बताऊंगा उसको प्रमाणित करने के लिए मेरे पास कोई वीडियो आडियो नहीं है |<strong> कल की बैठक में अरविन्द केजरीवाल , प्रशांत भूषण , शांति
भूषण आदि की बाबा के आन्दोलन के विरोध की बात नहीं मानी जाती तो कई विकेट
गिर जाते मगर अपनी भड़ास निकली गयी मुल्ला पर वैसे तो मुल्लाओं से केवल
गद्दारी की ही उम्मीद है और इस मुफ्ती के विषय में आपको बताना चाहूँगा की
जब बाबा रामदेव जी पर श्याही फेकीं गयी और " एक ही विकल्प ...भारत " के
कार्यकर्ताओं ने कामरान सिद्धिकी की जमकर धुनाई करी और उसके बाद भारत
स्वाभिमान दिल्ली के कार्यकर्ताओं ने बाबा पर श्याही फेकने के विरोध में
जंतर मंतर पर उसी समय अनशन किया तब ये मुफ्ती भी आया था ,, बाबा के ऊपर
श्याही फेके जाने के विरोध में " एक ही विकल्प ..भारत के वरिष्ठ सदस्य श्री
मुरारी शरण शुक्ल जी मुगलों की धज्जियाँ उड़ा रहे थे तब यह महोदय खड़े होकर
अनाप शनाप बकने लग गए की मुगल महान शासक आदि थे और उन्होंने हिन्दुओं की
लड़कियों से शादी कर के भाई चारे को बढ़ावा दिया , जिस पर हमारा मुफ्ती से
काफी विवाद हुआ हम इसके ताजिये का इंतजाम उस दिन ही कर देते मगर भारत
स्वाभिमान दिल्ली के कार्यकर्ता अनशन छोड़ कर हमें पकड़ने में लगे रहे ,
स्तिथि गंभीर देख कर मुल्ल्ला मुफ्ती भी साइड हो लिए और चिकनी चुपड़ी बाते
कर के हमारे द्वारा कामरान सिद्धिकी को पिटे जाने की तारीफ़ करने लगा | </strong>खैर मुल्ले तो मुल्ले है इनका काम ही गद्दारी करना है अब बात करते है कल के विवाद की के कल बैठक में क्या क्या विवाद हुआ |<br />
<br />
<strong>
कल बैठक में चार मुद्दों पर चर्चा होनी थी , बाबा रामदेव के आन्दोलन ,
अन्ना गैंग के गुर्गों को चुनाव लड़ने की अनुमति , मुम्बई और दिल्ली में
इक्कठा हुए 1 करोड़ 27 लाख रुपये का हिसाब , और 1 मई से अन्ना गैंग के देश
भ्रमण ,,</strong><br />
<br />
<strong>सबसे पहले बात शुरू हुयी मुम्बई
और दिल्ली में अनशन के नाम पर इक्कठा किये १ करोड़ २७ लाख रुपये के खर्च और
बचत की जिसको लेकर केजरीवाल , भूषण और कुमार विश्वाश के बीच जमकर बहस हुयी
और केजरीवाल ने कुमार विशवास को नेताओं का दलाल तक कह दिया |</strong><br />
<br />
बाबा
रामदेव जी के साथ अन्ना ने आन्दोलन करने की वकालत भी की लेकिन
अरविन्द केजरीवाल , प्रशांत भूषण , शांति भूषण और कुमार विश्वास के सामने
एक नहीं चली , शांति भूषण ने तो यह तक कह दिया की रामदेव अगर मंच पर आया या
आईएसी के लोग रामदेव के मंच पर गए तो आईएसी को खत्म करवा दूंगा ,, मुफ्ती
जो बाबा के आन्दोलन से भी जुड़ा है को ये बात बर्दाश नहीं हुयी और उसने कहा
की आईएसी को कैसे खत्म कर दोगे मैं भी उसका फाउनडर मेंबर हूँ और बाबा
रामदेव जी के साथ अन्ना जब जाना चाहते है तो दिक्कत क्या है जिसको नहीं
जाना वो ना जाए ,, इस पर मुफ्ती पर सब लोग चढ़ बैठे की तू है क्या आज तक
कितने लोग जोड़े है तुने और कितना चंदा इक्कठा करके दिया है ? लेकिन मुफ्ती
तो मुल्ला था वो भी चढ़ बैठा और आन्दोलन के नाम पर चंदा हज़म करने की बात
के साथ इनको राजनीति चमकाने और देश से कोई मतलब ना होने की बात कहने लगा
अन्ना ने बीच बचाव भी कराया लेकिन कुमार विश्वाश और केजरीवाल ने मुफ्ती से
धक्का मुक्की कर डाली और उसको बहार निकाल दिया , बहार निकलने के बाद मुफ्ती
फुल फ़ार्म में आकर मिडिया के सामने इन सबकी औकात दिखने लगा , बात अन्दर तक
पहुची तो डेमिज कंट्रोल करने की योजना बनने लगी और मिडिया में सन्देश
भिजवाया गया की मुफ्ती वीडियो बना रहा था ,, अरे केजरीवाल वो मुफ्ती था वो
अभिषेक मनु सिंघवी का ड्रायवर थोड़ी था जो वीडियों बनता तुम्हारा और तुम लोग
ऐसी क्या बाते करते हो जिसके बहार जाने का डर था तुमको यह भी देश की जनता
को बता दो आज ?<br />
<br />
<strong>खैर अन्ना और किरण बेदी इस सब से
बहुत दुखी है लेकिन दोनों में से किसी ने भी मिडिया में यह नहीं बोला की दो
दिन पहले तक बाबा के साथ कदम से कदम मिला कर चलने की बात करने वाले अन्ना
को कल क्या हुआ और उन्होंने क्यों नहीं मिडिया में आकर बताया की अब क्या
कारण है बाबा रामदेव जी के साथ धोखा करने का ??</strong><br />
<strong><br /></strong><br />
<strong>(जीत शर्मा "मानव ", एक ही विकल्प ........भारत )</strong><br />
</div>खरी-खरीhttp://www.blogger.com/profile/10269991841550505866noreply@blogger.com1tag:blogger.com,1999:blog-2999588423638919946.post-40230053414325432102012-04-11T17:33:00.000+05:302012-04-11T17:33:43.023+05:30२ जी घोटाले पर प्रेसिडेंशियल रिफरेंस<div dir="ltr" style="text-align: left;" trbidi="on">
कांग्रेस को सुप्रीम कोर्ट का फैसला भी मंजूर नही ... २ जी घोटाले पर प्रेसिडेंशियल रिफरेंस लेने का केबिनेट मे प्रस्ताव पास हुआ ..<br />
~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~<wbr></wbr><span class="word_break"></span>~~~~~~~~~~~~~~<br />
<br />
मित्रों , ये कांग्रेस अब इस देश के न्यायपालिका पर भी बिलकुल विश्वास नही
करती | कांग्रेस के लिए असली तीर्थ स्थान या असली सुप्रीम कोर्ट १० जनपथ
है |<br />
<br />
<div class="separator" style="clear: both; text-align: center;">
</div>
आज के पहले भारत के ६५ साल के इतिहास मे कभी भी किसी भी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के<span class="text_exposed_show"> आदेश पर प्रेसिडेंशियल रिफरेंस नही माँगा | सभी सरकारों ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश को स्वीकार किया है |<br /> <br />
फिर दो बार ऐसा हुआ है जब किसी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट ने आदेश को बदला हो
| राजीव गाँधी के समय मे शाहबानो केस मे सुप्रीम कोर्ट ने मुस्लिम
महिलाओ को भी गुजारा भत्ता देने का आदेश दिया तब राजीव गाँधी मुस्लिम वोट
बैंक के तुष्टीकरण के लिए सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर पूरे ४८ घंटे लगातार
संसद चलवाकर एक नया कानून बनाकर बदल दिया था |<br /> <br /> लेकिन चूंकि आज
कांग्रेस के पास राज्यसभा मे बहुमत ही नही है और लोकसभा मे भी उसे ९८ दूसरे
दलों के समर्थन से बहुमत है इसलिए कांग्रेस अब एक बहुत ही घटिया खेल खेल
रही है जो इस देश के सविधान के लिए आत्मघाती कदम होगा |<br /> <br />
मित्रों, हमारे देश का ढांचा तीन चीजों पर टीका है ..न्यायपालिका ,
कार्यपालिका , और व्यव्थापिका , लेकिन आज कांग्रेस अपने फायदे के लिए
नयायपालिका को तहस नहस करने पर तुली है |<br /> <br /> प्रेसिडेंशियल रिफरेंस क्या होता है ?<br /> ~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~<br /> <br />
चूँकि भारत सरकार को सुप्रीम कोर्ट का फैसला मानना ही पड़ता है .और अगर
सरकार इससे संतुष्ट न हो या सरकार को कोई संदेह हो तो वो राष्ट्रपति के
माध्यम से सुप्रीम कोर्ट से अपने आदेश को बदलने या उसमे संशोधन करने की
मांग करती है |<br /> <br /> आखिर कांग्रेस को २ जी मामले पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला मान्य क्यों नही है<br /> ~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~<wbr></wbr><span class="word_break"></span>~~~~~~~~~<br /> <br />
आज कांग्रेस एकदम घटिया तर्क ये दे रही है की २ जी मामले पर सुप्रीम कोर्ट
के फैसले से भारत मे विदेशी निवेश को धक्का लगेगा | ये एकदम कुतर्क और देश
को बरगलाने वाली बात है |<br /> <br /> मित्रों, ये विदेशी कम्पनीयों को सिर्फ
अपना मुनाफा प्यारा होता है ..अगर किसी धंधे मे इनको मोटा मुनाफा मिल रहा
हो तो कोई इनको कितना भी लात मारे ये बुरा नही मानेंगे |<br /> उदाहरण के लिए
मोरार जी भाई देसाई जब प्रधानमंत्री बने तो उन्होंने पहला काम ये किया की
कोका कोला सहित सभी विदेशी कम्पनियों को लात मारकर खदेड दिया था .. लेकिन
जैसे ही इंदिरा गाँधी प्रधानमंत्री बनी सारी कंपनियां दूम हिलाते हुए फिर
भारत आ गयी |<br /> <br /> चीन ने गूगल और एप्पल को बहुत परेशान किया और गूगल
ने कहा कि वो चीन के दबाव मे नही झुकेगी ..लेकिन जैसे ही बैलेंसशीट कमजोर
हुयी गूगल चीनी सरकार के आगे एकदम झुक गयी |<br /> <br /> मित्रों जब कपिल
सिब्बल ने सोशल नेटवर्किंग साईट और गूगल पर सिकंजा कसना चाहा तो पहले ये
कम्पनियाँ बड़ी बड़ी आज़ादी की बाते कर रही थी .लेकिन बाद मे सिब्बल के आगे सब
झुक गयी<br /> <br /> फिर इसकी असली वजह क्या हो सकती है ?<br /> ~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~<br /> <br /> सुब्रमण्यम स्वामी जिन्होंने इस महाघोटाले को उजागर किया है और जो इस घोटाले के तह तक गए है<br /> <br />
उन्होंने कई बार मीडिया मे और कोर्ट मे कहा है की इस २ जी के एक लाख
छिहत्तर हज़ार करोड की लूट मे कुल ३०% सोनिया गाँधी ने खाए है और वो बीमारी
के बहाने बार बार उसे विदेश के ठिकाने लगाकर आती है | आजतक सोनिया गाँधी ने
इस महाघोटाले पर कुछ नही बोला है और इतना ही नही ए राजा को पूरे एक साल तक
बचाया गया |<br /> <br /> सुब्रमण्यम स्वामी के आरोप पर आजतक सोनिया गाँधी ने खंडन नही किया है और न ही उन्हें कोई लीगल नोटिस भेजा है ..<br /> <br /> तो फिर क्या सोनिया गाँधी के दबाव मे सरकार ये सब कर रही है ?<br /> ~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~<wbr></wbr><span class="word_break"></span>~~~~~<br /> <br />
जी हाँ ,, क्योकि कंपनियों ने जिस काम के लिए पैसे दिये है और अगर काम नही
हुआ तो फिर पैसे तो वापस करने पडेंगे | और २ जी मे तो दो कम्पनियाँ दाउद
इब्राहीम की है और चार कम्पनियों मे अंडरवर्ल्ड के दूसरे खूंखार लोगो का
पैसा लगा है .. वैसे मे ये लोग अपना घूस मे तौर पर दिया गया पैसा
वसूलने के लिए किसी भी हद तक जा सकते है .. इसीलिए सोनिया गाँधी के दबाव मे
केन्द्र सरकार चाह रही है कि, कुछ भी करके किसी भी तरह २ जी के लाईसेंस बचा
लिए जाये ताकि मैडम ने जो पैसा खाया है वो पैसा मैडम को वापस न करना पड़े <br /> <br /> (जितेन्द्र प्रताप सिंह)</span></div>खरी-खरीhttp://www.blogger.com/profile/10269991841550505866noreply@blogger.com1tag:blogger.com,1999:blog-2999588423638919946.post-55358993088331407192012-04-04T10:52:00.000+05:302012-04-04T10:52:00.915+05:30नरेंद्र मोदी को वोट करे हिंदुत्व के लिए<div dir="ltr" style="text-align: left;" trbidi="on">
<div class="separator" style="clear: both; text-align: center;">
<a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEgUyoqPZGxb06qsrKIW4oWw3-_ZYpHSNL4YypdE49IkOFHjovzbjpmIjraoiG-6NOCAU3iegigQmbkYxG3Y7i0kBekoYLkhUKy_jHVfcN2BxbCgxH6iOwHk0qjLMd6o2x4Tp1sgfzSARWE/s1600/305523_377545715619778_100000930577658_1122994_199646598_n.jpg" imageanchor="1" style="margin-left: 1em; margin-right: 1em;"><img border="0" height="400" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEgUyoqPZGxb06qsrKIW4oWw3-_ZYpHSNL4YypdE49IkOFHjovzbjpmIjraoiG-6NOCAU3iegigQmbkYxG3Y7i0kBekoYLkhUKy_jHVfcN2BxbCgxH6iOwHk0qjLMd6o2x4Tp1sgfzSARWE/s640/305523_377545715619778_100000930577658_1122994_199646598_n.jpg" width="640" /></a></div>
जिहादियों एवं पाकिस्तानियों ने एकजुट हो कर मोदी जी के विरुद्ध वोट करना शुरू<br /> कर दिया है,<br /> <br /> पिछले १२ घंटे में<br /> १०००० से ऊपर वोट मोदी जी के विरुद्ध डाले हैं।<br /> <br /> अतः हर भारतीय का कर्तव्य बनता है<br /> की वे इस लिंक पे जायें एवं<br /> मोदी जी के लिए वोट करें।<br /><span class="text_exposed_show"> <br /> <a href="http://ti.me/H0aJ7k" rel="nofollow nofollow" target="_blank">http://ti.me/H0aJ7k</a><br /> <br /> <a href="http://www.time.com/time/specials/packages/article/0,28804,2107952_2107953_2109997,00.html" rel="nofollow nofollow" target="_blank">http://www.time.com/time/specials/packages/article/0,28804,2107952_2107953_2109997,00.html</a><br /> <br /> केवल ८०,००० वोट चाहिए उन्हें<br /> शीर्ष पे ले जाने के लिए एवं समय<br /> बस दो दिन।<br /> कृपया अपने मित्रों के साथ<br /> साझा (शेयर) करे</span></div>खरी-खरीhttp://www.blogger.com/profile/10269991841550505866noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-2999588423638919946.post-819951610517657172012-03-20T17:55:00.002+05:302012-03-20T17:55:13.129+05:30क्या गाँधी को काले गोरे के कारण रेल से फेका था ?<div dir="ltr" style="text-align: left;" trbidi="on">
<div class="separator" style="clear: both; text-align: center;">
<a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEgVdmQVlClmHkC_8kzlmVdVKmVyGcjQUjFG4i49FDNa_wGs-YAYlRDLzh164vvQpNuAK07lHVqMI0Qt4BQPoSa9aIdT6kevKm-Rrd3ZeJIYnxERVGnd99gpk72VR7LuRrIjg_-Tbwh8Eag/s1600/357_gandhi.jpg" imageanchor="1" style="margin-left: 1em; margin-right: 1em;"><img border="0" height="500" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEgVdmQVlClmHkC_8kzlmVdVKmVyGcjQUjFG4i49FDNa_wGs-YAYlRDLzh164vvQpNuAK07lHVqMI0Qt4BQPoSa9aIdT6kevKm-Rrd3ZeJIYnxERVGnd99gpk72VR7LuRrIjg_-Tbwh8Eag/s640/357_gandhi.jpg" width="640" /></a></div>
आप सब ने मोहन दास करमचंद गाँधी का नाम तो सुना ही होगा अरे वही जिसने
विदेश में वकालत की पढाई करी थी वकालत करने के लिए पर सुना है की काले और
गोरे के चक्कर में एक अंग्रेज ने उनका कुटावा चडाया और ट्रेन से नीचे फेंक
दिया था. ये वो घटना है जो बहुत प्रचलित है. इस पर मैंने बहुत विचार किया
और कई बार विचार करने के बाद मेरा अपना शोध है की ये एक दम बकवास और बे सर
पैर की बात है. कुटावा और रेल से तो फेका गया पर<span class="text_exposed_show"> कारण काले गोरे का नहीं था ? स्वेम जाने क्यों ?<br /> <br /> पहली बात क्या रेल में सफर करने वाले एक मात्र काले व्यक्ती मोहन दास करमचंद गाँधी ही था ?<br /> <br /> दुसरी बात अगर काले लोग सफर करते थे तो और किसी और के साथ ऐसा क्यों नहीं हुहा ?<br /> <br /> तीसरी बात अगर ओरो के साथ भी हुहा था तो उन घटनायो का जिक्र क्यों नहीं है सिर्फ इसी घटना का जिक्र क्यों है ?<br /> <br /> जब ये घटना घटी तब गाँधी अकेले थे और तब वो इतने मशहूर नहीं थे की वो खबर बनते ? तो ये खबर इतिहाश का हिस्सा केसे बनी ?<br /> <br />
अथार्त गाँधी ने ही अपने अनुयाईयो को बताया होगा, तो स्वेम के साथ घटी
किसी घटना को खुद ही बताये जिसका कोई गवाह ही नहीं तो वो सच केसे मानी जा
सकती है ?<br /> <br /> अब इस घटना की सचाई ये है कि:-<br /> <br /> ये सच है की अंग्रेज ने गाँधी को पीटा भी और रेल से फेका भी, पर काले गोरे के कारण नहीं |<br /> <br />
आप सब गाँधी के चरित्र के बारे में भी जानते ही है, भले ही स्वीकार न करे
किसी के स्वीकार करने या न करने से सच तो बदलेगा नहीं तो सच यही है की
गाँधी का चरित्र महीलाओ को लेकर अच्छे संस्कारो का तो था नहीं.<br /> <br /> तो
हुहा ये होगा की गाँधी ने अकेले में किसी अंग्रेज की लुगाई के साथ बदतमीज
(फिलर्ट) की होगी और उस अंग्रेज लुगाई का पति उसी समय आ गया होगा अब ऐसे
समय में तो सब देशो के सब मर्दों को गुस्सा आता ही है सो उस अंग्रेज को भी
आया और उसने गाँधी का कुटावा चडाया और रेल से नीचे भी फेंक दिया होगा जिसे
चतुर सुजान श्री श्री १००००००००००००००८ मोहनदास करमचंद गाँधी ने बड़ी ही
चतुराई से इस घटना में अपने को काले गोरे का शिकार घोषित करा लिया.<br /> <br /> मेरा स्पष्ट मानना है की सच्चाई यही है, वो नहीं जो हमे इतिहाश में पढाया गया ? बाकी पाठकगण स्वेम फैसला करे.</span></div>खरी-खरीhttp://www.blogger.com/profile/10269991841550505866noreply@blogger.com2tag:blogger.com,1999:blog-2999588423638919946.post-15907571492504262272012-02-18T21:25:00.003+05:302012-02-18T21:46:25.211+05:30भारत में ७ लाख ३२ हज़ार गुरुकुल एवं विज्ञान की २० से अधिक शाखाए थी<div dir="ltr" style="text-align: left;" trbidi="on">
<div class="separator" style="clear: both; text-align: center;">
<a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhPflymjND1Q3VRdKc_v_pX2Zy3njH4OYowIPv7bg69NICikTwEYPjGqnUF16MGEi9mc9o5SRM7okjeoGhnnym9YEw2p0cF6kMmP_epfEk30gLtMakbj3TR9ragF6zIpMtF1x3Alfuw1lU/s1600/rajivdixit01.jpg" imageanchor="1" style="margin-left: 1em; margin-right: 1em;"><img border="0" height="344" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhPflymjND1Q3VRdKc_v_pX2Zy3njH4OYowIPv7bg69NICikTwEYPjGqnUF16MGEi9mc9o5SRM7okjeoGhnnym9YEw2p0cF6kMmP_epfEk30gLtMakbj3TR9ragF6zIpMtF1x3Alfuw1lU/s640/rajivdixit01.jpg" width="640" /></a></div>
<div class="separator" style="clear: both; text-align: center;">
</div>
<div style="text-align: justify;">
"<a href="http://kharee-kharee.blogspot.in/2012/02/blog-post_17.html" target="_blank">भारत का स्वर्णिम अतीत</a>" से आगे : अब बात आती है की भारत में विज्ञान पर इतना शोध किस प्रकार होता
था, तो इसके मूल में है भारतीयों की जिज्ञासा एवं तार्किक क्षमता, जो
अतिप्राचीन उत्कृष्ट शिक्षा तंत्र एवं अध्यात्मिक मूल्यों की देन है।
"गुरुकुल" के बारे में बहुत से लोगों को यह भ्रम है की वहाँ केवल संस्कृत
की शिक्षा दी जाती थी जो की गलत है। भारत में विज्ञान की २० से अधिक शाखाएं
रही है जो की बहुत पुष्पित पल्लवित रही है जिसमें प्रमुख <strong>१. खगोल
शास्त्र २. नक्षत्र शास्त्र ३. बर्फ़ बनाने का विज्ञान ४. धातु शास्त्र ५.
रसायन शास्त्र ६. स्थापत्य शास्त्र ७. वनस्पति विज्ञान ८. नौका शास्त्र ९.
यंत्र विज्ञान</strong> आदि इसके अतिरिक्त शौर्य (युद्ध) शिक्षा आदि कलाएँ
भी प्रचुरता में रही है। संस्कृत भाषा मुख्यतः माध्यम के रूप में, उपनिषद
एवं वेद छात्रों में उच्चचरित्र एवं संस्कार निर्माण हेतु पढ़ाए जाते थे।</div>
<div style="text-align: justify;">
<br /></div>
<div style="text-align: justify;">
थोमस
मुनरो सन १८१३ के आसपास मद्रास प्रांत के राज्यपाल थे, उन्होंने अपने
कार्य विवरण में लिखा है मद्रास प्रांत (अर्थात आज का पूर्ण आंद्रप्रदेश,
पूर्ण तमिलनाडु, पूर्ण केरल एवं कर्णाटक का कुछ भाग ) में ४०० लोगो पर
न्यूनतम एक गुरुकुल है। उत्तर भारत (अर्थात आज का पूर्ण पाकिस्तान, पूर्ण
पंजाब, पूर्ण हरियाणा, पूर्ण जम्मू कश्मीर, पूर्ण हिमाचल प्रदेश, पूर्ण
उत्तर प्रदेश, पूर्ण उत्तराखंड) के सर्वेक्षण के आधार पर जी.डब्लू.लिटनेर
ने सन १८२२ में लिखा है, उत्तर भारत में २०० लोगो पर न्यूनतम एक गुरुकुल
है। माना जाता है की मैक्स मूलर ने भारत की शिक्षा व्यवस्था पर सबसे अधिक
शोध किया है, वे लिखते है "भारत के बंगाल प्रांत (अर्थात आज का पूर्ण
बिहार, आधा उड़ीसा, पूर्ण पश्चिम बंगाल, आसाम एवं उसके ऊपर के सात प्रदेश)
में ८० सहस्त्र (हज़ार) से अधिक गुरुकुल है जो की कई सहस्त्र वर्षों से
निर्बाधित रूप से चल रहे है"।</div>
<div style="text-align: justify;">
<br /></div>
<div style="text-align: justify;">
उत्तर भारत एवं दक्षिण भारत के आकडों के कुल पर औसत निकलने से यह ज्ञात होता है की भारत में १८ वी शताब्दी तक <strong>३०० व्यक्तियों पर न्यूनतम एक गुरुकुल था</strong>।
एक और चौकानें वाला तथ्य यह है की १८ शताब्दी में भारत की जनसंख्या लगभग
२० करोड़ थी, ३०० व्यक्तियों पर न्यूनतम एक गुरुकुल के अनुसार भारत में <strong>७ लाख ३२ सहस्त्र गुरुकुल</strong>
होने चाहिए। अब रोचक बात यह भी है की अंग्रेज प्रत्येक दस वर्ष में भारत
में भारत का सर्वेक्षण करवाते थे उसे के अनुसार १८२२ के लगभग भारत में कुल <strong>गांवों की संख्या भी लगभग ७ लाख ३२ सहस्त्र थी</strong>,
अर्थात प्रत्येक गाँव में एक गुरुकुल। १६ से १७ वर्ष भारत में प्रवास करने
वाले शिक्षाशास्त्री लुडलो ने भी १८ वी शताब्दी में यहीं लिखा की "भारत
में एक भी गाँव ऐसा नहीं जिसमें गुरुकुल नहीं एवं एक भी बालक ऐसा नहीं जो
गुरुकुल जाता नहीं"।</div>
<div style="text-align: justify;">
<br /></div>
<div style="text-align: justify;">
राजा की सहायता के अपितु, समाज से पोषित इन्ही गुरुकुलों के कारण १८ शताब्दी तक भारत में साक्षरता ९७% थी, <strong>बालक के ५ वर्ष, ५ माह, ५ दिवस के होते ही उसका गुरुकुल में प्रवेश हो जाता था।</strong>
प्रतिदिन सूर्योदय से सूर्यास्त तक विद्यार्जन का क्रम १४ वर्ष तक चलता
था। जब बालक सभी वर्गों के बालको के साथ निशुल्कः २० से अधिक विषयों का
अध्यन कर गुरुकुल से निकलता था। तब आत्मनिर्भर, देश एवं समाज सेवा हेतु
सक्षम हो जाता था।</div>
<div style="text-align: justify;">
<br /></div>
<div style="text-align: justify;">
इसके उपरांत विशेषज्ञता (पांडित्य) प्राप्त करने
हेतु भारत में विभिन्न विषयों वाले जैसे शल्य चिकित्सा, आयुर्वेद, धातु
कर्म आदि के विश्वविद्यालय थे, नालंदा एवं तक्षशिला तो २००० वर्ष पूर्व के
है परंतु मात्र १५०-१७० वर्ष पूर्व भी भारत में ५००-५२५ के लगभग
विश्वविद्यालय थे। थोमस बेबिगटन मैकोले (टी.बी.मैकोले) जिन्हें पहले हमने
विराम दिया था जब सन १८३४ आये तो कई वर्षों भारत में यात्राएँ एवं
सर्वेक्षण करने के उपरांत समझ गए की अंग्रेजो पहले के आक्रांताओ अर्थात
यवनों, मुगलों आदि भारत के <strong>राजाओं, संपदाओं एवं धर्म का नाश</strong> करने की जो भूल की है, उससे पुण्यभूमि भारत कदापि पददलित नहीं किया जा सकेगा, अपितु <strong>संस्कृति, शिक्षा एवं सभ्यता का नाश</strong> करे तो इन्हें पराधीन करने का हेतु सिद्ध हो सकता है। इसी कारण "<strong>इंडियन एज्यूकेशन एक्ट</strong>"
बना कर समस्त गुरुकुल बंद करवाए गए। हमारे शासन एवं शिक्षा तंत्र को इसी
लक्ष्य से निर्मित किया गया ताकि नकारात्मक विचार, हीनता की भावना, जो
विदेशी है वह अच्छा, बिना तर्क किये रटने के बीज आदि बचपन से ही बाल मन में
घर कर ले और अंग्रेजो को प्रतिव्यक्ति संस्कृति, शिक्षा एवं सभ्यता का नाश
का परिश्रम न करना पड़े।</div>
<div style="text-align: justify;">
<br /></div>
<div style="text-align: justify;">
उस पर से अंग्रेजी कदाचित शिक्षा का माध्यम
अंग्रेजी नहीं होती तो इस कुचक्र के पहले अंकुर माता पिता ही पल्लवित होने
से रोक लेते परंतु ऐसा हो न सका। हमारे निर्यात कारखाने एवं उत्पाद की कमर
तोड़ने हेतु भारत में स्वदेशी वस्तुओं पर अधिकतम कर देना पड़ता था एवं
अंग्रेजी वस्तुओं को कर मुक्त कर दिया गया था। कृषकों पर तो ९०% कर लगा कर
फसल भी लूट लेते थे एवं "<strong>लैंड एक्विजिशन एक्ट</strong>" के माध्यम
से सहस्त्रो एकड़ भूमि भी उनसे छीन ली जाती थी, अंग्रेजो ने कृषकों के
कार्यों में सहायक गौ माता एवं भैसों आदि को काटने हेतु पहली बार कलकत्ता
में कसाईघर चालू कर दिया, लाज की बात है वह अभी भी चल रहा है। सत्ता
हस्तांतरण के दिवस (१५-८-१९४७ ) के उपरांत तो इस कुचक्र की गोरे अंग्रेजो
पर निर्भरता भी समाप्त हो गई, अब तो इसे निर्बाधित रूप से चलने देने के लिए
बिना रीढ़ के काले अंग्रेज भी पर्याप्त थे, जिनमें साहस ही नहीं है भारत को
उसके पूर्व स्थान पर पहुँचाने का | </div>
<div style="text-align: justify;">
<br /></div>
<strong></strong><br />
<div style="text-align: justify;">
<strong><strong>"दुर्भाग्य है की भारत
में हम अपने श्रेष्ठतम सृजनात्मक पुरुषों को भूल चुके है। इसका कारण
विदेशियत का प्रभाव और अपने बारे में हीनता बोध की मानसिक ग्रंथि से देश के
बुद्धिमान लोग ग्रस्त है" – डॉ.कलाम, "भारत २०२० : सहस्त्राब्दी"</strong></strong></div>
<strong>
</strong><br />
<div style="text-align: justify;">
<br /></div>
<div style="text-align: justify;">
आप
सोच रहे होंगे उस समय अमेरिका यूरोप की क्या स्थिति थी, तो सामान्य बच्चों
के लिए सार्वजानिक विद्यालयों की शुरुआत सबसे पहले इंग्लैण्ड में सन १८६८
में हुई थी, उसके बाद बाकी यूरोप अमेरिका में अर्थात जब भारत में प्रत्येक
गाँव में एक गुरुकुल था, ९७ % साक्षरता थी तब इंग्लैंड के बच्चों को पढ़ने
का अवसर मिला। तो क्या पहले वहाँ विद्यालय नहीं होते थे? होते थे परंतु
महलों के भीतर, वहाँ ऐसी मान्यता थी की शिक्षा केवल राजकीय व्यक्तियों को
ही देनी चाहिए बाकी सब को तो सेवा करनी है।</div>
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<span style="background-color: cyan; font-family: 'Courier New', Courier, FreeMono, monospace; font-size: 15px; font-weight: bold; line-height: 21px; text-align: left;">(ये लेख पूजनीय राजीव दीक्षित जी के स्वर्णिम भारत 2 से है)</span></div>
</div>खरी-खरीhttp://www.blogger.com/profile/10269991841550505866noreply@blogger.com3tag:blogger.com,1999:blog-2999588423638919946.post-91565795507736539342012-02-17T16:13:00.003+05:302012-02-17T17:20:32.091+05:30भारत का स्वर्णिम अतीत<div dir="ltr" style="text-align: left;" trbidi="on">
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<a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEjRJCJ5GDzn3G8pml9yvA7sscsWCn_vd4CFnnevcVRj7utR-SqDz80XpBJuwXWU5dB_jHylcindGkWuwl8NMJZ8SN4M42mIGQuSShOCcRW9jWHEupKnJLXO4JdcoKTZdNlTW07zjg_DB7E/s1600/rajivdixit01.jpg" imageanchor="1" style="margin-left: 1em; margin-right: 1em;"><img border="0" height="344" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEjRJCJ5GDzn3G8pml9yvA7sscsWCn_vd4CFnnevcVRj7utR-SqDz80XpBJuwXWU5dB_jHylcindGkWuwl8NMJZ8SN4M42mIGQuSShOCcRW9jWHEupKnJLXO4JdcoKTZdNlTW07zjg_DB7E/s640/rajivdixit01.jpg" width="640" /></a></div>
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पूर्णतः दोषी आप नहीं है, संपन्नता एवं उन्नति रूपी प्रकाश हेतु हम
पूर्व की ओर ताकते है किंतु सूर्य हमारी पीठ की ओर से निकलता है। देशकाल की
दृष्टि से कहूँ तो मात्र १९०-२४० वर्ष पूर्व का भारत, दूसरे शब्दों में,
मनुष्य की औसत आयु ६० वर्ष भी मान ले तो मात्र ३-४ पीढ़ी पूर्व। दो सौ से भी
अधिक विद्वान इतिहासकारों ने, शोधकर्ताओं ने जब "सोने की चिड़िया" (वर्तमान
भारतियों में भारत के इतिहास के नाम पर शेष) पर शोध कर जो शोधपत्र,
पुस्तके आदि लिखी उसके कुछ अंश आपसे साझा कर रहा हूँ।</div>
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जिनमें से एक
थे, थोमस बेबिगटन मैकोले (टी.बी.मैकोले) जो १८३४ में आये एवं १८५१ लगभग १७
वर्ष तक भारत में रहे। जिस कुव्यवस्था के कारण हमे अपने ही देश का अतीत
आपको विदेशी विद्वानों के प्रमाणों आदि से बताना पड़ रहा है, उसमें इनका
बहुत बड़ा योगदान रहा है। इन्हें अभी विराम देते है, लोगो में धारणा बनी
रहती है की अंग्रेजो के पहले का भारत मात्र कृषि प्रधान देश था जो की
पूर्णतः असत्य है। अंग्रेजी इतिहासकार विलियम डिग्वी जिनके बारे में
प्रचलित है की वे बिना किसी प्रमाण के कुछ बोलते नहीं, लिखते नहीं उन्होंने
१७ वी शताब्दी में भारत को "सर्वश्रेष्ठ" व्यापारिक, कृषि एवं औद्योगिक
देश लिखा है। भारत की भूमि को सबसे उपजाऊ, व्यापारियों को सबसे निपुण एवं
भारतीय शिल्पकारों एवं दस्तकारो द्वारा निर्मित किसी भी उत्पाद का केवल
स्वर्ण के ही बदले विक्रय होने की बात लिखता है। आगे इनकी लेखनी से यह
निश्चित हो जाता है की भारत निर्यात प्रधान देश था। </div>
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फ़्रांसिसी
इतिहासकार फ्रांस्वा पेराड ने सन १७११ में भारत पर लिखे ग्रन्थ में सैकड़ों
प्रमाण दिए है, वे लिखते है " मेरी जानकारी में भारत देश में ३६ प्रकार के
ऐसे उद्योग चलते है जिनमें उत्पादित प्रत्येक वस्तु विदेशो में निर्यात
होती है", "भारत के उत्पाद सबसे उत्कृष्ट एवं सबसे सस्ते होते है", "मुझे
मिले प्रमाण के अनुसार है भारत का निर्यात ३००० वर्षों (अर्थात बुद्ध से
५०० वर्ष एवं महावीर जी से लगभग ६५० वर्ष पूर्व) से निर्बाधित रूप चलता आ
रहा है"। स्कॉटिश इतिहासकार मार्टिन लिखते है "जब ब्रिटेन एवं इंग्लैण्ड के
निवासी बर्बर एवं जंगली जानवरों की तरह जीवन जीते थे तब भारत में सर्वोच्च
कोटि का वस्त्र बनता था एवं विश्व के देशों में विक्रय होता था"। आगे
लिखते है की "मुझे यह स्वीकार करने में कोई शर्म नहीं है की भारतवासियों ने
विश्व को कपड़ा पहनना एवं बनाना सिखाया है" इसके साथ वह यह भी जोड़ते है की
"रोमन साम्राज्य में जितने भी राजा रानी हुए है उन सभी ने भारत में ही
निर्मित कपड़े पहने है, आयात किये है"|</div>
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विलियम वार्ड ने एवं फ़्रांस
के टेवर्नियर ने भी भारत के वस्त्र उद्योग के बारे में बहुत से प्रमाण दिए
है। सन १८१३ में अंग्रेजो की संसद में बहस के समय कई अंग्रेजी सांसदों ने
कई प्रमाणों एवं सर्वेक्षणों के आधार पर विवरण दिया, सारे विश्व का लगभग
४३% उत्पादन अकेले भारत में होता है,यही बात उन्होंने १८३५ में एवं १८४० तक
उद्धरण (quote) की। ऐसे ही सारे विश्व के निर्यात में भी भारत का भाग लगभग
३३% था इसे भी संसद में १८४० तक तक उद्धरण किया गया। इसी क्रम में एक अकड़ा
सकल जगत की कुल आमंदनी का अंग्रेजो ने उद्धरण किया जिसमें से लगभग २७% भाग
हमारा था।</div>
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जी.डब्ल्यू.लिटनेर, थोमस मुनरो, पैनडर्कास्ट्, कैम्पवेल
आदि अधिकारीयों ने भी भारत की तकनीकी एवं शिक्षा व्यवस्था पर बहुत कार्य
किया।</div>
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कैम्पवेल लिखते है "जिस देश का उत्पादन सबसे अधिक होता है यह
तभी संभव है जब वहाँ कारखाने हो, कारखाने तभी संभव है जब तकनिकी हो, तकनीकी
तभी संभव है जब विज्ञान हो एवं जब विज्ञान मूल रूप से शोध के लिए प्रस्तुत
हो तब उसमें से तकनीकी का निर्माण होता है"।</div>
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शोध → विज्ञान { मूल विज्ञान (फंडामेंटल) > प्रयोगिक विज्ञान (एप्लाइड) } → तकनीकी → कारखाने → उत्पाद</div>
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अगला पढ़ें : भारत में ७ लाख ३२ हज़ार गुरुकुल एवं विज्ञान की २० से अधिक शाखाए थी.<br />
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(ये लेख पूजनीय राजीव दीक्षित जी के स्वर्णिम भारत १ से है)</div>खरी-खरीhttp://www.blogger.com/profile/10269991841550505866noreply@blogger.com4